लघुकथा कलश (आलेख महाविशेषांक-2)/योगराज प्रभाकर (सं.)
लघुकथा कलश आलेख महाविशेषांक-2
वर्ष 4 अंक: 7 जनवरी-जून 2021 मूल्य: ₹500/
संपादकीय (सातवाँ पग)
चिंतन विविधा
● समकालीन लघुकथा में संघर्ष चेतना (कमल चोपड़ा)
● लघुकथा और फटेसी (कुमारसंभव जोशी)
• सार्वभौमिक लघुकथाएँ (चंद्रेश कुमार छतलानी) • पौराणिक काल पर आधारित आधुनिक संदर्भ की लघुकथाएँ (मालती वसंत)
प्रांत विविधा
● उत्तराखंड के हिंदी लघुकथाकारों की लघुकथाओं में समाज-संस्कृति (खेमकरण 'सोमन')
• लघुकथा की कहानी महाराष्ट्र के लघुकथाकारों की जुबानी (हेमलता मिश्र 'मानवी')
• लघुकथा में हिमाचल (रतन चंद 'रत्नेश')
विमर्श विविधा
• अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक दृष्टिकोण और हमारी लघुकथाएँ (अंतरा करवड़े)
● लघुकथा में नवीन विषयों की आवश्यकता (नीरज सुधांशु).
● समकालीन साहित्य में लघुकथा (रेखा लोढ़ा).
• लघुकथा में भाषाई सौंदर्य (संतोष सुपेकर)
• नवागत लघुकथाकारों की पीठ पर भ्रमों की पोटली ( सविता इंद्र गुप्ता)
• रचनात्मकता में आए बदलाव ही सृजन की दिशा तय करते हैं (सूर्यकांत नागर).
भाषा विविधा
● लघुकथा विधा के प्रति आस्था और विश्वास का पर्याय सिंधी लघुकथा (हूंदराज बलवाणी)
• पंजाबी लघुकथा के प्रमुख हस्ताक्षर (जगदीश राय कुलरियाँ)
व्यक्तित्व विविधा
● अनेक कालजयी लघुकथाओं के सर्जक: अशोक लव (अनिल शूर 'आज़ाद')
• डॉ. जसबीर चावला का व्यक्तित्व एवं कृतित्व (धर्मेंद्र कुमार राठवा)
• खिड़कियों से झाँकता लेखक : दीपक मशाल (खेमकरण 'सोमन)
• पारस दासोतः विषय वैविध्य के अन्वेषी लघुकथाकार (पुरुषोत्तम दुखे)
● मार्टिन जॉन की लघुकथाओं में शिल्प प्रयोग का तात्त्विक अभिव्यंजन (पुरुषोत्तम दुबे)
● लघुकथा के सौम्य सत्याग्रही डॉ. योगेंद्रनाथ शुक्ल (पुष्पेंद्र दुबे)
● डॉ. राजकुमार निजात की लघुकथाओं में मानवीय संवेदनाएँ (आशा खत्री 'लता')
● 'स्व' की अनुभूति से 'सर्व' को अभिभूत करने वाले रचनाकार रामकुमार आत्रेय (राधेश्याम भारतीय)
● लघुकथा के कुरुक्षेत्र में डॉ. रामकुमार घोटड़ का योगदान (भगीरथ परिहार).
● जन-जन के कुशलचितेरे डॉ रामनिवास मानव (सत्यवीर मानव)
● लघुकथा के प्रौढ़ शिल्पी रूप देवगुण (ज्ञानप्रकाश 'पीयूष')
• लघुकथा के विकास में सतीशराज पुष्करणा का अवदान (अनिता राकेश)
● हिंदी लघुकथा के विकास में सुकेश साहनी का योगदान (सतीशराज पुष्करणा).
साक्षात्कार
● कोई भी लेखक अपने समय से कटकर जिंदा नहीं रह सकता (मिथिलेश दीक्षित की मधुदीप से वार्ता )
• लघुकथाओं में 'सत्यम् शिवम् सुन्दरम' का सनातन रूप दृष्टिगोचर होना चाहिए (प्रताप सिंह सोढ़ी की डॉ पुरुषोत्तम दुबे के लघुकथा में अवदान पर वार्ता)
संस्थान / शहर / प्रकाशन विविधा
● लघुकथा की संस्कारधानी: जबलपुर (कुँवर प्रेमिल )
● मील के पत्थर स्थापित करती पत्रिका: अविराम साहित्यिकी (ज्योत्सना कपिल)
● लघुकथा के विकास में अखिल भारतीय प्रगतिशील लघुकथा मंच' की भूमिका (ध्रुव कुमार)
● लघुकथा के विकास में 'कथादेश' पत्रिका का योगदान (नितिन सेठी).
● राष्ट्रीय फलक पर लघुकथा नगर सिरसा (शील कौशिक).
संस्मरण
एक नया अध्याय (सुधा भार्गव)
अमूल्य धरोहर
● हिंदी लघुकथा की अमूल्य धरोहर- 'राही': लघुकथा-आलेख अंक
पुस्तक समीक्षा
• महानगर के लघुकथाकारों की श्रेष्ठ लघुकथाएँ (कैलाश विद्यालंकार)..
प्राप्त पुस्तकें
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