लघुकथा विशेषांक 2020/रीटा खडयाल (सं.)
लघुकथा विशेषांक : हमारा साहित्य 2017-2018 (लघुकथा विशेषांक-1)
संपादक (कार्यकारी) : रीटा खडयाल
प्रथम संस्करण : 2020
आई.एस.बी.एन. : नहीं
प्रकाशक : सेक्रेटरी, जे. एंड के. अकैडमी ऑफ आर्ट, कल्चर एंड लैंग्वेजिज, केनाल रोड, जम्मू-180001
फोन : +91-191-2542640/2577643/2579576
अनुक्रमणिका :
कमलेश भारतीय की लघुकथाएँ
सात ताले और चाबी
कुछ खास नहीं
स्टिकर
राजनीति
चेहरा
उमेश महादोषी की लघुकथाएँ
वो एक क्षण
पिंजड़े को पकड़कर झूलती चिड़िया
एक रिश्ता यह भी
फेसबुक के पाठक बनाम लघुकथा के पाठक
राम का लंकादहन
रामकुमार आत्रेय की लघुकथाएँ
बूढ़ी लड़की
संस्कृति
खतरनाक आदमी
सुख-दुःख
मिट्टी का दीया
मधुदीप की लघुकथाएँ
उजबक की कदमताल
टीस
लौटा हुआ अतीत
योद्धा पराजित नहीं होते
रामकुमार घोटड़ की लघुकथाएँ
भटकती आत्मा
समय-समय की बात
चाँद पर रोटी
घर-घर की कहानी
उनके आने के बाद
राजेंद्र परदेसी की लघुकथाएँ
विवशता
अधिकारी
अनुराग का एक क्षण
जंगलीपन
राधेश्याम भारतीय की लघुकथाएँ
बड़ा हूँ ना!
मेरा घर
पुल
कमी
अमृत
अशोक लव की की लघुकथाएँ
दो प्रार्थनाएँ
न सबूत न गवाह
राजनीति-बाला
परदे के पीछे
सरजू बड़ा हो गया
प्रदीप बिहारी की मैथिली लघुकथाएँ
फेसबुक फ्रेंड
सुशासन
संतान
चश्मा
मादा गौरैया
मुक्ति
सुदर्शन वशिष्ठ की लघुकथाएँ
बूढ़ों की गंध
पिता का घर
सरकारी मेले में हंसी
ग्रहण और ग्रहण
रामलीला
डॉ. ओम गोस्वामी की लघुकथाएँ
तमाशा
पति परमेश्वर
पूरी आजादी
रस्सा कशी
देश के लिए
डॉ. आदर्श की लघुकथाएँ
बाल-गोपाल
परंपरा और संस्कृति
टूटी डाल
दरख्वास्त
हो के जानना
आगत
डॉ. शील कौशिक की लघुकथाएँ
पुल की मजबूती
नास्तिक कहीं का
प्रतियोगिता
प्रतिरूप
मन्नत
डॉ. संध्या तिवारी की लघुकथाएँ
चप्पल के बहाने
समूचा मन
कविता
क्षेपक
ग्रेड शेड
डॉ. प्रत्युष गुलेरी की लघुकथाएँ
धर्म-पुण्य
बे वजह
इज्जत
खुशनुमा मौसम
हाशिए पर
प्रो. राजकुमार की लघुकथाएँ
मसीहा भाई
परिंदे
गढ़ा
मिशन
एक पंथ दो काज
नरेश कुमार ‘उदास’ की लघुकथाएँ
टूटा दर्पण
बुढ़िया
अभागी माँ
रेप
अनोखी भेंट
ढोंगी बाबा
किशोर श्रीवास्तव की लघुकथाएँ
असली करवा चौथ
रिटायरमेंट
प्रॉमिस डे
नशा
दंगे का धर्म
जसविंदर शर्मा की लघुकथाएँ
सुरक्षा
असर
सही ग्राहक
नए नोट
ज्योत्सना कपिल की लघुकथाएँ
चुनौती
रोबोट
मिठाई
कब तक?
मुफ्त शिविर
सुधा भार्गव की लघुकथाएँ
माँ और माँ
वह वृद्ध और वह वृद्धा
टेढ़ी उँगलियाँ
पुत्रदान
मुफ्त की सेवाएँ
शराफत अली खान की लघुकथाएँ
मुहब्बत
शोर
बॉयफ्रेंड
विवशता
मर्द की इज्जत
डॉ. फकीर चंद शुक्ला की लघुकथाएँ
मेहरबानी
अभिनंदन
हैप्पी बर्थ डे
अनुभव
डॉ. विद्या श्रीवास्तव की लघुकथाएँ
जो उन्हें नहीं करना था
एक दीप उनके लिए
वे दोनों सही हैं
पांच हजार रुपए
संकलन से एक प्रतिनिधि लघुकथा : बूढ़ों की गंध / सुदर्शन वशिष्ठ
एक उम्र बीत जाने के बाद बूढ़ों से एक अलग प्रकार की गंध आने लगती है। यह गंध बूढ़ों के आसपास मोह ममता की भांति फैली रहती है। कोई बूढ़ा इस गंध से बच नहीं सकता। यद्यपि इस गंध से बेटे-बहुएँ बचना चाहते हैं। जहाँ बूढ़ा बैठता है, उस जगह के आसपास से संतानों को चिढ़ होने लगती है।
ऐसी गंध जब दादा से आने लगी तो वे सरकारी मकान के स्टोर वाले कोने में दुबके से रहने लगे। जब सभी ऑफिस या स्कूल चले जाते, वे धीमे-धीमे सहमे-सहमे निकलते और पालतू तोते की तरह आहिस्ता-आहिस्ता फर्श पर पाँव रखते चलते।
जब मैंने होश सँभालने के बाद दादाजी को जाना पहचाना, उनमें यह गंध समा चुकी थी। उनके कपड़ों, उनके शरीर से यह गंध बराबर आने लगी थी। पिताजी उन्हें गाँव से शहर ले आए थे।
जब घर में खास मेहमान आते, दादा स्टोर वाले कमरे में छिपे रहते। कभी हम बच्चें उन्हें बाहर लाने की कोशिश भी करते, तब भी वे नहीं आते। न जाने क्या संकोच या डर उनके मन में घर कर गया था।
एक बार स्वीटी की बर्थ डे पार्टी में हम उन्हें जबरदस्ती बाहर ले आये। उनके बाहर आते ही बच्चे सहम गए। उनका नाच बंद हो गया। बड़े तो जैसे फ्रीज हो गए।
वे सोफे पर बैठे ही थे कि कुछ बच्चे चिल्लाए-
‘‘फाउल स्मैल! फाउल स्मैल!!’’
ये स्मैल कहाँ से! सभी ने नाक-भौं सिकोड़ ली।
दादाजी ने गंध समेटनी चाही।
गंध का प्रवाह भी रोक पाया है कोई!
रीटा खडयाल
जन्मतिथि : 13.07.1978 (ग्राम राह्या सुचानी)।
सम्प्रति : संपादक- शीराजा (हिन्दी) एवं हमारा साहित्य, जे. एंड के. अकैडमी ऑफ आर्ट, कल्चर एंड लैंग्वेजिज, जम्मू।
उपलब्धियाँ : अब तक कांफ्रेंस विशेषांक, महिला लेखन विशेषांक एवं कहानी विशेषांक सहित शीराजा (हिन्दी) के दस अंकों का तथा ‘हमारा साहित्य’ के दो लघुकथा विशेषांकों का संपादन। चर्चित युवा संगीतज्ञ रीटा जी आकाशवाणी एवं दूरदर्शन की स्वीकृत (Approved) गायिका हैं। संगीत (क्लासिकल वोकल) में परास्नातक (गोल्डमेडलिस्ट) हैं। आप 15 तोला (24 कैरेट) स्वर्ण मूल्य के अखिलभारतीय डिवोशनल सॉन्ग कम्प्टीशन 2005 की विजेता हैं। वीनस कम्पनी के साथ आपका संगीत रिकार्डिंग एवं लाइव स्टेज प्रदर्शन हेतु अनुबंध है।
संपर्क : संपादक- शीराजा (हिन्दी) एवं हमारा साहित्य, जे. एंड के. अकैडमी ऑफ आर्ट, कल्चर एंड लैंग्वेजिज, जम्मू-180001, जे. एंड के.
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