जीवन के सच-2021/जया आर्य

लघुकथा संग्रह : जीवन के सच  

कथाकार  : जया आर्य

प्रकाशक :

भव्या पब्लिकेशन, एल. जी. 42, लोअर ग्राउण्ड, करतार आर्केड रायसेन रोड भोपाल, मध्यप्रदेश- 462023 

फोन: 0755-4927636 मो. 7974514033

ई-मेल : bhavyapublication.bpl31@gmail.com 

वेबसाइट : www.bhavyapublication.com

प्रथम संस्करण : 2021

मूल्य : 200/-

ISBN: 978-81-955282-9-5

आवरण : गायत्री विश्वकर्मा

अपनी बात मेरी कलम से

मैं तमिल भाषी आर्मी परिवार में जन्मी, जहाँ लेखन या साहित्य से कोई सरोकार नहीं था, अंग्रेजी में स्नातकोत्तर करने के बाद आकाशवाणी में हिंदी उद्घोषक बनी मुंबई, जगदलपुर और भोपाल में अपनी सेवाएं उत्कृष्ट रूप से प्रदान की, समाज सेवा शायद पूर्व जन्म के संस्कार थे जो रग रग में रचा बसा था नौकरी के साथ-साथ एक जीवन की गति प्रदान करता रहा और अब जब मैं कलम उठाती हूँ सोच में हलचल होने लगती है वही सोच कागज पर उतर आती है, और एक सुखद अहसास दिलाती है ।

जीवन की आपाधापी में लघुकथा एक पड़ाव है, जो सबका ध्यान आकर्षित करती है एकाग्रता लाती है, खूबसूरत दिशा देती है, ये मेरी साहित्य यात्रा का पहला कदम है।

लघुकथा के परिंदे की जमात में शामिल होकर लेखन कार्य शुरू हुआ, फिर एक नशा सा हो गया। लघुकथा की पुरोधा श्रीमती कांता राय से मार्गदर्शन मिला जीवन की किसी घटना पर चिंतन करना उसकी रूपरेखा तैयार कर उसे कागज पर उतार देना एक आदत सी हो गई है।

लघुकथा एक प्रेरणा है, जीने की राह दिखाती है, समाज को संदेश देती है, यह सिलसिला चलता रहे यही कामना करती हूँ मैं आभारी हूँ प्रभु दयाल मिश्र जी की जिनकी विद्वता मेरी पुस्तक में भूमिका के रूप में आई, और मार्गदर्शन दे गई। मैं आभारी हूँ स्वर्गीय श्री युगेश शर्मा जी की जिन्होंने मेरी पहली पुस्तक लघुकथा शतक को समझा और अपने विचार रखें, उनका न होना साहित्य जगत के लिए एक भारी कमी है, मैं आभारी हूँ स्वर्गीय श्री रमाकांत दुबे जी की जो मानस भवन में पूर्व कार्याध्यक्ष थे, आपने मुझे मेरे हर कार्य क्षेत्र को देखा प्रोत्साहन दिया मेरी समाज सेवा, सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग, उद्घोषणा, और लेखन कार्य को सराहा।

अंत में मैं आभारी हूँ आदरणीय श्री रघुनंदन शर्मा जी की जो पूर्व सांसद हैं मेरे लेखन पर अपनी लेखनी चलाकर अपने शुभकामनाएं प्रेषित की। मैं आभारी हूँ अपने पति स्वर्गीय श्री ज्ञान सिंह आर्य की याद को, और अपने बच्चों की जिन्होंने मुझे अपने हर कार्य में स्वीकृति दी, शुक्रगुजार हूँ उस परमपिता परमेश्वर की जिनसे मुझे ऊर्जा मिली, इच्छा शक्ति मिली, जिसे मैं नित्य नए कार्यों में उपयोग करती हूँ।

नमन करती हूँ, अपने समाज को और साथियों को जो जाने अनजाने में मेरा राह प्रशस्त करते हैं, मेरी प्रेरणा बने रहे। मैं आभारी हूँ आदरणीय मुजफ्फर इकबाल सिद्दीकी जी की जिन्होंने अपनी पैनी नजर से पुस्तक की समीक्षा की। अंत में आभारी हूँ श्री हेमराज कुर्मी की जिन्होंने पन्नों को पुस्तक का रूप दिया ।

मेरी लघुकथाओं मैं आपको क्या मिला जरूर बताइए, इसमें आपको प्रेम का पुट जरूर मिलेगा, क्योंकि प्रेम ही ईश्वर की वह अद्भुत शक्ति है जो इंसान को एक दूसरे से जोड़ती है वरना जीना दूभर हो जाए, मेरी ओर से चार पंक्तियां :

दर्द तुम दर्द का एहसास भी तुम, 

सुकून तुम सुकून की आवाज भी तुम,

जब-जब दूरियां चाही थी हमने,

बढ़ती गई मोहब्बत करीब आए तुम,

यही है--

'जीवन का सच'

मैं हूँ आपकी 

जया आर्य

डी 4 शालीमार गार्डन, भोपाल

9826066904


अनुक्रमणिका

1. चिट्ठी

2. समलैंगिक

3. जिन्दगी की शाम

4. आभासी करवा चौथ

5. दत्तक पुत्र

6. स्वाभिमान

7. प्रायश्चित

8. आग

9. श्रद्धा सुमन

10. पत्नी के जज्बे को सलाम

11. थका सूरज खिलता गुलाब

12. ऑनलाइन

13. अधूरी मैं

14. वफादारी

15. मिर्ची

16. पत्थरबाजी और इन्सानियत

17. अब करूँ क्या

18. तेरहवीं

19. राखी और डियूटी

20. ऐसे भारतीय हैं हम 

21. जियें तो जियें कैसे

22. नई उम्मीद

23. एक और कमाण्डो

24. इन्सानियत जिन्दा है

25. लूसी, पूसी, मुन्नी

26. लॉकडाउन के हमसफर

27. अपने रिश्ते

28. ऐसा धोखा क्यों

29. बदलता मौसम

30. यशोदा माँ

31. माँ

32. हाथ की पकड़

33. बरकत

34. आत्म विश्वास

35. दुर्गम राहें

36. तालियाँ

37. वन्डरफुल इण्डिया

38. नहीं चाहिए विकास

40. माके नाटे माका राज

39. हुनर

41. प्रणाम

42. चम्मच और करछुल

43. झूठे के लिए झूठा

44. आजादी

45. अनकही बात

46. राजनेता

47. चुनावी कार्यशाला

48. सत्यवान

49. शेवन्ती

50. शायरा

51. खुशी की राह

52. क्षित-विक्षित

53. बातें जिन्दगी मौत की

54. सहारा

55. मेरा गाँव

56. जुझारू

57. परिवर्तन

58. परवरिश

59. जी लेने दो

60. विश्वास

61. अफ्तारी, प्रसाद या राजनेता

62. कर्मभूमि

जया आर्य

जन्म - 17 मई, तमिल भाषी अंग्रेजी में एम. ए.

अध्यक्ष -

ग्रेड-ए, हिंदी उद्घोषक आकाशवाणी मुम्बई, जगदलपुर और भोपाल में कार्यरत प्रख्यात उद्घोषिका होते हुए उभरते हुए उदघोषकों को प्रशिक्षित किया। शांति निकेतन महिला कल्याण समिति- महिलाओं, बच्चों और नशे से पीड़ित युवकों का शिक्षण प्राशिक्षण और पुनर्वास का कार्य किया। भोपाल के दो झुग्गी इलाकों में 950 महिलाओं और बच्चो को साक्षर किया।

मध्यप्रदेश के जेलों में साक्षर हो रहे कैदियों को राष्ट्रभाषा परीक्षाओं में बैठाकर प्रमाण पत्र दिलवाया। प्रत्येक परीक्षा उत्तीर्ण होने पर सजा में दो माह की छूट मिली। जेल मंत्री से सम्मानित। 10 वर्ष तक शांतिनिकेतन नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र 15 बिस्तरों वाले अस्पताल का संचालन किया। सेवा निवृत्त होकर जी ई आई इंडस्ट्री मे मैनेजर ट्रेनिंग और एच आर हेड का कार्य किया। इंडस्ट्री के वर्कर्स के लिए विशेष कार्य सम्पन्न । 60 वर्ष के बाद अपनी शैक्षणिक योग्यता बढ़ाई। Cedpa Washington से कोच की ट्रेनिंग ली।

American institute TESOL से ट्रेनर्स ट्रेनिंग कोर्स किया।

मुम्बई पॉलिटेक्निक से एच आर, सॉफ्ट स्किल पर्सनालिटी डेवलोपमेन्ट, हेल्थ इंवॉरमेन्ट सेफ्टी और ISO 9001-2008 में डिप्लोमा कोर्स किया। बैंक और कॉलेज में सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग दी मोटिवेशनल स्पीकर हूँ। वॉइस् एंड एक्सेंट ट्रेनर।

सम्मान : ● 1986 में अहिन्दीभाषी हिंदी सेवी सम्मान मप्र के राज्यपाल डॉ के एम चांडी द्वारा

● 1992 में समाज सेवी सम्मान त्रिपुरा के राज्यपाल द्वारा।

● 1995 में सुनामी पीड़ितों के लिए कार्य करने पर राज्यपाल डॉ. बलराम जाखड़ द्वारा सम्मानित ।

● 2006 में रोटरी क्लब डिस्ट्रिक्ट 3040 द्वारा बेस्ट सेक्रेटरी अवार्ड। 

● 2009 में रोटरी क्लब डिस्ट्रिक्ट 3040 की बेस्ट प्रेजिडेंट अवार्ड।

रोटरी क्लब द्वारा अन्य संस्थाओं द्वारा सम्मानित

बुडापेस्ट हंगरी में विश्व हिंदी साहित्य परिषद की ओर से लेखन कार्य के लिए साहित्य सरोवर सम्मान। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन- 1992 में भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ की ओर से आयरलैंड में, 2009 में रोटरी इंटरनेशनल की ओर से बैंकॉक में और 2017 में विश्व हिंदी साहित्य परिषद की ओर से हंगरी यूरोप में प्रतिभागिता की।

2019 में राष्ट्र भाषा प्रचार समिति की ओर से 'लघुकथा शतक' के लिए हरिहर निवास द्विवेदी पुरस्कार ।

2021 कला मन्दिर भोपाल की ओर से लघुकथा के लिए कला रत्न सम्मान | 2021 दुष्यंत कुमार पांडुलिपि संग्रहालय की ओर से समाज सेवा के लिए ब्रिज भूषण शर्मा सम्मान यात्रा- यू के. यू एस ए, थाईलैंड, रशिया और यूरोप संप्रति लघुकथा और काव्य लेखन। दो पुस्तक प्रकाशित। लघुकथा शतक और गुनगुनाते बोल। राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक काव्य मंच की मध्यप्रदेश इकाई की अध्यक्ष

पता: डी-4, शालीमार गार्डन, कोलार, भोपाल (म.प्र.) 462042 मो. 9826066904

टिप्पणियाँ

  1. आदरणीय बलराम अग्रवाल जी आप प्रोत्साहन देते है। आभार आपका।आप कशिश जगाते हैं आभार आपका आपने ब्लॉग में शामिल किया, एक नया जीवन दिया आभार
    जया आर्य

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