फेयरवेल / पदम गोधा
फेयरवेल (लघुकथा-संग्रह)
पदम गोधा
ISBN: 978-81-19511-83-9
Price: ₹210
Publishing Year 2023
Published by: Sankalp Publication
Head Office:
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मेरी अपनी बात
काव्य क्षेत्र से टहलते टहलते जीवन के उत्तरार्ध में सहज ही लघुकथा लेखन क्षेत्र में प्रवेश हो गया। आभासी दुनिया के बने साहित्य ग्रुप 'लघुकथा के परिन्दे' में लिखना शुरू किया तो पाठकों के प्रोत्साहन से लगा इस क्षेत्र में आगे बड़ा जा सकता है। फिर कुछ पत्र पत्रिकाएं व संकलन जिनके सम्पादक अशोक भाटिया, बलराम जी अग्रवाल, योगराज प्रभाकर, कांताराय जी जैसे थे में अपनी लघुकथाओं को स्थान मिला तो अपने लेखन पर संतोष हुआ। कांता राय जी ने एक दिन कहा कि अब तो लघुकथाएं पुस्तक रुप में आ जानी चाहिए। मैंने उन्हें ही ये दायित्व स्वीकारने का अनुरोध किया और बर्डफाईल में "हौसलों के पंख" शीर्षक में अपनी लघुकथाएं तकरीबन दो वर्ष पहले भेज दी। शायद उनकी अत्यधिक व्यस्तता के कारण वह अभी तक संभव नहीं हो सका। खैर उस संस्करण का इंतजार मैं करता रहूंगा। अब कुछ नयी कुछ पुरानी रचनाओं के साथ तीसरी पुस्तक लेकर उपस्थित हो रहा हूं। प्रत्यक्ष रूप से यह दूसरी और परोक्ष रुप से तीसरी है। इसके पहले कविताओं की पुस्तक 'मेरी चाहत' संकल्प प्रकाशन से दो वर्ष पूर्व आ चुकी है। जिसे समीक्षक और पाठकों ने सराहा कर मेरा उत्साह वर्धन किया। उसके लिये मैं तहेदिल से आभारी हूं। बहुत मन था प्रकाशन पूर्व किसी स्थापित लेखक से पुस्तक की समीक्षा करा कर उसे पाठकों के मार्गदर्शन के लिये पुस्तक में संलग्न करु। परन्तु उसमें समय लगता है और स्वास्थ्य के साथ न देने के कारण मुझे शीघ्रता थी अतः निश्चय किया ये कार्य सुधी पाठकों पर ही छोड़ा जाय। कुछ जल्दी में कार्य संपन्न होने के कारण त्रुटियां होना स्वाभाविक है अतः अनुरोध है सुधार कर पढ़ें और मुझे क्षमा दान करते हुए सूचित भी करें।
हमेशा की तरह अगर मेरे परिवार जन मेरी अर्धांगिनी उषा गोधा, पुत्र पुत्रवधू रोहित व निधी व पौत्री रिया जो अब अंग्रेजी की ब्लोगर बन गई है साथ नहीं देते तो यह पुस्तक आना संभव नहीं था।
संकल्प प्रकाशन का भी आभार जिन्होंने जल्दी प्रकाशन का मुझे आश्वासन देकर मुझे प्रोत्साहित किया।
आभार सहित आपकी प्रतिक्रिया के इंतजार में।
--- पदम गोधा, गुरुग्राम (हरियाणा)
B-2102, Ireo uptown golf course extension road sector--66, gurugram 122102
Email padamkgodha@gmail.com
Mobile 9773722629
दो शब्द लघुकथा के लिये
"विमर्श, विषमताओं, विसंगतियों के क्षण से निकलते हुए विचार जब सुन्दर कथ्य, कथानक व शैली में कुशल लेखक की कलम से आकार लेते हैं तब लघुकथा का जन्म होता है। खुशी में, गम में, उल्हास में, राजनीति, अर्थनीति, कूटनीति सब के विमर्ष में अनकहा सूक्ष्म तत्व होता है। बस वो ही लघुकथा का कथ्य होता है। कहानी, उपन्यास में पात्रों के चरित्र चित्रण से पोथे बन जाते हैं। लघुकथा के लेखक को बहुत श्रम करना पड़ता है उसे सबके बोझ तले दबा वह क्षण ढूंढना होता है और ढूंढ कर आकार देना होता है। बिना विवरण और बिना अंत के प्रस्तुति में प्रवाह के गुण सम्हालते हुए वह लघुकथा के रुप में अवतरित कर देता है और एक अति विचारणीय विषय को विमर्श के लिये छोड़ देता है। लघुकथा उपदेश नहीं देती, न वह निष्कर्ष देती वह तो विमर्श के लिये मैदान तैयार करती है। इसलिए वह नीतिकथा व बौद्धकथा नहीं है। लघुकथा का आकार की कोई सीमा तो निश्चित नहीं है परन्तु छोटे आकार में एक काल खंड में बात कह देना कुशलता है। इसके लिए लेखक का शब्द ज्ञान अच्छा होना चाहिए। पंच लाइन लघुकथा का श्रृंगार है जो लघुकथा को संवारती है और सुप्त मस्तिष्क में अचानक से हलचल पैदा करती है। कभी लघुकथा डोर का एक सिरा थी वह अब सिरमौर बनने की राह पर चल निकली है। व्यस्तता के इस दौर में उसका महत्व साहित्य की अन्य विधाओं से ज्यादा महत्वपूर्ण होता जा रहा है।
अनुक्रमणिका
1. वैचारिक धुंध
2. विकास के सौदागर
3. वक्त के निशान
4. चांद जमीं पर.
5. मैं लड़ूँगी
6. मूर्ती की कीमत
7. ऊफनती नदी और खामोश समंदर.
8. संवेदनशील (दो लघुकथाऐं).
9. फैसला.
10. सियासत.
11. चिड़िया के अंडे.
12. अंध दौड़.
13. हवा में लटके सवाल
14. घाव मत कुरेदो
15. खबरची वैताल.
16. विकास की छाया
17. तुम करते ही क्या हो.
18. भूख.
19. इज्जत
20. वेताल लघुकथा : नदी में तैरता सत्य
21. अम्मा की धाक
22. बदलाव की आंधी.
23. खारा पानी
24. गुफा में छुपा जानवर
25. सुनो लड़की हुई है
26. कलंक का बोझ
27. यादें: डायरी का एक पन्ना
28. उदास मछली
29. हथियार
30. अन्नदाता
31. झुके सिर खामोश स्वर
32. वेताल प्रश्न
33. नया जमाना
34. भाग्य और कर्म
35. आदमियत
36. जहर
37. एक अंतराल के बाद.
38. किस्मत का सौदा
39. ममता की जात नहीं होती
40. वैचारिक देह
41. चुप हो जा चिड़िया
42. किरचें
43. आज्ञाकारी
44. वेशभूषा
45. अम्मा के सगे
46. क्रोधित स्त्री
47. जब जागो तब सवेरा
48. लेने के देने
49. अग्नि कुंड
50. क्षमता पर भरोसा
51. दो रोटी
52. नाईट ड्यूटी
53. सर चढ़ा आसमान
54. कैनवास के जूते
55. आराम कुर्सी
56. मुर्गी को किसने मारा
57. दुकानदारी
58. अनोखा रक्षा बंधन
59. गांधी का चश्मा
60. फंदे.
61. अरदास
62. नागफनी के कांटे
63. बुढ़िया का शृंगार
64. चंदन का टीका
6.5. मुझे मुक्ति दे दो न
66. इंतजार
67. प्रतिरूप
68. धुंध में तैरता भय
69. अपना घर
70. अनकहा
71. उलझे सवाल
72. छपाक-छपाक
73. कल्लू मामा का पायजामा (व्यंग्य)
74. फेयरवेल
पदम गोधा
जन्मदिन व स्थान -४-५-१९४८ कोटा राजस्थानपिता -स्वर्गीय नेमीचंद गोधा
माता -स्वर्गीय भंवरीबाई गोधा
जीवन संगिनी - उषा गोधा
लेखन विधा-कविता, कहानी, लघुकथा
• पुस्तक प्रकाशन - मेरी चाहत (कविता संग्रह)
संकलन -चले नीड़ की और, लघुकथा कलश, दृष्टि, परिंदो की रजत शृंखला, क्षितिज, लघुकथा दर्पण ।
• पत्र पत्रिकाएं - अविराम साहित्यिकी, नव समाचार, सत्य की मशाल, पलाश, लघुकथा वृत व विभिन्न पत्र-पत्रिकाएं
• सम्मान - साहित्य समिति कोटा जंक्शन -
• सम्प्रति - साहित्य सृजन
• सम्पर्क -बी २१०२ आरियो अपटाउन गोल्फ़ कोर्स एक्टेंशन रोड, सेक्टर -६६ गुरुग्राम हरियाणा१२२१०२
• ई मेल - padamkgodha@gmail.com
मोबाइल - ९७७३७२२६२९ (9773722629)
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