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डॉ. रामनिवास 'मानव' की लघुकथाओं का अंतर्पाठ / शील कौशिक (डॉ.)

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पुस्तक   : डॉ. रामनिवास 'मानव' की  लघुकथाओं का अंतर्पाठ  लेखिका :  शील कौशिक  (डॉ.) प्रकाशक :  बोधि प्रकाशन सी-46, सुदर्शनपुरा इंडस्ट्रियल एरिया एक्सटेंशन नाला रोड, 22 गोदाम, जयपुर-302006 फोन : 0141-2213700, 9829018087 ई-मेल : bodhiprakashan@gmail.com कॉपीराइट © डॉ. शील कौशिक प्रथम संस्करण : 2022 ISBN : 978-93-5536-220-9  कम्प्यूटर ग्राफिक्स : बनवारी कुमावत आवरण संयोजन : बोधि टीम मुद्रक : तरु ऑफसेट, जयपुर मूल्य : ₹ 200/ अनुक्रम ● रचनाधर्मी 'मानव': व्यक्तित्व के खुलते आयाम ● प्रसंगवश ● डॉ. मानव के लघुकथा-संग्रहों का संक्षिप्त ब्यौरा ● विषयानुसार लघुकथाओं का समीक्षात्मक अध्ययन ●  डॉ. रामनिवास 'मानव' की लघुकथाओं का तात्त्विक विवेचन ● विभिन्न आलेखों के आलोक में डॉ. 'मानव' की लघुकथा के बारे में स्पष्ट धारणाएँ  ● उपसंहार डॉ. शील कौशिक  जन्म व जन्म स्थान  :  19 नवम्बर 1957, फरीदाबाद (हरियाणा) शिक्षा : एम.एससी. एल.एलबी. एम.एच.एम ( होम्योपैथी) विद्यासागर भारत गौरव (मानद उपाधि) सम्प्रति : सेवानिवृत्त जिला मलेरिया अधिकारी स्वास्थ्य विभाग हरियाणा । प्रकाशित पुस्तके

पैंसठ हिन्दी लघुकथाएँ / अशोक भाटिया (सं)

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लघुकथा-संकलन : पैंसठ हिन्दी लघुकथाएँ सम्पादक : अशोक भाटिया प्रथम संस्करण : मार्च 2001 C संपादित पुस्तक : अशोक भाटिया  C संकलित लघुकथाएं : संबंधित रचनाकार प्रकाशक : जनसुलभ पेपरबैक्स 193.21 सिविन्त लाइस, बरेली 243001 - 20581-429193 मुद्रक : साहनी प्रिन्टर्स, बद्रीश भवन, आर्य नगर, लखनऊ।  टाइप सैटिंग : माइक्रो प्रो, बरेली । वितरक : ● सहयात्रा प्रकाशन प्रा. लि. C-52/Z-3, दिलशाद गार्डन, दिल्ली 110095  ● अयन प्रकाशन 1/20 महरौली, नई दिल्ली ।  ● सुभाष पुस्तक भण्डार, 35, 450, गुरुनानक मार्केट, लखनऊ।  ● लखनऊ लेखनी प्रकाशन, 30, नेहरू नगर, लखनऊ - 226004 मूल्य  : रुपये 25.00 आवरण चित्र : प्रभात आमुख यह पुस्तक आम पाठकों और लघुकथा के विद्यार्थियों-दोनों को ध्यान में रखकर तैयार की गयी है । सभी भारतीय भाषाओं (विशेष रूप से गुजराती, पंजाबी, उर्दू, मलयालम, बंगला आदि भाषाओं) में लघुकथाएँ लिखी जा रही हैं। लेकिन सन् 1971 के बाद जैसा उफान हिंदी लघुकथा - क्षेत्र में आया था, वैसा किसी और भाषा में नहीं हुआ। हिंदी कहानी की भांति लघुकथा को भी आरम्भ हुए एक शताब्दी बीत चुकी हैं। इस पुस्तक का उद्देश्य कुछ ऐसे लेखकों

लघुकथा शतक / जसबीर चावला (डॉ.)

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लघुकथा-संग्रह  : लघुकथा शतक कथाकार  :   डॉ. जसबीर चावला  C जसबीर चावला ISBN : 978-93-84032-66-1 प्रकाशक :  गीतिका प्रकाशन 16, साहित्य विहार, बिजनौर-246701 (उ.प्र.)  फ़ोन : 01342-263232, 07838090732 ई-मेल : geetikaprakashan2310@gmail.com वेब साइट : www.hindisahityaniketan.com टाइप सैटिंग : अनुभूति ग्राफ़िक्स, बिजनौर ( उ. प्र.) आवरण : अनुभूति मुद्रक : आदर्श प्रिंटर्स, दिल्ली 32 संस्करण : प्रथम 2020 मूल्य : तीन सौ रुपए अपनी बात पहला लघुकथा संग्रह नब्बे के दशक में छपा था, अयन प्रकाशन से। दूसरा 'सच के सिवा' 2004 में दोनों अब उपलब्ध नहीं हैं। स्व. भूपाल सूद जी से कई बार निवेदन किया था दूसरा संस्करण नहीं, तो चुनिंदा लघुकथाओं का एक संग्रह ही निकाल दें। नए संग्रह निकलते रहे, पर वह योजना साकार नहीं हुई। पांडुलिपि उनके यहाँ ही पड़ी रह गई। छापेंगे, छप रही है, छप गई है, करते-करते तो वे चल बसे। अब यह लघुकथा-शतक उनकी स्मृति को समर्पित है। उक्त दोनों किताबों से तो चुनी ही, साथ ही साथ 'कोमा में मछलियाँ' और 'आतंकवादी' से भी लघुकथाएँ लीं तो, सौ हो गईं। शतक नाबाद रहे ! कोरोना- का

हिन्दी लघुकथा : विश्लेषण में खुलते विविध आयाम /शील कौशिक (डॉ.)

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पुस्तक  : हिन्दी लघुकथा विश्लेषण में खुलते  विविध आयाम  लेखिका  :  डाॅ. शील कौशिक   ISBN : 978-93-93219-07-7 मूल्य : चार सौ रुपये प्रथम संस्करण: 2022 सर्वाधिकार : लेखिकाधीन  प्रकाशक :  राइजिंग स्टार्स 600/5-ए, आदर्श मोहल्ला,  गली नं० 15 मौजपुर, दिल्ली- 110053 चलवार्ता : 9891985727 अनुक्रम 1. जनमानस से जुड़ती विधा, लघुकथा : भविष्य, दृष्टि व पोषण  2. हिंदी लघुकथा में फिल्मी गीतों की अवधारणा 3. दिव्यांग जगत की लघुकथाओं में सामाजिक चेतना 4. लघुकथाओं में शिल्प व शैली को लेकर प्रयोगशीलता के आयाम 5. हिंदी लघुकथाओं में बुजुर्ग विमर्श  6. लघुकथा के विकास में प्रयोगात्मक संभावनाएँ 7. लघुकथा में नवाचार की सार्थक पहल 8. हिंदी लघुकथाओं में नारी चेतना 9. हिंदी लघुकथा में मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण विश्लेषण 10. हिंदी लघुकथा में शीर्षक का महत्व एवं प्रयोगशीलता 11. समीक्षा के क्षेत्र में नई संभावनाएँ 12. रोजमर्रा के जीवन में झाँकती प्रयोगधर्मी लघुकथाएँ 13. आधुनिक हिंदी लघुकथा के समीक्षा बिंदु नामचीन लघुकथाकारों की लघुकथाओं की प्रकृति और पाठ पर लिखे समीक्षात्मक आलेखों का दस्तावेजीकरण ■  डॉ. पुरुषोत्तम दुबे

ये आप ही के किस्से हैं / कुमारसंभव जोशी

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कुमारसम्भव जोशी का यह लघुकथा-संग्रह मधुदीप की अनेक अति विशिष्ट योजनाओं  में से एक है। इसी तरह की एक अन्य योजना के अंतर्गत महिला कथाकारों में उन्होंने सविता इन्द्र गुप्ता की लघुकथाओं का संग्रह भी प्रकाशित किया था। मधुदीप के चले जाने से सक्षम नवोदितों को प्रकाश में लाने की उक्त योजना को निश्चित रूप से धक्का लगा है।  लेकिन मनुष्य, उनमें भी साहित्य और कला की संवेदनशील दुनिया के लोग रुद्ध धारा को खोलना तथा नयी दिशा देना जानते हैं।   इसलिए, मधुदीप ने मील के जिस पत्थर को स्थापित किया है, वह अन्तिम नहीं है, विश्वास रखना चाहिए और आशान्वित भी रहना चाहिए । -- बलराम अग्रवाल   लघुकथा-संग्रह  : ये आप ही के किस्से हैं कथाकार  : कुमारसंभव जोशी प्रकाशन वर्ष  : 2021 ISBN : 978-93-84713-60-7 मूल्य : चार सौ पचास रुपये (सजिल्द)             दो सौ पचास रुपये (पेपरबैक ) © : कुमारसम्भव जोशी प्रथम संस्करण : 2021 प्रकाशक : दिशा प्रकाशन, 138 / 16, त्रिनगर, दिल्ली- 110035 आवरण : डॉ. सुरेश सारस्वत मुद्रक : विकास कम्प्यूटर एण्ड प्रिंटर्स, नवीन शाहदरा, दिल्ली-110032 इस विशेष लघुकथा-संग्रह के फ्लैप-1 पर मधुदीप द्वारा

लघुकथा कलश (पुरुष लघुकथा-विशेषांक-2022) / योगराज प्रभाकर (सं.)

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