दूसरे के बोल (प्रतिनिधि लघुकथाएं) / के.पी. सक्सेना 'दूसरे'
दूसरे के बोल (प्रतिनिधि लघुकथाएं)
के.पी. सक्सेना 'दूसरे'
ISBN: 978-81-89242-50-3
© के.पी. सक्सेना 'दूसरे'
प्रकाशक :
अर्चना पब्लिकेशन, ए-5, गली नं. 5-सी, नियर बाबा स्वीट कॉर्नर, पश्चिमी करावल नगर, दिल्ली-110090
मो.: 9818500779
प्रथम संस्करण : 2022
मूल्य : 495.00
परत-दर-परत के बाद...
इसके पहले कि आप मेरी रचनाओं पर दृष्टिपात करें मैं इस बात का उल्लेख करना उचित समझता हूँ कि संभव है मेरी ये कथाएँ लघुकथा के निर्धारित मापदण्ड या... आपेक्षित अर्हताएँ पूरी न कर पायें, या यूँ कहूँ कि लघुकथा की कसौटी पर खरी न उतरें, मैंने इन्हें लघुकथा के रूप में ही जाना समझा और बुना है। मेरे अग्रज और लघुकथा में ही अपना पूर्ण कालिक समय देने वाले कथाकारों ने लघुकथा पर न केवल अनेक शोध किये हैं, बल्कि साहित्य जगत को अमूल्य रचनाएँ देकर कथा-साहित्य को समृद्ध भी किया है। उनकी तुलना में ये कथाएँ प्रसंग भी नहीं हैं, किंतु मेरे आस-पास जो गुजरा और उसमें से जो भी कथा के रूप में उकेर सका, उसे आप सब गुणी जनों के समक्ष परोसने का यह साहस इसलिए कर रहा रहा हूँ कि यदि एक भी रचना आपको उस मनःस्थिति तक पहुँचाने में समर्थ हो सके जिसमें मैंने उसे जिया है तो मेरा लेखन-कर्म धन्य हो जाएगा।
इस संग्रह की कुछ रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं और कुछ व्यंग्यात्मक शैली में हास्यास्पद हो सकती हैं, उन्हें भी इसमें संकलित करने की धृष्टता की है या यूँ कहूँ कि आपके समक्ष रखने का मैं लोभ संवरण नहीं कर पाया हूँ जिसे कृपया अन्यथा न लेंगे। इसके पीछे मेरी एक सोच तो यह है कि आम आदमी की जिंदगी का अधिकांश हिस्सा संजीदगी भरा होता है, ऐसे में यदि मृदु हास्य का छौंका लगाकर कोई बात कहें तो उसका अपना प्रभाव होता है, और दूसरा निहितार्थ ये भी था कि मेरी ये कथाएँ भी एक जगह मिल-बैठकर आपस में कुछ दुःख-सुख बतिया लें!
मेरा पहला लघुकथा संग्रह 'परत-दर-परत', वर्ष 2008 में प्रकाशित हुआ था। उसकी भूमिका लघुकथा को समर्पित कथाविद आदरणीय बलराम अग्रवाल जी ने लिखी थी। इसके बाद कथाएँ तो यदा-कदा प्रकाशित होती रहीं किंतु इस 'दूसरे' का दूसरा लघुकथा संग्रह ऊहापोह में ही रहा। अब जाकर इसके भी दिन फिरे हैं क्योंकि कहते हैं न कि '12 साल में तो घूरे के दिन भी फिर जाते हैं'... और मेरे पूर्व संग्रह परत-दर-परत को प्रकाशित हुए 12 साल तो हो ही चुके हैं! और अब उम्र के इस पड़ाव में मैं इसे 'दूसरे' का अंतिम लघुकथा-संग्रह मान रहा हूँ।
एक और बात, इसमें एक लम्बी कहानी 'अठान्नवे अँगूठीवाली शहजादी' भी संकलित है, जो मैंने अपने पुरखों से सुनी थी। रोचक कथा है, अतः सोचा आप लोगों से साझा करता चलूँ... शायद आप लोगों को इसी बहाने नानी की कोई कहानी याद आ जाये ! आशा है आप इसे अन्यथा न लेंगे। आपके थोड़े से दुलार की अपेक्षा में, आपका ही...
4 जुलाई, 2020 कोरोना-काल, मुम्बई के.पी. सक्सेना 'दूसरे'
अनुक्रम
1. कट्टी
2. नया बंदर : पुराना मदारी
3. गाय की रोटी
4. कहानी कंजर की...
5. प्रायश्चित
6. जड़ों की ओर
7. अमरनाथ
8. अपना-अपना दुःख
9. समझाइश
10. पके-बाल
11. मंदिर वाले फादर
12. पात्रता
13. पाषाण और प्रतिमा
14. नाटक में भी...
15. बोहनी
16. नारियल विरुद्ध अगरबत्ती
17. मुखौटा
18. चिड़ीमार
19. इच्छा-मृत्यु
20. सागर-नारद संवाद
21. वृक्ष और वह
22. सहिष्णुणता-दिवस
23. अंकल
24. महानगर का जिन्न
25. मोतियाबिंदु
26. अकलमंद
27. सिक्का उछला
28. बंधी मुट्ठी लाख की...
29. और बैताल निपट गया...
30. एक और गुरुमंत्र
31. पुत्रपक्ष
32. लज्जा
33. वह फिर सुबकने लगा...
34. फरियाद
35. होली मुबारक
36. करवा चौथ की खीर
37. हरतालिका तीज
38. लेगिंग
39. जलेबी
40. पूर्वाभ्यास
41. कोरोना काल
42. मैं बेटे के साथ नहीं रहता
43. वसीयत
44. बूढ़ा बैलः सयाना घोड़ा
45. सांप का काटा
46. आदमी को समझने की भूल
47. पृथ्वी ग्रहण
48. अंठान्नवे अंगूठियों वाली शहज़ादी
49. किसकी मम्मी !
50. तोपचंद
51. हिस्सा
52. छुट्टी
53. कफन की कीमत
54. औदार्य
55. खाली पेट
56. उसकी चिट्ठी
57. अयोध्या
58. मोतीचूर के लड्डू
59. शुद्ध-अशुद्ध
60. सौदा
61. वीकेंड
62. चार पैसे
63. रिश्ता
64. डेनियल
65. आम का पेड़
66. फ्रॉक
67. निरुत्तर
68. बोकरा-भात
69. लंच ऑवर
70. दुशाला
71. माखनचोर
72. ब्रेन-डेड
73. सूझ-बूझ
74. कुल्हाड़ी
75. कंडेक्टर की सीट
76. सीधी रेखा
77. बच्ची
78. टमाटर के भाव...
79. सिलेंडर
80. माँ का टीका
81. कडुआ सच
के.पी. सक्सेना 'दूसरे'
जन्म : 10 मार्च, 1947, सतना (म.प्र.)शिक्षा : एम.एससी. (कृषि), एम.ए. (हिंदी), एल-एल.बी.
प्रकाशन : 'नूतन प्रसून', 'शायद बात तुम्हारे मन की' (कविता-संग्रह), 'एक महंगा प्रायश्चित' (कहानी-संग्रह), 'नई ऊंचाईयाँ' (बाल साहित्य), 'भारत के राष्ट्रपति' (बाल साहित्य), 'क्षितिज के पार' (प्रेस में)।
प्रसारण : आकाशवाणी से कहानियां, दूरदर्शन से टेली प्ले।
सम्मान : अस्मिता शंखनाद 2004, हिंदी प्रतिष्ठा सम्मान 2006, नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया स्वर्ण जयंती समारोह में कविता पाठ।
संप्रति : अध्यक्ष, सीनियर सीटीजंस वेलफेयर फोरम, छत्तीसगढ़। अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ हिंदी साहित्य परिषद, जिला इकाई रायपुर। उपाध्यक्ष, हिंदी साहित्य मंडल।
संपर्क : श्री शांतिनाथ नगर, सांस्कृतिक भवन मार्ग, सन्मुखः श्रीराम लोटस वैली, टाटीबंध-492099 (छत्तीसगढ़)
मोबाइल : 9594480055, 9584025175
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