बची खुची सम्पत्ति / भवभूति मिश्र
बची खुची सम्पत्ति (छोटी कहानियों का संग्रह) कथाकार : भवभूति मिश्र सम्पादक : ईशान कुमार मिश्र सह-सम्पादक : सितांशु शेखर वितरण-प्रबन्धक : अंगीरा मिश्र प्रथम संस्करण : सम्वत् 2011(सन् 1954) तृतीय संस्करण : सम्वत् 2045 (महाशिवरात्रि) (C) प्रकाशकाधीन मूल्य : रुपये 25/- मात्र प्रकाशक : विभूति प्रकाशन, 'भवतारिणी', इन्द्रपुरी-1, रातू रोड, रांची-834005 (शाखा - दिल्ली) समर्पण आज 34 वर्षों के बाद इस पुस्तक का पुनः प्रकाशन मुझमें एक अज्ञात खुशी और चेतना का संचार कर रहा है। समय साक्षी है कि इन वर्षों में हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में आंदोलनात्मक परिवर्तन आए हैं। नये-नये प्रयोग , नये-नये उपचार। पर आज यह देखकर और भी आश्चर्य होता है कि कैसे इतने वर्षों पहले एक भविष्यद्रष्टा की तरह उन्होंने सब कुछ देख लिया था ! प्रयोग होते रहे हैं , होते रहेंगे पर साहित्य की वह शाश्वत धारा अबाध गति से चलती रहेगी जो साहित्य की संजीवनी है। इस विधा का रूप आज कुछ विकृत हो चला है। चुटकुले और साधारण व्यंग्य भी आज इसी श्रेणी में रक्खे जाने लगे हैं। तब ‘ बची खुची सम्पत्ति ’ का प्रकाशन नितांत ही आवश्यक हो उठा है...