चिंगारी तथा अन्य लघुकथाएँ-2022/अशोक वर्मा
कथाकार : अशोक वर्मा
ISBN: 978-81-952133-3-7
प्रथम संस्करण : 2022
प्रकाशक :
एस. पी. कौशिक इंटरप्राइजेज
जगतपुरी एक्सटेंशन, ए-49 भू-तल, गली नं. 6 दिल्ली -110093
मो. 0-9873620352
Email : spkaushikenterprises@gmail.com
मूल्य: 300.00 रुपये
अनुक्रम
• भूमिका
• संवेदनाओं को सघनता से झकझोरतीं : चिंगारी तथा अन्य लघुकथाएँ / हरनाम शर्मा
1. चिंगारी
2. उसकी पींग
3. तुम उदास अच्छे नहीं लगते
4. चौकीदार
5. पीली साड़ी का दर्द
6. रईस
7. गुलफाम
8. दादी के नुस्खे
9. घर निकाला
10. दो जूतों की गुफ़्तगू
11. आज तुम जीत गए हो दोस्त
12. ये ही घर है
13. फैसला
14. व्यावहारिकता
15 तस्वीर की तकदीर
16. वो एक पल
17. योद्धा
18. आँच
19. देश की बेटी
20. ये रात फिर कब आएगी
21. अन्तिम साक्षात्कार
22. चाँद मेरे आ जा रे
23. सेनिटाइज़र
24. तार - बेतार का तीसरा रंग
25. गुरगा
26. तुम यहीं हो
27. मोर
28. मज़बूत दीवार
29. गुल्लक
30. रोज़गार
31. स्वप्न भंग
32. गंध और गंध
33. समझ
34. पूर्ववत्
35. बेंत
36. भीतर का आदमी
37. ही मैन, तुम कहाँ हो
38. धरती घूमती है
39. इस बहाने
40. संस्कार
41. बनवास
42. ढलते हुए
43. खाद
44. स्टैंडर्ड
45. मुखौटा
46. सपनों का यथार्थ
47. टूटी कहाँ कमन्द
48. एक पराजित विजय
49. वह मॉडल लड़की
50. पिता, पत्नी और पुत्र
51. खाते बोलते हैं
52. चेती हवेली पहुँच गई
53. ईवनिंग न्यूज़
54. बिग बॉस
55. कटखना
लेखक द्वारा लिखित 'भूमिका'
अपना दूसरा लघुकथा संग्रह 'चिंगारी तथा अन्य लघुकथाएँ' आपको सौंपते हुए मैं अपार प्रसन्नता अनुभव कर रहा हूँ। इससे पूर्व मेरा पहला लघुकथा संग्रह 'खाते बोलते हैं' वर्ष 1995 में प्रकाशित हुआ था, जिसमें शामिल चालीस लघुकथाओं को पाठकों द्वारा काफी सराहा गया था। एक ओर जहाँ ‘गुल्लक’ मेरी पहली लघुकथा है, वहीं दूसरी ओर यह कहते हुए भी हर्षित हूँ कि लघुकथा ‘खाते बोलते हैं' को एक कालजयी लघुकथा माना गया है। अनेक अवसरों पर वक्ताओं द्वारा इस लघुकथा का उल्लेख किया जाता रहा है। ‘चिंगारी' भी नए अन्दाज़ में लिखी गई मेरी नई लघुकथा है ।
वर्ष 1978 से प्रारंभ हुई अब तक की मेरी लघुकथा यात्रा ऐसा भी आया, जब वर्ष 2001 से 2010 तक मैं साहित्य की अन्य विधाओं एक दौर से जुड़ा रहा । अतः प्रस्तुत संग्रह में शामिल लघुकथाओं में वर्ष 2011 से 2021 के बीच में लिखी लघुकथाओं के साथ-साथ पूर्व में लिखी लघुकथाओं में से भी कुछ चुनी हुई लघुकथाओं को इस संग्रह में सम्मिलित किया गया है।
विगत दो दशकों में देश की बदलती परिस्थितियों के कारण व्यक्ति जिस परिवेश से रू-ब-रू हुआ है, उससे लघुकथा भी अछूती नहीं रही। यूँ कहा जा सकता है कि इस बीच लघुकथा ने भी अपने कथ्य और कहन को नए-नए रूपों में प्रस्तुत किया है। दो-तीन पंक्ति जैसे सूक्ष्म परिधान की अपेक्षा अब लघुकथा एक मैच्योर्ड नवयौवना की भाँति अपनी प्रस्तुति में लफ़्ज़ों के बड़े परिधान को समेट कर चलती दिखाई देती है। मेरी कई लघुकथाओं में इसी बदलते रंग-रूप की खुशबू और झलक आपको मुग्ध करेगी, मुझे विश्वास है ।
कथाकार मित्र सुभाष नीरव ने इस संग्रह की पाण्डुलिपि तैयार करने तथा प्रकाशित कराने का दायित्व लेते हुए कार्य शुरू कर दिया था, किन्तु उनकी अस्वस्थता के कारण यह कार्य बाधित हो गया था। मैं उनके प्रति आभारी हूँ।
कथाकार मित्र हरनाम शर्मा ने मेरे अनुरोध पर इस संग्रह की लघुकथाओं पर अल्प अवधि में अपना महत्त्वपूर्ण आलेख तैयार किया है, इसके लिये मैं उनके प्रति विशेष आभार प्रकट करता हूँ । लघुकथा के प्रिय पाठक इन लघुकथाओं पर अपनी राय से अवगत करायेंगे तो मुझे प्रसन्नता होगी।
- अशोक वर्मा
110, लाजवन्ती गार्डन, नई दिल्ली- 110046
दूरभाष: 9250909592
अशोक वर्मा
जन्म : 4 अप्रैल, 1951
जन्म स्थान : ग्राम कयामपुर, जिला- बागपत, उत्तरप्रदेश
शिक्षा : स्नातकोत्तर (समाजशास्त्र)
प्रकाशित कृतियाँ :
आशा- किरण, किसलिए, चाचाजी नमस्ते (उपन्यास);
खाते बोलते हैं, चिंगारी तथा अन्य लघुकथाएँ (लघुकथा संग्रह);
मैं अभी मौजूद हूँ, ग़ज़ल बोलती है, मेरी चुनिन्दा ग़ज़लें (ग़ज़ल संग्रह); मुक्ति (नाटक) ।
सम्पादित कृतियाँ
: अनकहे कथ्य (लघुकथा संकलन); पड़ाव और पड़ताल (लघुकथा संकलन, खण्ड-10 ); अपनी-अपनी यात्रा (कहानी संकलन ); माँझी के भत्ले और भक्ते (ग़ज़ल संकलन); लघुकथा लेखन सन् 1978 से। अनेक लघुकथाओं का पंजाबी, गुजराती, मलयालम, नेपाली व अंग्रेजी में अनुवाद। देश की प्रमुख पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन। लघुकथा 'गन्ध और गन्ध' पर प्रज्ञा पुरस्कार । 'भीतर का आदमी' पर शार्ट फिल्म का निर्माण अनेक सम्मानों से सम्मानित। आकाशवाणी / दूरदर्शन व काव्य मंत्रों पर भागीदारी ।
सम्पर्क सूत्र : 110, लाजवन्ती गार्डन, नई दिल्ली-110046
दूरभाष : 9250909592
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