अनिल शूर आज़ाद की लघुकथाओं का विवेचनात्मक अध्ययन / डॉ. शील कौशिक

आलोचना पुस्तक  : अनिल शूर आज़ाद की लघुकथाओं का विवेचनात्मक अध्ययन

आलोचक  :  डॉ. शील कौशिक

ISBN : 978-93-92930-34-8

संस्करण: 2022

मूल्य : 400.00

सर्वाधिकार : अनिल शूर आज़ाद

प्रकाशक :

नवशिला प्रकाशन

7/12, श्रीराम कॉलोनी, निलोठी एक्सटेंशन, नांगलोई, नयी दिल्ली-110041

दूरभाष: 09582969313

अनुक्रम 

अनिल शूर आज़ाद : व्यक्तित्व एवं कृतित्व

साहित्यिक - यात्रा

लघुकथा विधा के संबंध में अनिल शूर आज़ाद के विचार

अनिल शूर आज़ाद : महत्वपूर्ण टिप्पणियां

अनिल शूर आज़ाद की लघुकथा का विवेचनात्मक अध्ययन 

मानवीय सरोकार व संवेदनशीलता की लघुकथाएं

बाल मानसिकता की लघुकथाएं 

शिक्षाजगत की लघुकथाएं 

आर्थिक विषमता की लघुकथाएं 

बेरोजगारी से संबंधित लघुकथाएं 

स्त्री जीवन की लघुकथाएं

राजनीति से संबंधित लघुकथाएं 

कुव्यवस्था के विरोध की लघुकथाएं 

मनोविज्ञान आधारित लघुकथाएं 

साहित्य-जगत् से लघुकथाएं 

प्रतीकात्मक लघुकथाएं

अनिल शूर आज़ाद की लघुकथाओं का तात्विक विवेचन

कथानक

आकार

विषय

पात्र - योजना

देश-काल या वातावरण

घटनाक्रम

भाषा

शीर्षक

शिल्प-शैली

व्यंग्यात्मक शैली 

संस्मरणात्मक शैली

आत्मकथात्मक या आत्मचरित शैली

फैंटसी शैली

डायरी शैली

प्रतीकात्मक शैली

तुलनात्मक शैली 

समापन बिंदु या अंत

अनिल शूर आज़ाद की चर्चित लघुकथाएं

तारा

डण्डा

बिजिनेस पवाइंट

पति - परमेश्वर

मसीहा

मुर्गा

बड़ी मछली

दूरी

मां

स्वाभिमान

वह पार्क वाली लड़की

दुश्मन

देशभक्ति बनाम मानवता

गुरुघर

विद्रोही

हिसाब

चटर-पटर

पीढ़ियों की दरकन

स्थिति

मरद जात

अमृत महोत्सव

व्यवस्था

अतिव्यस्त

तुगलक

बरकत

तीन चित्र

मूर्तियां

संदर्भ-ग्रंथ सूची

फ्लैप 1 से...

मैंने लघुकथा के सशक्त हस्ताक्षर डॉ. अनिल शूर आजाद की लघुकथाओं को विभिन्न संदर्भों में प्रस्तुत करने के लिए चयन किया है कविता, लघुकथा व कहानी विधाओं में पुस्तकें लिखने वाले डॉ. अनिल शूर आजाद की पुख्ता पहचान लघुकथाकार के रूप में है । लघुकथा के संस्कार उनकी रग-रग में बसे हैं। इनकी लघुकथाओं का मूल्यांकन, विकास क्रम की पड़ताल व पुनर्मूल्यांकन नए सिरे से अपेक्षित था । अनिल जी सामाजिक चेतना संपन्न व्यक्ति हैं तथा वे अपनी अभिव्यक्ति में समय और समाज के प्रति सदैव ईमानदार रहे हैं। उनकी लघुकथाओं में सत्य उजागर करने वाली प्रभावोत्पादकता है। उनकी लघुकथा की व्यापकता सीधे-सीधे सामाजिक सरोकारों से जुड़ी हुई है, जिसे लघुकथाकार ने भरपूर संवेदना और संजीदगी से व्यक्त किया है । डॉ अनिल शूर आजाद के प्रकाशित तीन लघुकथा-संग्रहों यथा सरहद के इस ओर, क्रांति मर गया और मेरी प्रिय लघुकथाएं, में से मैंने विषयवस्तु के अनुसार लघुकथाओं का चयन किया है। ये लघुकथाएं बीसवीं सदी के नौवें व अंतिम दशक की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक विसंगतियों पर प्रकाश डालती हैं और उस युग का प्रतिनिधित्व करती हैं।

(इसी पुस्तक में डॉ. शील कौशिक द्वारा लिखित भूमिका का अंश)

डॉ. शील कौशिक 

जन्म: 19 नवम्बर, फरीदाबाद (हरियाणा)

शिक्षा : एम.एससी. बी.एड., एम.एच.एम (होम्यो). एल. एलबी, विद्यासागर (मानद उपाधि) 

सम्प्रति : जिला मलेरिया अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग हरियाणा (सेवानिवृत्त) अब स्वतंत्र लेखन 

प्रकाशित पुस्तकें : कुल 37 पुस्तकें। मौलिक कृतियां - 25, संपादित - 6, अनुवाद - 4. लेखिका पर पुस्तक - 2

कविता-संग्रह : दूर होते हम, नए अहसास के साथ, कचरे के ढेर पर जिंदगी, कविता से पूछो, कब चुप होती है चिड़िया, खिड़की से झांकते ही. मासूम गंगा के सवाल कहानी-संग्रह : एक सच यह भी महक रिश्तों की एक फैसला मेरे हाथ (प्रकाश्य)  

लघुकथा-संग्रह : उसी पगडंडी पर पांव, कभी भी कुछ भी, मेरी चुनिन्दा लघुकथाएं, छूटा हुआ सामान  

आलोचना-ग्रंथ : हरियाणा की महिला रचनाकार : विविध आयाम (हरियाणा ग्रंथ अकादमी, पंचकूला द्वारा प्रकाशित), रूपदेवगुण की कहानियों में सामाजिक- सन्दर्भ, मधुकांत की कथा - यात्रा 

हिन्दी बालकहानी-संग्रह : बचपन के आईने से धूप का जादू, करें तो क्या करें, माशी की जीत, रुनझुन और टिन्नू, किटकिट गिलहरी ने पहना चश्मा  

बालकविता-संग्रह : बिल्लो रानी बिटिया मेरी गोल-मटोल पंजाबी बालकथा-संग्रह : रिमोट वाली गुड्डी

लेखिका पर पुस्तकें : 1. खिड़की से झांकते ही आधार एवं मूल्यांकन 2. शील कौशिक का काव्य : संवेदना और शिल्पबोध 

सम्पादित संकलन : भावुक मन की लघुकथाएं, सिरसा जनपद की काव्य-सम्पदा, सिरसा जनपद की लघुकथा - सम्पदा, लघुकथा के इतिहास का स्वर्णिम दिन (18 दिसम्बर, 2016), बहुआयामी व्यक्तित्व : रूप देवगुण, लघुकथा - पर्व (2018-19) 

अनुवाद : एक सच यह भी' (कहानी-संग्रह) का पंजाबी अनुवाद द्वारा प्रो. स्वर्ण कौर नौरंग, 'कभी भी कुछ भी (लघुकथा-संग्रह) का पंजाबी अनुवाद द्वारा जगदीश राय कुलरियां, खिड़की से झांकते ही' का अंग्रेजी में अनुवाद 'पीपिंग थ्रू दी विंडो द्वारा डॉ. मेजर शक्तिराज, 'माशी की जीत का राजस्थानी भाषा में अनुवाद 'माशी री जीत' द्वारा विमला नागला  

सम्बद्धता : संस्थापक अध्यक्ष हरियाणा लेखिका मंच, सिरसा। संस्थापक अध्यक्ष- माता महादेवी कौशिक बाल-साहित्य संस्थान, सिरसा। संयोजक - हरियाणा प्रादेशिक लघुकथा मंच, सिरसा

पुरस्कार / सम्मान : हरियाणा साहित्य अकादमी, पंचकूला द्वारा हरियाणा साहित्यरत्न (पंडित माधवप्रसाद मिश्र) सम्मान वर्ष 2018। 'हरियाणा साहित्य अकादमी, पंचकूला द्वारा वर्ष 2014 का श्रेष्ठ महिला रचनाकार सम्मान । 'लघुकथा पुस्तक- कभी भी कुछ भी के लिए वर्ष 2012 का श्रेष्ठ कृति पुरस्कार हरियाणा साहित्य अकादमी, पंचकूला द्वारा 'हरियाणा की महिला रचनाकार: विविध आयाम' को श्रेष्ठ कृति मानते हुए हरियाणा ग्रंथ अकादमी, पंचकूला द्वारा प्रकाशित किया गया। लगभग 100 प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित 

शोध कार्य : कहानी, लघुकथा व कविता की पुस्तकों पर तीन पीएच.डी. व छह लघु शोध प्रबंध सम्पन्न  

सम्पर्क : मेजर हॉउस - 17, हुड्डा सेक्टर-20 पार्ट-1, सिरसा- 125056 (हरियाणा)

चलभाष : 9416847107

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