लघुकथा-संग्रह-2021/राम मूरत 'राही'

लघुकथा-संग्रह : भूख से भरा पेट 

कथाकार  : राम मूरत 'राही'

प्रथम वर्ष  : 2021

ISBN 978-93-85438-62-2

आवरण : संदीप राशिनकर

प्रकाशक :

अक्षर विन्यास

एफ-6/3, ऋषिनगर, उज्जैन 

ई-मेल: aksharvinyas@gmail.com

फोन: 0734-2512591

अनुक्रम

1. ठिठुरते रिश्ते

2. मेरा तीर्थ

3. हँसते आँसू

4. मर्द- नामर्द

5. डाटा और आटा

6. भूख से भरा पेट

7. फिक्र

8. कलियुग क

9. परोपकारी उवाच

10. इंसानियत

11. अनपेक्षित

12. इंसान नहीं 

13. कठोर व्यंग्य

14. टिप

15. मैं द्रोपदी नहीं

16. जब से...

17. हमारा भगवान मर गया

18. विडम्बना

19. मजबूर शब्द

20. अपराध बोध

21. मौत की

22. उपवास

23. आँसू और आँसू

24. सिस्टम

25. जादू की छड़ी

26. तीसरा मित्र

27. जहरदाता

28. सर्वोपरि

29. बिरला उदाहरण

30. नालायक-लायक

31. ऐसा ही दर्द

32. जवाब को सलाम

33. यशोदा माँ

34. औकात

35. मैं नहीं

36. मजहब से बड़ा

37. जो नहीं बहा

38. आग बुझाती आग

39. फिर देखना 

40. डर

41. खामोश शिकायत

42. ओह

43. क्या फायदा

44. अन्त एक टीस की

45. पत्नी कृपा

46. वे बेजुबान

47. नहीं नहीं

48. दूसरा पहलू

49. अंधभक्त

50. पते की बात 

51. मजबूरी की पुकार

52. लौटते कदम

53. ईमानदार पर्सन

54. मैं हूँ ना

55. बहुत जरूरी है

56. शर्त

57. वजह

58. झूठ से भला

59. हम नहीं बदलेंगे

60. जरूरी तो नहीं

61. काश

62. फास्ट 

63. स्वाभिमानी

64. चिन्ता नहीं

65. उजली बात

66. देश और मजहब

67. मजबूर

68. लेकिन बेटा

69. चमत्कार

70. अन्तर

71. इच्छा

72. आधी सुरक्षा

73. वोट

74. निष्ठुरता का लॉकडाउन

75. अच्छी बेईमानी

76. जहर

77. भोला प्रश्न

78. माफ़ कर देना

79. पचास की जगह सौ

80. समझदारी

81. खजाना

82. ईमानदारी का दर्द

83. हम जैसे

84. उल्टे कदम

85. डोज

86. आधा सच

87. गिरगिट

88. कंजूसी अच्छी है

89. फर्क

90. प्लीज मुझे क्षमा करना

91. बदलाव का असर

92. इशारा

93. योग्यता

94. उद्देश्य

95. माँ के लिए

96. एहसास

97. डबल टेंशन

98. ऐसी वैसी

99. क्या यही इंसाफ है

100. प्रतिप्रश्न

101. जादूगरनी

102. ऐसा ही कहते

103. मजबूर आक्रोश

104. कफन खसोट

105. बस इतना करना

106. लक्ष्मी मुस्कुराई 

107. गुस्से से खुशी

108. कृतज्ञता ज्ञापन

109. बदलती भूमिकाएँ

110. जो है सबसे जरूरी

111. अगर मैंने

 इस लघुकथा-संग्रह से एक लघुकथा 'फिक्र'

"बेटा! पके हुए और अच्छे-अच्छे छाँटकर, एक किलो अमरूद दे दो।" घर के सामने बेचने आये फलवाले से मोहनलाल जी ने कहा। "जी. अंकल।" अमरूद तौलकर देते समय फलवाले ने मोहनलाल जी से पूछा, "अंकल जी, अगर आप बुरा न माने तो मैं आपसे एक बात पूछना चाहता हूँ।"

"पूछो बेटा! बुरा नहीं मानूँगा।" मोहनलाल जी ने अमरूद लेकर, पैसा देते हुए कहा।

फलवाले ने उनके घर के बाहर लगे अमरूद के पेड़ की ओर उँगली से इशारा करते हुए पूछा, "अंकल! आपके घर के बाहर अमरूद के पेड़ पर पके हुए बहुत सारे अमरूद लगे हुए हैं, फिर भी आप मुझ से खरीद रहें हैं ? इन्हें तोड़कर आप खाते क्यों नहीं?"

"क्योंकि बेटा! जितना हमे खाना था वो हमने तोड़कर खा लिया, बाकी के हमने गिलहरी और पक्षियों के लिए छोड़ रखें है।"

"गिलहरी और पक्षियों के लिए!"

"हाँ, बेटा! हम तो अमरूद खरीद कर भी खा सकते हैं, लेकिन वे तो खरीद नहीं सकते हैं ना? उन्हें भी तो खाने के लिए चाहिए कि नहीं? अगर हम सब तोड़कर खा जाएंगे, तो वो क्या खाएंगे?"

थोड़ा रुककर वह फिर बोले- "बेटा! ये पेड़ सिर्फ हमने अपने लिए ही नहीं, गिलहरी और पक्षियों के लिए भी लगाया है।"

राम मूरत 'राही'

जन्म : 08 अक्टूबर 1959, बस्ती (उ.प्र.)

लेखन :

●1980 से सतत बाल कहानियाँ, पत्र लेखन, गज़लें, कविताएँ, लघुकथाएँ, व्यंग्य, समीक्षा एवं संस्मरण लेखन में सक्रिय। • देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र-पत्रिकाओं में चार लघुकथा संकलन एवं चार काव्य संकलन में साझेदारी।

प्रकाशित कृतियाँ : एकल लघुकथा संग्रह 'अन्तहीन रिश्ते' (2019), 'भूख से भरा पेट (प्रस्तुत लघुकथा संग्रह)

●'अनाथ जीवन का दर्द' लघुकथा संकलन (2021) अनेक लघुकथाएँ अंग्रेजी, पंजाबी, उड़िया, गुजराती, नेपाली, बांग्ला, उर्दू, मालवी बोली एवं मराठी में। लघुकथा माँ के लिए का नेपाली भाषा में, नेपाल में अभिनयात्मक वाचन

भोपाल दूरदर्शन द्वारा प्रसारित कार्यक्रम 'भवदीय' (1997) में रंग बिरंगा मौसम आया कविता को प्रशंसा प्रमाण पत्र। अखिल भारतीय माँ शकुन्तला कपूर स्मृति लघुकथा प्रतियोगिता-2019 (हरियाणा) में श्रेष्ठ लघुकथा का पुरस्कार 'सामाजिक आक्रोश' सहारनपुर (उ.प्र.) द्वारा आयोजित अ.भा. लघुकथा प्रतियोगिता-2020 में पुरस्कृत। कथादेश (नई दिल्ली) अ. भा. लघुकथा प्रतियोगिता 12 में पुरस्कृत। क्षितिज साहित्य मंच (इंदौर) द्वारा 2019 में 'लघुकथा विशेष उपलब्धि सम्मान। साहित्यनामा पत्रिका द्वारा आयोजित लघुकथा प्रतियोगिता 2020 में क्रिएटर ऑफ दि वीक' घोषित। विश्व हिन्दी रचनाकार मंच, (दिल्ली) द्वारा 'अटल हिन्दी सम्मान-2020' साहित्यनामा पत्रिका द्वारा आयोजित कविता प्रतियोगिता में सर्टिफिकेट ऑफ इमर्जन्स साहित्य संवेद गज़ल प्रतियोगिता-2020 में पुरस्कृत समाचार पत्र लेखक मंच, जावरा (म.प्र.) द्वारा वर्ष 2011 में सर्वाधिक पत्र लेखन का पुरस्कार। श्री माणिकचन्द्र वाजपेई (मामाजी) पत्र लेखन पुरस्कार 2008 (इन्दौर)। नईदुनिया (इन्दौर) में तीन बार एवं दैनिक ट्रिब्यून (चंडीगढ़) में एक बार पुरस्कृत पत्र प्रकाशित। डॉ. एस. एन. तिवारी स्मृति साहित्य सम्मान-20201 कहानीकार स्व. कमलचन्द वर्मा की स्मृति में मालव मयूर सम्मान-2021। 'अहा! जिंदगी' पत्रिका (दैनिक भास्कर) के जुलाई-2021 अंक में लघुकथा पुरस्कृत। 

म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त होकर स्वतन्त्र लेखन।

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