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दीपांजलि / योगराज प्रभाकर

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                              दीपांजलि                            (लघुकथा संग्रह)                             योगराज प्रभाकर 54, 'ऊषा विला', रॉयल एनक्लेव एक्सटेंशन डीलवाल, पटियाला-47002 (पंजाब)  चलभाषः 98725-68228 प्रथम संस्करण: 2025 मूल्य: 350 रुपये प्रकाशक देवशीला पब्लिकेशन शेराँवाला गेट, पटियाला- 147001 (पंजाब)  चलभाषः 94649-69740 Email: corellover@gmail.com मुद्रक : राहुल कंप्यूटर्स शेरौवाला गेट, पटियाला- 147001 (पंजाब) चलभाषः 98769-30229 ISBN No. 978-81-937659-6-8 आवरण पृष्ठः संदीप राशिनकर  @योगराज प्रभाकर अनुक्रमणिका दो शब्द / योगराज प्रभाकर  प्रकाश से अंधकार की ओर ले जाने वाली दीपांजलि / डॉ. महेन्द्र कुमार  1. अंतिम चेहरा 2. अनश्वर बीज 3. अज्ञात बंदी 4. अदृश्य आघात 5. अधूरी रसीद 6. अनाम तृष्णा 7. अनामिका 8. अपरिभाषित 9. अब और नहीं 10. अभियोग पत...
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                              आठवाँ सुर                            (लघुकथा संग्रह)                           योगराज प्रभाकर 54, 'ऊषा विला', रॉयल एनक्लेव एक्सटेंशन डीलवाल, पटियाला-47002 (पंजाब)  चलभाषः 98725-68228 प्रथम संस्करण: 2025 मूल्य: 350 रुपये प्रकाशक देवशीला पब्लिकेशन शेराँवाला गेट, पटियाला- 147001 (पंजाब)  चलभाषः 94649-69740 Email: corellover@gmail.com मुद्रक राहुल कंप्यूटर्स शेरौवाला गेट, पटियाला- 147001 (पंजाब) चलभाषः 98769-30229 ISBN No. 978-81-937659-5-1 आवरण पृष्ठः संदीप राशिनकर  @योगराज प्रभाकर हलफ़िया बयान / योगराज प्रभाकर  मौन और मुखरता के मध्य 'आठवाँ सुर' का कथात्मक आलाप / डाॅ. पुरुषोत्तम दुबे 1. अंतिम चेतावनी 2. अंतिम पंक्ति का बोझ 3. अंधयुग 4. अगला मोड़ 5. अठारह सौ सत्तावन 6. अनकही तृष्णा 7. अनकहे अनुबंध 8. अनसुना गीत 9. अनुगूँज 10. अवरोध 11....

अलगू और जुम्मन / कामेश्वर पंकज (सं.)

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                        अलगू और जुम्मन            (सांप्रदायिक सौहार्द केंद्रित लघुकथा संग्रह)                                संपादक                             कामेश्वर पंकज, अनाथालय रोड, लीची बगान, कटिहार-854105 (बिहार) सम्पर्क नं0-9123162131 ISBN : 978-81-986846-8-4 संपादक : मैत्रेयी प्रकाशन, दिल्ली बी-2187, गली नं.-45, कौशिक एन्क्लेव बुराड़ी, दिल्ली-110084 सम्पर्क : 9431693352 E-mail: maitreyipublication@gmail.com कामेश्वर पंकज (संपादक) प्रथम संस्करण : 2025 मूल्य : 300/- मुद्रक : प्रिन्ट प्लाजा, गर्ल्स स्कूल रोड, कटिहार प्रमोद कुमार चौधरी, मो0-9905003820 Algoo aur Jumman (A Laghukatha sangrah) Edit by Kameshwar Pankaj अनुक्रम लेखक 1. कामेश्वर पंकज 2. क. चन्द्रकिशोर जायसवाल      ख. सुरेश चन्द्र सरस 3. महेश दर्पण 4. संजीव बक्शी 5...

त्रिशंकु / रेखा राजवंशी

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                               त्रिशंकु                          (लघुकथा-संग्रह)                                कथाकार                              रेखा राजवंशी  ISBN: 978-93-6423-350-7 प्रकाशक : अयन प्रकाशन जे-19/39, राजापुरी, उत्तम नगर, नई दिल्ली-110059 मोबाइल : 9211312372, 8920573345 e-mail: ayanprakashan@gmail.com website: www.ayanprakashan.com © : रेखा राजवंशी प्रथम संस्करण : 2025 मूल्य : 340.00 रुपये Trishanku (Lagukatha-Sangrah) - Rekha Rajvanshi मेरी बात 'त्रिशंकु' लघुकथा संग्रह आपके समक्ष रख रही हूँ। विदेश में होने वाले अनुभवों पर आधारित इस संग्रह की शुरुआत कॉविड समय में हुई थी परंतु अन्य प्रोजेकट्स के चलते ये पूरा नहीं हो पाया था। हरियाणा के वरिष्ठ साहित्यकार श्री राम निवास मान...

पंजाबी चैतन्य लघुकथा / जगदीश राय कुलरियां (सं.)

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PUNJABI CHATENYA LAGHUKATHAYEN (A Collection of Laghukathas) ISBN: 978-93-91484-79-8 Editor and Translator: Jagdish Rai Kulrian #46, Employees Colony, Bareta (Mansa)-151501 M. No. 94173-29033, 95018-77033  E-mail : jagdishkulrian@gmail.com जगदीश राय कुलरियाँ # 46, ईम्पलाइज कॉलोनी, बरेटा, (मानसा) पंजाब । प्रथम संस्करण : 2025 मूल्य : 290/- रुपये (Paperback) © लघुकथा शोध केंद्र समिति, भोपाल प्रकाशक : अपना प्रकाशन, 54/ए, सेक्टर-सी बंजारी, कोलार रोड भोपाल - 462042 (म.प्र.) मो.: 9575465147 ईमेल : apnaprakashan2018@gmail.com मुद्रक : विकास ऑफसेट, भोपाल अनुक्रम 1. क...की... ई..... ?/अनवंत कौर 2. जागृति / अश्वनी खुडाल 3. पराली का सेक/डॉ. कर्मजीत सिंह नडाला 4. संतरे / करमवीर सिंह सूरी 5. नई सुबह / कुलविंदर कौशल 6. शब्दों के घेरे / कैलाश ठाकुर 7. धर्म मित्र / डॉ. गुरविंदर अमन 8. दुर्गावती / गुरमीत सिंह मराड 9. दादी अम्मा की कॉपी / गुरप्रीत कौर 10. संघर्ष / गुरसेवक सिंह रोड़की 11. शवगृह में खड़ा आदमी / जगदीश अरमानी 12. रिश्तों का सच / जगदीश राय कुलरियाँ 13. ढहते मुनारे / जसबीर ढंड 14. मर्दानगी...

'सरोकार' (लघुकथा संकलन)

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'सरोकार' (लघुकथा संकलन) लगभग उनतीस  वर्ष  पूर्व, अप्रैल  1996  में  उज्जैन के  डॉक्टर  शैलेन्द्र  पाराशर के  संपादन  और  मुकेश  जोशी  जी  के  संयोजन  में  'साहित्य  मन्थन' साहित्यिक  संस्था,  उज्जैन  द्वारा प्रकाशित  किया गया था  जिसमें  उज्जैन और आसपास के 20  लघुकथाकारों  की  रचनाएँ  सम्मिलित  थीं | (प्रकाशकीय पृष्ठ  और  अनुक्रमणिका  पुस्तक  में  नहीं है।) सम्पादकीय   सरोकार हमारे आसपास रोजमर्रा की जो घटनाएँ घटित होती हैं, उनका सीधा 'सरोकार' हमारी जीवन पद्धति से रहता है। हर छोटी या बड़ी घटना हमारे आन्तरिक व बाह्य चिन्तन का परिणाम होती हैं, जो इस बात की ओर इंगित करती है कि हम भौतिक और अभौतिक रूप में कैसी दुनिया बना रहे हैं। 'साहित्य मंथन' संस्था ने युवा सृजनशील साहित्यकारों की लघुकथा के संकलन 'सरोकार' के माध्यम से अपने आसपास के तेवर तलाशन के कोशिश की है। 'सरोकार' में जो लघुकथाएँ संकलित हैं उनमें 'त्याग' में मालिक औ...

समकालीन लघुकथा और प्रेमचंद (आलोचना) / बलराम अग्रवाल (संपादक)

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  प्रेमचंद की लघ्वाकारीय कथाएँ बद्रीसिंह भाटिया (04-7-1947 — 24-4-2021 )   # बद्री सिंह भाटिया लघुकथा के वर्तमान परिदृश्य से प्रतीत होता है कि यह अपनी विकास यात्रा पर उत्तरोत्तर अग्रसर है। गति धीमी होने का कारण पहले कि इसका आकार छोटा हैं पत्र–पत्रि़काओं के संपादकों को यह ‘फीलर’ की बजाए फिल्लर है। गद्यात्मक रूप होने के कारण यह कविता की तरह भी प्रस्तुत नहीं की जा सकती। चूँकि आकार छोटा है इसलिए कुछ रचनाकार इसके प्रस्तुतीकरण में मनमर्जी का प्रयोग भी कर रहे हैं। संभवत: यह कारण रहा हो कि वे मात्र लिखने के लिए लिख रहे हैं। विधा को या उसके मान को समक्ष रखकर नहीं लिखा जा रहा। यानी कि यह लेखन सायास बनकर रह गया है कि–इसमें क्या है , ऐसा तो मैं भी लिख सकता हूँ। चूँकि इसे ‘कथा’ नाम से अभिहित किया गया है अतएव यह चूल्हे के पास सुनाई जा रही बोध कथा , हितोपदेश के बात स्पष्ट करने के प्रसंग और पौराणिक प्रेरक प्रसंगों को भी अपने में समेटने लगी। खैर , लघुकथा हमारे समाज में मौखिक और लिखित रूप में लंबे समय से विद्यमान है। मानव–मन की परिणति मनोरंजन की रही है। वह थोड़े समय में यो बिना दिमाग ह...