लघुकथा-संग्रह-2019/अनिरुद्ध प्रसाद विमल

लघुकथा-संग्रह  : यक्ष प्रश्न 

कथाकार  : अनिरुद्ध प्रसाद विमल 

ISBN : 978-93-88946-08-7

प्रथम संस्करण : 2019 

© अनिरुद्ध प्रसाद विमल

आवरण : गरिमा सक्सेना :

शब्द संयोजन : रामजीवन यादव

मूल्य : 125 रुपये मात्र

अपनी बात

लघुकथा हिन्दी साहित्य में सर्वाधिक चर्चित विधा के रूप में स्थापित हो चुकी है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि आज लघुकथा साहित्य की किसी भी विधा से अधिक रूचि के साथ लिखी-पढ़ी जाती है। लघुकथा का भविष्य निश्चय ही स्वर्णिम है। इस भौतिकवादी युग में आदमी को समय का अभाव है। आदमी कम से कम समय में बहुत कुछ पा लेना चाहता है। उसके पास लंबी कहानियों, उपन्यासों को पढ़ने का वक्त नहीं है। वह अल्प समय में ही ढेर सारी चीजें बटोरकर अपने दामन में समेट लेना चाहता है। निश्चय ही लघुकथा आदमी की इस जरूरत को पूर्ण करने में समर्थ है। आदमी के जीवन की इस मृग मरीचिका में लघुकथा अथाह जल राशि की तरह है। अपने लघु आकार में ही इसके पास वह मारक शक्ति हैं. जिसका कोई इलाज नहीं।

मैंने अपनी लघुकथाओं को गाँव की सौंधी मिट्टी की गंध से सुवासित करते हुए आम आदमी की पीड़ा के सजग एवं सार्थक चित्रण से जोड़ा है। मेरी दृष्टि में लघुकथा कोई नई विधा नहीं है। यह तो हमारे देश की मिट्टी में सदियों पूर्व वेद, उपनिषद, षड्दर्शन, ब्राह्मण ग्रंथ, मनुस्मृति, महाभारत, पुराण, खासकर बौद्ध जातक कथाओं एवं पंचतंत्र आदि में बीज रूप में सुरक्षित है। भावाभिव्यक्ति की दृष्टि से लघुकथा एक सफल और सशक्त विधा है। कथ्य और शिल्प को लेकर इसमें नये प्रयोग हो रहे हैं। आज काफी मात्रा में सशक्त लघुकथाऐं लिखी जा रही है।

अपनी लघु सीमा में कथ्य और शिल्प की कसावट के साथ गंभीर भावबोध पैदा करने की क्षमता का नाम ही लघुकथा है। जिस बात को लेखक अपनी लम्बी कहानियों में विस्तार के बाद कह पाता है, उसे लघुकथा सहजतापूर्वक अनोखे पैनेपन के साथ कहकर प्रश्न पैदा करती है, जबरन झकझोर कर सोचने के लिए विवश करती है। निश्चय ही लघुकथा आरंभ और अंत में विशिष्ट कौशल की मांग करती है ।

मुझे विश्वास है कि मेरे इस संग्रह की लघुकथाऐं आपको निराश नहीं करेगा। पत्र और प्रतिक्रिया की आशा में।

21.03.2019, होली  - अनिरुद्ध प्रसाद विमल


अनुक्रम 

औरत

सजा

निर्णय

बेटी

दिमाग

मानसिकता

भूख

हम और हमारा देश

किसान

संकल्प

जहर की कीमत

कृष्ण मर गया है

संरक्षक

तीन के दो

समझौता

विक्रम और बैताल

पत्नी

स्मृति दंश

टेंगरा

पंचायती राज

फिर बोला बैताल

लड़की

धनतेरस

दर्जी की सीख

पिशाच कथा

व्यवस्था

जरुरत

हिम्मत

फिर बैतलवा डाल पर

जिद

नेताजी

मोहभंग

आक्रोश एनकाउन्टर

समाधान

आत्मज्ञान

मीठी आवाज का दंश

तुष्टीकरण

प्रोफेसर

नक्सली

पछतावा

जाम

शहीद की आत्मा

दृष्टि

प्रेम

विश्वास

मंदिर-मस्जिद

जेवर

प्रतिमा अनावरण

चन्दा

सिस्टम

यक्ष प्रश्न



अनिरुद्ध प्रसाद विमल


जन्म : 20 नवम्बर, 1950, मिर्जापुर, चंगेरी।

प्रकाशित कृतियाँ : 
हिन्दी: 
1. पागल विद्रोही- नाटक, 2. अंधेरी घाटियों के बीच कविताएँ, 3. अंकुर की आँखें - कविताएँ, 4. आपकी सुनीता कहानी संग्रह, रानी 5. लचिका उपन्यास, 6. मुखिया मंगनीलाल-नाटक, 7. विमल सतसई- दोहे, 8. अपने हिस्से का महाभारत कहानियाँ, 9. मुट्ठी में आकाश हायक, 10. मेरी प्रिय कविताएँ - कविताएँ

अंगिका

1. साँप- नाटक, 2. कागा की संदेश उचारै प्रगीत प्रबंध काव्य, 3. शुकरी- कहानी संग्रह, 4. मेघना - बाल एकांकी, 5. नदी रॉ मोड़ गीति नाटय, 6. ऋतुराग- हायकू काव्य, 7. नीमियां के छाँव-गीत संग्रह, 8. जैवा दी उपन्यास, 9. चानो-कहानी संग्रह 10. आग राग - कविता संग्रह, 11. स्मृति सुधा संस्मरण |

प्रवर्तक : 'शुद्ध कहानी आंदोलन'

शोध कार्य : 'अनिरुद्ध प्रसाद विमल और आपकी सुनीता' - 'एम फिल'।

संपादन

1. छोटे-छोटे इन्द्रधनुष - लघुकथा संग्रह 2. समय स्वर- हिन्दी कविताएँ 3. शुद्ध कहानी- कहानी पत्रिका 4. गुलमोहर के गाँव में, 5. समकालीन अंगिका कहानी 6. समय रॉ सूरज

सम्प्रति : 'समय', हिन्दी एवं 'अंगधात्री' अंगिका त्रैमासिक पत्रिका का संपादन।

संपर्क
: संपादक- 'समय', समय साहित्य सम्मेलन, पुनसिया, बाँका, बिहार - 813109

मोबाइल : 6202283140/ 9934468342

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