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भीतर कोई बंद है / डाॅ. क्षमा सिसोदिया

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लघुकथा-संग्रह:  भीतर कोई बंद है कथाकार  :   डाॅ. क्षमा सिसोदिया ISBN: 978-81-944492-8-7 प्रकाशक : कलमकार मंच 3. विष्णु विहार, अर्जुन नगर, दुर्गापुरा, जयपुर-302018 संस्करण प्रथम : जनवरी, 2020 मूल्य : एक सौ पचास रुपए © डॉ. क्षमा सिसोदिया आवरण : टीम कलमकार कम्प्यूटर कम्पोजिंग : मीडिया चक्र मुद्रण : गोयल ऑफसेट प्रिन्टर्स, जयपुर अनुक्रम 1. मधुर मंगल मिलन 2. सौ सुनार की, एक लोहार की 3. पथ की अशेषता-(आधा दिन) 4. बाल- मजदूर 5. पहली सासू माँ 6. सटीक सवाल 7. बँटवारा 8. बरसाती मेंढक 9. पृष्ठभूमि 10. न्याय की ओट में 11. नशा 12. प्रेम की तलाश 13. कटी हुई पतंग 14. प्रियदर्शिनी 15. अतीत से निरपेक्ष 16. चलित स्वाभिमान 17. सशक्त जागरण अभियान 18. भाग्यरेखा 19. बदलाव 20. गुरु-दक्षिणा 21. मासूम क्राइम 22. देखो वो चला गया 23. मैला आँचल 24. सतगुरु दीक्षा 25. पीड़िता कौन है 26. सुर्खियों की चाहत 27. परदेसिया 28. सवाल 29. उत्तरदायित्व का ज्ञान 30. साहसिक कदम 31. कैदी का स्वप्न 32. साहसी दुल्हन 33. आधुनिक तुलसीदास 34. मिट्टी का दीपक 35. प्रकृति 36. घायल हृदय 37. तमाशा 38. तंत्र-मंत्र 39. अवार्ड 40. साधक की आत्

आवरण के आर-पार / डाॅ. सत्यवीर 'मानव'

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डाॅ. सत्यवीर 'मानव' द्वारा ' लघुकथा सम्मेलन इंदौर, में 29 अक्टूबर  2023 को प्रदत्त। लघुकथा-संग्रह  : आवरण के आर-पार  कथाकार : डाॅ. सत्यवीर 'मानव' ISBN: 978-81-88971-38-1 समन्वय प्रकाशन के.बी. ६७, प्रथम तल, कविनगर, गाज़ियाबाद - २०१००२ ( उ०प्र०) मूल्य : १००.०० रुपये प्रथम संस्करण : २००९ © लेखकाधीन आवरण : आर.के. शर्मा कम्पोज़िग : कोनिका कम्प्यूटर्ज, हिसार (हरि०) मुद्रक : क्वालिटी सिस्टम, शाहदरा - ११००३२ ।। भूमिका ।। मानवीय मूल्यों के लघु अंतरीप हैं ये लघुकथाएँ   बहुआयामी प्रतिभा के रचनाकार डॉ. सत्यवीर 'मानव' के दूसरे लघुकथा संग्रह 'आवरण के आर-पार में कुल ४५ लघुकथाए संगृहीत हैं। संग्रह को लेखक ने दो खंडों में विभाजित किया है-'आवरण के तार-तार एवं 'आवरण के आर-पार । वास्तव में, 'आवरण' ही व्यंजनामूलक शब्द है. जो इस संग्रह में व्यवस्था के प्रतीकीकृत अर्थ में इस्तेमाल हुआ है। यहां यह बात गौरतलब है कि आवरण के तार-तार करने के बाद ही आवरण के आर-पार देखा जा सकता है। वास्तव में, इस संग्रह की लघुकथाएं अपने प्रतीकीकृत अर्थ में न केवल व्यवस्था के विद्रूप क

पवनवेग (लघुकथाकार : रामनिवास 'मानव' विशेषांक) / सत्यवीर 'मानव' (सं.)

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डाॅ. सत्यवीर 'मानव' द्वारा ' लघुकथा सम्मेलन इंदौर, में 29 अक्टूबर  2023 को प्रदत्त।  R.No. 30652/76 P. Regd. No. P/AB170 पवनवेग अम्बाला शहर (हरियाणा) • लघुकथाकार : रामनिवास 'मानव' विशेषांक वर्ष : 5  मूल्य : 30 पैसे प्रति / वार्षिक शुल्क : 15 रु. अंक : 24 (दिसम्बर 2021) सम्पादक : सत्यवीर 'मानव' किसी भी हिन्दी-लघुकथाकार पर केन्द्रित प्रथम विशेषांक ©: डॉ. रामनिवास 'मानव' मूल्य : एक सौ रुपये, पृष्ठ संख्या : 48 प्रथम संस्करण : दिसम्बर, 2021 प्रकाशक : समन्वय प्रकाशन के. बी. 97 (प्रथम- तल), कविनगर, गाज़ियाबाद - 201002 (उ.प्र.) चलित दूरभाष : 9911669922 आवरण : शशि कम्प्यूटरीकृत: शर्मा कम्प्यूटर्स, गाजियाबाद- 201002 मुद्रक : शर्मा ऑफसेट प्रोसेस, गाजियाबाद -201002 डॉ. 'मानव' उवाच • वह गद्य-रचना, जिसमें किसी सूक्ष्म मनःस्थिति अथवा भाव स्थिति को, लघु घटना द्वारा कथात्मक संस्पर्श देकर उकेरा गया हो, लघुकथा कहलाती है। यह आकार में जितनी छोटी होती है, स्वरूप में उतनी ही संश्लिष्ट होती है। इसमें किसी प्रकार के विस्तार की गुंजाइश नहीं होती। लघुकथा तो बिजली की तरह

वामन के डेग / पारस कुंज (सं.)

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लघुकथा-संकलन  : वामन के डेग संपादक : पारस कुंज  मूल्य : पचास रुपये प्रथम संस्करण: 1994 ई० सर्वाधिकार : सम्पादक प्रकाशक : अंगदीप प्रकाशन स्टेशन चौक, भागलपुर-812002 ( बिहार )  आवरण : रॉबिन लघुकथा क्रम 1. अजीत अनुज - गिद्ध, तफरका, वर्दी 2. अशोक आनन - आम आदमी, हमदर्दी, अग्नि परीक्षा 3. ओमजी मिश्र - मिट्टी के इंसान, समय का फेर, बोहनी  4. आर. के. नीरद -- भूख, वारिस, सुरक्षा 5. एम. ए. हक - शीर्षकहीन, मैं, समझौता  6. कमल चोपड़ा - छोनू, सोहबत, पहली चिन्ता  7. ई. केदार नाथ — दो पाटन के बीच, मैं मनुष्य नहीं हूँ, मातृत्व  8. दिनेश बाबा - हाकिम, व्यवस्था का नियामक, रोब का सौदा 9. नैना जोगन – गुलामी की आदत, भाव, सच्चाई 10. नौशाद आलम आजाद - दावेदार, अपारचुनिटी, आत्महत्या 11. पारस कुंज — विसर्जन, डेड लिस्ट, भाग्योदय 12. परमेश्वर गोयल - नेक सलाह, भाव, जाति धर्म 13. बी. एम. राजमहेशपुरी - सम्मान का भूखा, लोभ, भाग्य कौन 14. मधुसूदन शर्मा - समीकरण, मर्यादा, असम्भव 15. मीना शिखा- स्वीकृति, छल, शराफत 16. मनाजिर आशिक हरगांवी - शोक, रंगीन कथन, 17. याकुब इन्शा — डोनेशन, घोंसला, जवाहीर योजना 18. योगेश कौशल – पहच

दावानल के दौर में / उमेश महादोषी

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लघुकथा-संग्रह  :  दावानल के दौर में  कथाकार  : उमेश महादोषी  (लीगल नाम:उमेश चन्द्र) प्रकाशक : सृजन बिम्ब प्रकाशन 301, सनशाइन -2, के. टी. नगर, काटोल रोड, नागपुर-440013, महाराष्ट्रग 08208529489, 09372729002 मूल्य:₹100/_(पेपरबैक) ईमेल : srijanbimb.2017@gmail.com संस्करण : अक्टूबर 2023 (प्रथम) आईएसबीएन : 978-93-91817-90-9 आवरण का चित्र एवं भीतरी रेखांकन : कुँअर रवींद्र  सर्वाधिकार : लेखक, उमेश महादोषी,  121, इन्द्रापुरम, निकट बीडीए कॉलोनी,  बदायूँ रोड, बरेली-243001, उ.प्र.  ईमेल : umeshmahadoshi@gmail.com मोबाइल : 09458929004 लेखक की ओर से दो-चार बातें लघुकथा के प्रति एक भावनात्मक जुड़ाव के बावजूद मैं नियमित लघुकथाकार बनने की प्रक्रिया में कभी शामिल नहीं रहा। पहली लघुकथा एक प्रतियोगिता के लिए संयोगवश और अनुमानित रूपाकार में लिखी गयी थी, तब मुझे लघुकथा के बारे में न तो कोई विशेष जानकारी थी, न ही लघुकथा को लेकर कोई अधययन-मनन । उसके बाद एक लम्बे समय तक कोई लघुकथा नहीं लिखी। शामली कस्बे में रहते हुए 1987-88 के दौरान भाई साहब डॉ. बलराम अग्रवाल जी के संपर्क में आने के बाद लघुकथा के साथ भावनात्म