लघुकथा विशेषांक 2020/रीटा खडयाल (सं.)
संपादक (कार्यकारी) : रीटा खडयाल
प्रथम संस्करण : 2020
आई.एस.बी.एन. : नहीं
प्रकाशक : सेक्रेटरी, जे. एंड के. अकैडमी ऑफ आर्ट, कल्चर एंड लैंग्वेजिज, केनाल रोड, जम्मू-180001
फोन : +91-191-2542640/2577643/2579576
अनुक्रमणिका :
यशपाल निर्मल की लघुकथाएँ
बाप की सीट
गर्व
सच्चा प्यार
अजनबी
मोह माया
कीर्ति श्रीवास्तव की लघुकथाएँ
माया
बदलता रवैया
श्रद्धा सुमन
बैरी केवट
खानाबदोश
अश्वनी कुमार आलोक की लघुकथाएँ
गुमशुदा
एतद्धि रामायणम्
मधुमेह
प्रेम न बाड़ी उपजै
आपद्धर्म
केशव मोहन पांडेय की लघुकथाएँ
क्षमा
खिलौना
मुक्ति
प्यार
अनफ्रेंड
डॉ. मनोज तिवारी की लघुकथाएँ
टिशू पेपर
काला चेहरा
बोझ
प्रयास
काश
शशि पाधा की लघुकथाएँ
मोहर
गुथली
परतें
तबादला
डॉ. शिवम तिवारी की लघुकथाएँ
वृद्धाश्रम का दुःख
हम सब मात्र निमित्त हैं
राष्ट्रप्रेम
सच्ची दोस्ती
सच्चा मानवधर्म
संतोष सुपेकर की लघुकथाएँ
सोलहवें दिन
तीसरा पत्थर समूह
कर्ता के मन और...
खुशबूदार जवाब
महंगाई की तरह
प्रेरणा गुप्ता की लघुकथाएँ
पुरुषों का संसार
मृगतृष्णा
मन के छाले
विभाजित सत्य
जिंदगी की जंग
कृष्ण चंद्र महादेविया की लघुकथाएँ
लड़की की जात
दूध की नदियां
सासू मां
अंकल
प्रसव की पीड़ा
गुडविन मसीह की लघुकथाएँ
नन्ही चिड़िया
विकल्प
आतंकी चूहा
बगावत
पाप
मधु त्यागी की लघुकथाएँ
सामर्थ
भला-बुरा
बंधन
चाह
मनुष्य
संदीप तोमर की लघुकथाएँ
बदलता समय
लायक बेटा
असली मुजरिम कौन
तू नहीं समझेगा
मैं तुझे राखी बांधूगा
डॉ. प्रभा कुमारी की लघुकथाएँं
रैगिंग
डिमांड
बुर्का
सीताराम गुप्ता की लघुकथाएँ
सिला
हिमायत
प्रेरणा स्रोत
फैसला
कृतज्ञता-1
आर्यावर्ती सरोज आर्य की लघुकथाएँ
परिंदों की चहचहाट
कपूत
भण्डारा
मौत की परछाई
मैं चंदन हूँ
डॉ. दिग्विजय शर्मा की लघुकथाएँ
मजबूरी
बद्दुआ
विजेता सूरी रमण की लघुकथाएँं
मांग का टीका
नजरिया
तकदीर
कमली
पुरुषोत्तम सलगोत्र की लघुकथाएँ
जीत
वैशाखी
जवाबदेही किसकी...
कालचक्र
बिन्दिया रैना तिक्कू की लघुकथाएँ
बचपन की डायरी
तुम थे ही कहाँ
कोमल उड़ान
असाधारण छवि
नई पेन
इंद्र भूषण बाली की लघुकथाएँ
भारत माता
रणछोड़
सुगंध
बादाम, पिस्ता और काजू
डॉ. मंजू पुरी की लघुकथाएँ
बिच्छू बूटी
यह हमारे घर का मामला है
रोड लाइट
डॉ. सुधाकर आशावादी की लघुकथाएँं
कैंसर
पुनरावृति
डॉ. करुणा पांडे की लघुकथाएँ
पुण्य लाभ
खून
महाराज कृष्ण संतोषी की लघुकथाएँ
मिट्टी की गवाही
वृषभ
जोगिंदर पाल जिंदल की लघुकथाएँ
चार दृश्य
बेटी
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा की लघुकथाएँ
ब्रेकिंग न्यूज़
खुदकुशी
सबिता दास की लघुकथाएँ
नई राह
अपना ख्याल रखना
सोनिया उपाध्याय की लघुकथाएँ
बचपन
पितृ श्राद्ध के पन्द्रह दिन
कुलदीप चन्देल की लघुकथाएँ
पत्नी का श्राद्ध
संकलन से एक प्रतिनिधि लघुकथा : तीसरा पत्थर समूह / संतोष सुपेकर
पत्थरों की सभा में बहस चल रही थी, इस युग में सबसे शक्तिशाली कौन-सा पत्थर समूह! तीन समूह बने हुए थे। वाद-विवाद, चिल्लाहट, दावों-प्रतिदावों के बीच सब अपने को शक्तिशाली बता रहे थे। वाद-विवाद निम्न स्तर पर आते देख तत्काल एक निर्णायक चुना गया और पत्थरों के हर समूह को अपनी-अपनी बात रखने का अवसर दिया गया।
बहुत बड़े आकार के पत्थरों का पहला समूह जो कि खून के लाल रंग एवं धूल-मिट्टी से सराबोर था, बोला, ‘‘हम भारी पत्थर इंसानों के सिर पर गिरते हैं तो उसकी जान ही ले लेते हैं। उनके मकानों-दुकानों पर गिरते हैं तो तबाही का भयानक अंजाम पेश कर देते हैं। इसलिए सबसे शक्तिशाली हम हैं।
दूसरा समूह जो के आकार में सामान्य था, भी अलग-अलग रंगों में रंगा एवं हार-फूलों से लदा हुआ था, बोला, ‘‘इंसान ने शानदार धर्मस्थान बनाकर हमें वहाँ बड़ी इज्जत से बैठा रखा है। हमारे आगे सिर झुकाता है वह, इसलिए स्वयं सिद्ध है कि सबसे शक्तिशाली हम ही हैं।’’
तीसरा तो बहुत छोटे आकार के पत्थरों का था। वह न तो किसी रंग में रंगा था, न ही धूल-धूसरित था। यह समूह तो बड़ा साफ-सुथरा, पानी में नहाया ताजा-ताजा सा लग रहा था, ‘हम वह पत्थर हैं’ उनका नेता बोला, ‘‘जो न किसी की जान लेते हैं न ही पूजे जाते हैं। हम तो केवल शांत पानी में फेंके जाने वाले पत्थर हैं। ठहरे हुए शांत पानी में फेंके जाते हैं और फिर वहाँ मची तीव्र आक्रोशित हलचल का भरपूर मजा लेते हैं।
तीसरे समूह को कलयुग का सबसे शक्तिशाली पत्थर समूह माना गया।
रीटा खडयाल
जन्मतिथि : 13.07.1978 (ग्राम राह्या सुचानी)।
सम्प्रति : संपादक- शीराजा (हिन्दी) एवं हमारा साहित्य , जे. एंड के. अकैडमी ऑफ आर्ट, कल्चर एंड लैंग्वेजिज, जम्मू।
उपलब्धियाँ : अब तक कांफ्रेंस विशेषांक, महिला लेखन विशेषांक एवं कहानी विशेषांक सहित शीराजा (हिन्दी) के दस अंकों का तथा ‘हमारा साहित्य’ के दो लघुकथा विशेषांकों का संपादन। चर्चित युवा संगीतज्ञ रीटा जी आकाशवाणी एवं दूरदर्शन की स्वीकृत (Approved) गायिका हैं। संगीत (क्लासिकल वोकल) में परास्नातक (गोल्डमेडलिस्ट) हैं। आप 15 तोला (24 कैरेट) स्वर्ण मूल्य के अखिलभारतीय डिवोशनल सॉन्ग कम्प्टीशन 2005 की विजेता हैं। वीनस कम्पनी के साथ आपका संगीत रिकार्डिंग एवं लाइव स्टेज प्रदर्शन हेतु अनुबंध है।
संपर्क : संपादक- शीराजा (हिन्दी) एवं
जन्मतिथि : 13.07.1978 (ग्राम राह्या सुचानी)।
सम्प्रति : संपादक- शीराजा (हिन्दी) एवं हमारा साहित्य , जे. एंड के. अकैडमी ऑफ आर्ट, कल्चर एंड लैंग्वेजिज, कैनाल रोड, जम्मू-180001, जे. एंड के.
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