देश-विदेश से कथाएँ : बघेली में / राम गरीब पाण्डेय 'विकल'(अनुवादक)

देश-विदेश से कथाएँ : बघेली में 

राम गरीब पाण्डेय 'विकल' (हिन्दी से बघेली अनुवादक)

© लेखक

प्रथम संस्करण : 2023

ISBN 978-81-19019-67-0

प्रकाशक :

अनुज्ञा बुक्स

1/10206, लेन नं. 1E, वेस्ट गोरख पार्क, शाहदरा, दिल्ली-110 032 mail: anuugyabooks@gmail.com salesanuugyabooks@gmail.com

फोन : 7291920186, 09350809192

www: anuugyabooks.com

शाखा कार्यालय : धर्मकांटा चौक, राष्ट्रीय राजमार्ग 57, एम.बी.बी.एल. कॉलेज रोड, बैरिया, मुजफ्फरपुर-842003, बिहार

शाखा कार्यालय : बी-1171, द्वितीय तल, ग्रीन फील्ड्स कॉलोनी, फरीदाबाद 121 010, हरियाणा

शाखा कार्यालय: 301, तृतीय तल, राधाकृष्ण अपार्टमेंट, सांई कॉलोनी, स्टेशन रोड, चाईबासा, पश्चिमी सिंहभूम 833 201, झारखंड

मूल्य : 180 रुपये

आवरण : राधेश्याम प्रजापति

मुद्रक : अर्पित प्रिंटोग्राफर्स, दिल्ली-32

अनुवादक की कलम से-

'ऐसा ही' से 'ऐसा भी' तक लघुकथाएँ

वर्तमान तकनीकी विकास के युग में, विश्वग्राम की परिकल्पना को मूर्त करने और दिनोंदिन उसे पुख्ता करने के लिए दुनिया भर के तमाम देश, अपने-अपने सामर्थ्य भर विकास की इस दौड़ में सहभागिता दर्ज करवा रहे हैं। विकास के नित नूतन कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं, लेकिन यह विकास तकनीक केन्द्रित है, इस सत्य से भी मुँह नहीं मोड़ा जा सकता।

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। एतदर्थ उसके अपने सामाजिक और पारिवारिक सरोकारों का एक दायरा भी है, जो उसके सांस्कृतिक बोध का खजाना समेटे हुए चलता है। उसके रीति-रिवाजों के साथ उसकी अपनी मान्यताएँ हैं, तो उसके सुख-दुख के विविध वर्ण भी इसी दायरे में आते हैं।

जीवन, फूलों की रंगीन और महकती हुई क्यारियों के बीच, रंगीन तितली का उड़ना मात्र नहीं होता है। इसमें कदम-कदम पर परीक्षा की बाधा-दौड़ भी शामिल होती है। दुनिया के किसी कोने में नज़र डाली जाय, मानवीय संवेदनात्मक सरोकारों में प्रायः समानता ही मिलती है। यह समानता ही वह सूत्र है, जो संवेदनात्मक स्तर पर विश्वग्राम की एक अलग धारा का प्रवाह लेकर अनादि से अनन्त तक के लिए प्रवहमान है।

दुनिया भर की भाषाओं और बोलियों में इन्हीं भावनाओं और संवेदनाओं का रस प्रवाहित होता है, किन्तु भाषायी वैविध्य के चलते हम उससे अपरिचित रह जाते हैं। मानवीय संवेदना के स्तर पर विश्वग्राम की अवधारणा को बल प्रदान करने के लिए, भाषायी अपरिचय की इस दीवार को ध्वस्त करने की आवश्यकता होती है और इसका प्रधान औजार हो सकता है- अनुवाद।

विश्व साहित्य में सन्निहित मानवीय सभ्यता और संवेदना के दस्तावेज को अनुवाद के माध्यम से मानव मात्र के सर्वांगीण विकास के हित में सुलभ कराया जा सकता है। यह अनुवाद न केवल सामाजिक, पारिवारिक, सांस्कृतिक चेतना का संचरण करते हैं, अपितु पाठक को दृष्टिबोध से सम्पन्न भी करते हैं। ज्ञान, विज्ञान, दर्शन के असंख्य ग्रन्थ अनेक भाषाओं में हमारे बीच इसीलिए स्थापित हो पाये हैं, कि बोधगम्य भाषाओं में उनका अनुवाद हुआ है, हो रहा है, आगे भी होता रहेगा।

दुनिया की तमाम भाषाओं की नींव में, उनकी बोलियों की ताकत होती है। हिन्दी भी इसका अपवाद नहीं है। छः अपभ्रंश समूहों में से अर्धमागधी एक है। इसी अर्धमागधी के अन्तर्गत आने वाली बोली 'बघेली' है। अपनी विपुल साहित्यिक सम्पदा के चलते जहाँ एक ओर अवधी ने अपनी जड़ें मजबूत कीं, वहीं राजाश्रय पाकर छत्तीसगढ़ी ने भी विकास की राह पर अपने कदम बढ़ाये। इन दोनों के बीच 'बघेली' एक महत्त्वपूर्ण बोली होने के बावजूद 'दो पाटन के बीच' का दंश झेलती चली आ रही है।

बघेली में हालाँकि साहित्य (पद्य और गद्य) की अनेक विधाओं में सन्तोषप्रद सृजन हो रहा है, किन्तु अभी भी इसके विकास की अनन्त सम्भावनाओं को नकारा नहीं जा सकता। 'बघेली' में कहानियों का सृजन लगभग चालीस वर्ष पहले से शुरू हो चुका था, किन्तु लघुकथा विधा का प्रवेश नहीं हो पाया। एक संकल्प के रूप में काम करते हुए, मेरा बघेली लघुकथा संग्रह 'मरना भला बिदेस का' बघेली के पहले लघुकथा संग्रह के रूप में सन् 2021 में प्रकाशित होने के बाद, अभी तक बघेली में कुल तीन लघुकथा संग्रह आ चुके हैं। अन्य अनेक उत्साही रचनाकारों द्वारा इस दिशा में किये जा रहे कार्य, बघेली के लघुकथा साहित्य सृजन की प्रगति के प्रति आश्वस्त करते हैं।

बघेली में लघुकथाओं का व्यापक परिचय कराने की दृष्टि से, दुनिया की विभिन्न भाषाओं में लिखी गयी लघुकथाओं की बारीकियों की जानकारी उपलब्ध कराने का विचार आने पर मुझे अनुवाद का सहारा लेना उचित लगा। डॉ. अशोक भाटिया सम्पादित 'देश-विदेश से कथाएँ' का अध्ययन करने पर मुझे इस दिशा में आगे बढ़ने का मार्ग दिखाई पड़ा। इसी प्रयोजन को लेकर मैंने डॉ. भाटिया जी से चर्चा कर उनकी इस पुस्तक में संग्रहीत लघुकथाओं के अनुवाद की अनुमति प्राप्त की और अनुवाद कार्य में मनोयोग से लग गया।

'देश-विदेश से कथाएँ' पुस्तक में उन्नीस भाषाओं में तिरासी लेखकों की कुल एक सौ बाईस लघुकथाएँ संग्रहीत हैं। कहना न होगा कि यह सब 1

चुनिन्दा लघुकथाएँ हैं। इन्हीं में से कथ्य, शिल्प और स्वभाव की विविधता वाली, सत्तर विविधवर्णी लघुकथाओं का बघेली में अनुवाद इस पुस्तक में संकलित है।

अनुवाद कार्य करते समय जो सबसे बड़ी चुनौती होती है, वह है मूल की रक्षा और अनुवाद (लक्ष्य भाषा या बोली में) की स्वाभाविकता और सरसता को बचाये रखना। इस पुस्तक में उन्नीस विभिन्न भाषाओं की लघुकथाओं का अनुवाद करते हुए मेरा प्रयास रहा है, कि यह केवल भाषान्तरण भर न हो, बल्कि प्रत्येक लघुकथा बघेली में अपनी पूरी धमक के साथ प्रस्तुत हो सके।

अनुवाद करते समय इस बात का भी ध्यान रखा गया है, कि बघेली बोली के मौजूदा प्रचलित स्वरूप को ही सामने लाया जाय। भाषा या बोली कोई जड़ वस्तु नहीं है। समय और सभ्यता के साथ इनका रूप परिवर्तन भी होता है। बघेली में भी अनेकानेक विदेशी शब्द सहजता से स्थान पा चुके हैं। उन्हें मैंने यथारूप प्रयोग किया है। एक ओर जहाँ बघेली के लुप्तप्राय शब्दों को सामने ले आने का प्रयास रहा है, वहीं बोधगम्यता की दृष्टि से बघेली बोली के सैकड़ों वर्ष पुराने ठेंठ (देशज) रूपों से बचने का भी प्रयास किया गया है।

डॉ. अशोक भाटिया ने उनकी सम्पादित पुस्तक के अनुवाद हेतु, मुझे न केवल अनुमति प्रदान की, अपितु पुस्तक पर अपनी लिखित सम्मति भेजकर मेरा मनोबल बढ़ाया है। उनकी इस सदाशयता के लिए मैं उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ। अनुवाद के माध्यम से विभिन्न भाषाओं और विभिन्न शैलियों की लघुकथाओं को पढ़कर बघेली अंचल के रचनाकारों में लघुकथा लेखन के प्रति एक नयी चेतना का विकास हो सकेगा, इसी विश्वास के साथ-

सीधी/फरवरी 07, 2023   डॉ. राम गरीब पाण्डेय 'विकल'

                                      मोबाइल- 9479825125

'गीतायन', प्लाट नम्बर 685/19

वाटर फिल्टर प्लांट के सामने

तुलसीनगर, नौढ़िया

सीधी (म.प्र.) 486661

Email id : vikal.sidhi@gmail.com

अनुक्रम

यह पुस्तक - डॉ. अशोक भाटिया 

लघुकथाएँ, अनुवाद के दरवाजे से- जयराम शुक्ल

अनुवादक की कलम से- डॉ. राम गरीब पाण्डेय 'विकल'

क्र. लघुकथा/भाषा/लघुकथाकार

01. आजादी/अरबी लघुकथा/खलील जिब्रान

02. मेढक/अरबी लघुकथा/खलील जिब्रान

03. जिन्दगी भर/अरबी लघुकथा/खलील जिब्रान

04. निद्राजीवी/अरबी लघुकथा/खलील जिब्रान

05. तापस और चौपाये/अरबी लघुकथा/खलील जिब्रान

06. सुख का मूल्य/फारसी लघुकथा/शेख सादी

07. भूख का ईमान/फारसी लघुकथा/ए.जी. केल्सी

08. करामात/उर्दू लघुकथा/सआदत हसन मंटो

09. बेख़बरी का फ़ायदा/उर्दू लघुकथा/सआदत हसन मंटो

10. घटनाएँ/उर्दू लघुकथा/राजेन्द्र सिंह बेदी

11. जागीरदार/उर्दू लघुकथा/जोगिन्दर पाल

12. लकड़हारा और परी/उर्दू लघुकथा/रतन सिंह

13. आदमी की कीमत/उर्दू लघुकथा/रतन सिंह

14. ऊँट के बालों की फतूही/चीनी लघुकथा/ल्याङच्येनह्वा

15. नशीली आँखें/चीनी लघुकथा/श्वी च्येनच्युन

16. नींद/चीनी लघुकथा/छङफङ

17. अनेक रास्ते/चीनी लघुकथा/ल्ये चि

18. मालिक के बोल/चीनी लघुकथा/वैताल

19. चतुर और मूर्ख/रूसी लघुकथा/लियो तोल्स्तोय

20. बोझ/रूसी लघुकथा/लियो तोल्स्तोय

21. देहाती की बुद्धि/रूसी लघुकथा/लियो तोल्स्तोय

22. कमजोर/रूसी लघुकथा/एंतोन चेखव

23. जीसस का पुनरागमन/रूसी लघुकथा/दोस्तोयव्स्की

24. पिल्ला/रूसी लघुकथा/सोल्जेनित्सिन

25. ताकत के खिलाफ कार्यवाही/जर्मन लघुकथा/बर्तोल्त ब्रेख्त

26. कानून के मुहाने पर/जर्मन लघुकथा/फ्रेंज काफ्का

27. नारी भक्षी/अंग्रेजी लघुकथा/ चार्ल्स डिकेंस 

28. पिछले बीस वर्ष/अंग्रेजी लघुकथा/सॉमरसेट मॉम

29. ईसा का चित्र/अंग्रेजी लघुकथा /ओ हेनरी

30. रंग-भेद/अंग्रेजी लघुकथा /कार्ल सैंडबर्ग

31. आखिरी स्टेशन/स्पेनिश लघुकथा/सर्गी पैमीस 

32. मौत में चेहरा/जापानी लघुकथा/यासुनारी कवाबाता

33. दीक्षा/हिब्रू लघुकथा/ऐतगार केरेत

34. नटखट बालिका/बाँग्ला लघुकथा/रवीन्द्रनाथ टैगोर

35. नीम का पेड़/बाँग्ला लघुकथा/वनफूल

36. उसकी पीड़ा/बाँग्ला लघुकथा/जयश्री रॉय

37. अनुशासन/हिन्दी लघुकथा/हरिशंकर पारसाई 

38. पेट का कछुआ/हिन्दी लघुकथा/युगल

39. पेट सबके हैं/हिन्दी लघुकथा/भगीरथ

40. बयान/हिन्दी लघुकथा/चित्रा मुद्गल

41. कथा नहीं/हिन्दी लघुकथा/पृथ्वीराज अरोड़ा

42. जन्नत में संवाद/हिन्दी लघुकथा/असगर वजाहत

43. बिना नाल का घोड़ा/हिन्दी लघुकथा/बलराम अग्रवाल

44. दौड़/हिन्दी लघुकथा/मधुदीप

45. कपों की कहानी/हिन्दी लघुकथा/अशोक भाटिया

46. प्लान/हिन्दी लघुकथा/कमल चोपड़ा

47. कसौटी/हिन्दी लघुकथा/सुकेश साहनी

48. बिन शीशों का चश्मा/हिन्दी लघुकथा/राजकुमार आत्रेय

49. जंगल का कानून/हिन्दी लघुकथा/दीपक मशाल

50. मृत्युदण्ड/हिन्दी लघुकथा/चन्द्रेश कुमार छतलानी

51. मरुस्थल के वासी/पंजाबी लघुकथा/श्यामसुन्दर अग्रवाल

52. नाइटी/पंजाबी लघुकथा/श्यामसुन्दर 'दीप्ति'

53. रिश्ता/पंजाबी लघुकथा/श्यामसुन्दर 'दीप्ति'

54. भयानक बीमारी/पंजाबी लघुकथा/सुरिन्दर कैले

55. नज़र और नज़र/पंजाबी लघुकथा/हरभजन खेमकरनी

56. लोक लाज/पंजाबी लघुकथा/बिक्रमजीत नूर

57. भगवान का घर/पंजाबी लघुकथा/जसवन्त सिंह विरदी

58. प्रताप/पंजाबी लघुकथा/सुखचैन थांदेवाला

59. साँप/पंजाबी लघुकथा/जगदीशराय कुलरियाँ

60. स्पर्श/तेलुगु लघुकथा/काण्ड्रेगुल श्रीनिवास राव

61.शोर/तेलुगु लघुकथा/भामिडि पाटि रामगोपालम

62. टैस्ट/तेलुगु लघुकथा/वाई.के. मूर्ति

63. ऊँट/मलयाली लघुकथा/एस.के. पोट्टेक्काट

64. उपनयन/मलयाली लघुकथा / कण्णन मेनन

65. बकरी/मराठी लघुकथा/वि.स. खाण्डेकर

66. सत्कार/मराठी लघुकथा/उज्ज्वला केलकर

67. विदाई/गुजराती लघुकथा/मोहनलाल पटेल

68. स्पर्श/गुजराती लघुकथा/मोहनलाल पटेल

69. फाटक/कश्मीरी लघुकथा/अमीन कामिल

70. बेटा-बेटी/मैथिली लघुकथा/अनमोल झा

अशोक भाटिया 

मूल हिन्दी संस्करण के संपादक। 

जन्म : अम्बाला छावनी (पूर्व पंजाब)। 

कार्य-क्षेत्र : रिटायर्ड एसोसिएट प्रोफेसर अब स्वतन्त्र लेखन। 

प्रकाशन : कविता, आलोचना, लघुकथा, बाल-साहित्य, व्यंग्य, संस्मरण, ज्ञान-साहित्य आदि की 43 पुस्तकें प्रकाशित। दो कविता-संग्रह 'सूखे में यात्रा', 'कठिन समय में हम'। लघुकथा रचना और आलोचना के प्रमुख हस्ताक्षर। तीन लघुकथा-संग्रह: 'जंगल में आदमी', 'अँधेरे में आँख' (तमिल, मराठी और बांग्ला में भी) तथा तीन आलोचना पुस्तकें : 'समकालीन हिंदी लघुकथा', 'परिंदे पूछते हैं', 'लघुकथा आकार और प्रकार'। ज्ञान साहित्य में 'अंधविश्वास : रोग और इलाज' (पाँच सं.) विशेष चर्चित । लघुकथा पर 12 सम्पादित पुस्तकों में 'श्रेष्ठ पंजाबी लघुकथाएँ' (अनेक सं.) 'पैंसठ हिंदी लघुकथाएँ' (तीन सं.), 'निर्वाचित लघुकथाएँ' (हिंदी लघुकथा की सम्पूर्ण यात्रा, चार सं.), 'नींव के नायक' (29 लेखकों की 1970 तक की 177 प्रतिनिधि लघुकथाएँ), 'देश-विदेश से कथाएँ' (दो सं.), 'कथा-समय' (समकालीन आठ प्रतिनिधि लघुकथाकारों पर केन्द्रित), 'प्रतिरोध' आदि विशेष चर्चित । अब तक 68 आलेख/शोध-पत्र प्रकाशित। विश्व लघुकथा-कोश के अलावा इंटरनेट पर हिंदी लघुकथा-कोश और हिंदी कविता कोश में रचनाएँ और आलेख शामिल। पत्र-पत्रिकाओं, आयोजनों आदि में निरंतर अनेकविध सामाजिक-साहित्यिक सक्रियता। विशेष : रमेश बत्तरा और विक्रम सोनी के समग्र लघुकथा-कर्म पर केन्द्रित दो सम्पादित पुस्तकें क्रमशः 'सवाल-दर-सवाल' और 'इस सदी की उम्र'। 

सम्मान : हरियाणा साहित्य अकादमी के बाबू बालमुकुन्द गुप्त सम्मान सहित विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित/पुरस्कृत। 

संपर्क : बसेरा, 1882, सेक्टर 13, करनाल-132001 (हरि.)। 

मो. 9416152100 

ई-मेल: ashokbhatiahes@gmail.com


डॉ. राम गरीब पाण्डेय 'विकल' 

जन्म : ग्राम- परसवार (चुरहट), जिला- सीधी, मध्य प्रदेश में। शिक्षा : हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर एवं डॉक्टरेट। लेखन : हिन्दी एवं बघेली बोली में गद्य एवं पद्य की विविध विधाओं में सृजनरत। प्रकाशन : (1) बदलते मौसम के इन्तेज़ार में (काव्य-संग्रह), (2) कौन तुम बाणभट्ट (शोधपरक गद्य कृतिः सम्पा.), (3) सूरज की मुक्ति के लिए (काव्य-संग्रह), (4) घुट रहा दम कोपलों का (ग़ज़ल-संग्रह), (5) बिहान कबै होई (बघेली ग़ज़ल-संग्रह), (6) मरना भला बिदेस का (बघेली लघुकथा-संग्रह), (7) बघेली साहित्यः उद्भव एवं विकास (साहित्येतिहास ग्रन्थ), (8) निअदरी के सुक्ख (बघेली कहानी-संग्रह)। 'अवध ज्योति' पत्रिका के दो बघेली विशेषांकों का सम्पादन। देश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में गद्य एवं पद्य रचनाओं का प्रकाशन। सबसे कठिन सवाल (हिन्दी लघुकथा- संग्रह), पीठ का फोड़ा (हिन्दी कहानी-संग्रह), कितना चन्दन कितना पानी (हिन्दी नवगीत-संग्रह) के अतिरिक्त कई पुस्तकें प्रकाशनाधीन। 

सम्मान/पुरस्कार - मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी का 'श्रीकृष्ण सरल कृति पुरस्कार' वर्ष 2010 प्राप्त। सम्प्रति - भारत संचार निगम लि. के लेखा अधिकारी पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर पूर्णकालिक साहित्य सेवा एवं नवोदितों के मार्गदर्शन में प्रवृत्त। 

स्थायी पता : 'गीतायन', प्लाट नम्बर 685/19, वाटर फिल्टर प्लांट के सामने, तुलसीनगर नौढ़िया, सीधी (म.प्र.) 486661 

वर्तमान पता : 602, बालाजी हाइट्स, सेक्टर 31 कामोठे, के.के. सिनेमा के पास, नवी मुम्बई 410209 

मोबाइल - 9479825125/9425177374 | Email: vikal.sidhi@gmail.com

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