रमेश बतरा का लघुकथा संसार / डॉक्टर रामकुमार घोटड़ (सं.)

पुस्तक  : रमेश बतरा का लघुकथा संसार (अध्ययन)  

संपादक : डॉक्टर रामकुमार घोटड़ 


प्रकाशक / विपणक :

इंडिया नेटबुक्स प्राइवेट लिमिटेड

मुख्यालय : सी-122, सेक्टर 19, नोएडा, पिन-201301 गौतमबुद्ध नगर (एन. सी. आर. दिल्ली)

फोन: +91 120437693, 

मोबाइल +91 9873561826

© कॉपीराइट : रामकुमार घोटड़

प्रथम संस्करण : 2024

ISBN: 978-81-974320-2-6

मूल्यः रु: 475.00/-(हार्डबाउंड)

अनुक्रमणिका

खण्ड-एक 

पुरोवाक् (पृ.सं. 7-22)

खण्ड-दो 

रमेश बतरा का लघुकथा-दृष्टिकोण (पृ.सं. 23-48)

खण्ड-तीन

रमेश बतरा की लघुकथाएँ (पृ.सं. 49-84)

खण्ड-चार 

रमेश बतरा की रचनाधर्मिता (पृ.सं. 85-188)

खण्ड-पाँच 

रमेश बतरा का लघुकथा-साक्षात्कार एवं बातचीत (पृ.सं. 189-200)

खण्ड-छः 

सम्मतियाँ (पृ.सं. 201-208)

रमेश बतरा : लेखकीय परिचय


नाम : रमेश बतरा

जन्म : 23 नवम्बर, 1950, जालंधर, पंजाब।


शिक्षा : इंजीनियरिंग में डिप्लोमा, एम.ए. हिन्दी

नौकरी : समय तक लोक निर्माण विभाग (नगर निगम) हरियाणा सरकार में मार्च 1970 से कुछ समय तक सेवाएँ दी। अपनी इच्छा से सरकारी नौकरी छोड़कर पत्रकारिता क्षेत्र अपनाया।

रचित पुस्तकें : मौलिक कृतियाँ- कहानी संग्रह : नंग-मनंग (1978), पीढ़ियों का खून (1980), फाटक (1984), दिल का मामला (अप्रकाशित)

उपन्यास : पिघलते मोम का दर्द (अप्रकाशित), दैनिक हिन्दी मिलाप-पत्र (जालंधर) में फरवरी 1972 से जनवरी 1973 तक 12 किश्तों में कुछ अंश प्रकाशित। फौजी फौजासिंह (अप्रकाशित) नाटकः ये घर क्यों झुका (अप्रकाशित)

हिन्दी अनुवाद : वन्दीवान (1982), उर्दू उपन्यास (मूल लेखक-फखर जमान), साहित्यचार (पंजाबी साहित्यिक संकलन), छन्द संग्रह- (पंजाबी छन्द), गुरुदेव चौहान, वरियामसिंह संधु और कुलवनसिंह 'विर्क' की पंजाबी कहानियों सहित देश-विदेश से कई हिन्दीत्तर रचनाओं का हिन्दी अनुवाद किया)

सम्पादन

• दैनिक हिन्दी मिलाप (दैनिक पत्र, जालंधर- पंजाब) के साहित्य संस्करण के नियन्ता-मार्च-1971.

• बढ़ते कदम (संरक्षक, बाबूलाल 'प्रेम', करनाल- हरियाणा) का सन् 1971-1972 में अनियमित सम्पादन।

• दीपशिखा (त्रैमासिक, जालंधर, पंजाब) का मार्च-1973, अगस्त-1973, जनवरी 1974 अंकों का सिमर सदोष के साथ मिलकर सम्पादन व प्रकाशन लेकिन सरकारी सेवा में होने के कारण डॉ. सुरेन्द्र मन्थन का नाम बतौर सम्पादक दिया गया।

• तारिका वर्तमान में शुभतारिका (मासिकी, अम्बाला छावनी- हरियाणा) के अगस्त-1973, लघुकथा विशेषांक का सह- सम्पादन।

साहित्य निर्झर (मासिकी अम्बाला छावनी- हरियाणा) का जून- 1974, लघुकथा-विशेषांक का सह-सम्पादन।

सारिका (पाक्षिक पत्रिका- बम्बई सं.- कमलेश्वर) का 1 मार्च, 1977 से 15 अप्रैल, 1978 तक उपसम्पादक पद पर रहते हुए सहसम्पादन ।

• सारिका (दिल्ली में स्थानान्तरित होने पर सं.- कन्हैयालाल नन्दन 16 अप्रैल, 1978 से 31 दिसम्बर, 1985, सं.- अवधनारयण मुद्गल 1 जनवरी, 1986 से 31 दिसम्बर 1986) में 16 अप्रैल, 1978 से 31 दिसम्बर, 1986 तक सह-सम्पादक।

• सारिका व सारिका के बाद नवभारत टाइम्स, सण्डेमेल, गंगा व करंट जैसी पत्रिकाओं में सम्पादनकाल के माह-वर्ष सहित ठोस प्रमाण नहीं मिल पाने के कारण, उनके नजदीकी कार्यालय सहयोगियों से मिली जानकारी अनुसार दिया जा रहा है।

• नवभारत टाइम्स (नई दिल्ली) में एक-डेढ़ वर्ष 1986-1987 तक।

• सण्डेमेल (सं.- कन्हैयालाल नन्दन) में 1987 से 1994 तक गंगा व करंट न्यूज पत्रिकाएँ- नई दिल्ली में 1994 से 1997 तक अस्थिर हालातों में कार्य करते रहे।

बतरा से सन्दर्भित प्रकाशन :-

• पत्र-पत्रिकाएँ मचान (अनियमितकालीन पत्रिका- नोएडा- दिल्ली, सं.- हरवंश कश्यप) का सन् 2004 अंक रमेश बतरा श्रद्धांजलि विशेषांक ।

• पुस्तकेंः- (1) अधूरा किस्सा (रमेश बतरा सन्दर्भित संस्मरण, पत्र एवं आलेख संकलन-2004) सं. बलजिन्द्र सिंह। (2) त्रासदी का बादशाह : रमेश बतरा (रमेश बतरा सन्दर्भित संस्मरण-2021) सं. प्रेम जनमेजय, तरसेम गुजराल। (3) कत्ल की रात (रमेश बतरा की कहानियों का संकलन- 2021) सं. हरीश पाठक।

(4) रमेश बतरा की रचित कहानियाँ-2022, सं.- गीता डोगरा, बलजिन्द्रसिंह ।

(5) सवाल-दर-सवाल (रमेश बतरा का लघुकथा-साहित्य-2022) सं. अशोक भाटिया। (6) रमेश बतरा : एक शिनाख्त (रमेश बतरा के व्यक्तित्व- कृतित्व आलेख संकलन-2023), सं. महेश दर्पण।

निधन : 15 मार्च, 1999 दिल्ली।

डॉक्टर रामकुमार घोटड़


जन्म- 02 दिसम्बर, 1951 गाँव- भैंसली, तहसील- राजगढ़, चूरू (राज.)

शिक्षा- एम.बी.बी.एस., एम.एस. (प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ)

सम्प्रति - राजस्थान सरकार से सेवानिवृत्त, चिकित्सक

प्रकाशित पुस्तकें - एकल-लघुकथा-संग्रह: 1. तिनके तिनके (1989), 2. प्रेरणा (1994), 3. क्रमश: (2002), 4. रूबरू (2006), 5. आधी दुनिया की लघुकथाएँ (2009), 6. मेरी श्रेष्ठ लघुकथाएँ (2009), 7. संसारनामा (2012), 8. रजत कण (2014), 9. दर्पण के उस पार (2015), 10. सामाजिक सरोकार की लघुकथाएँ (2017), 11. प्रजातंत्र के सारथी (2018), 12. मेरी चुनिंदा लघुकथाएँ (2019), 13. बुजुर्ग जीवन शैली की लघुकथाएँ (2019), 14. मेरी बीसवीं सदी की हिन्दी लघुकथाएँ (2021), 15.70 लघुकथाएँ (2022), 16. संवादात्मक लघुकथा (2023), 17. नई सदी की मेरी लघुकथाएँ (2023), 18. बाल मन की दस्तावेजी डॉ. रामकुमार घोटड़ लघुकथाएँ (2024), 19. नौ-रत्नी लघुकथाएँ (2024)

सम्पादित लघुकथा संकलन : प्रतीकात्मक लघुकथाएँ (2006), पौराणिक संदर्भ की लघुकथाएँ (2006), अपठनीय लघुकथाएँ (2006), दलित समाज की लघुकथाएँ (2008), लघुकथा-विमर्श (2009), भारतीय हिन्दी लघुकथाएँ (2010), देश-विदेश की लघुकथाएँ (2010), राजस्थान के लघुकथाकार (2010), भारत का हिन्दी लघुकथा संसार (2011), कुखी पुकारे (2011), एक सौ इक्कीस लघुकथाएँ (2011), हिन्दी की समकालीन लघुकथाएँ (2012), किसको पुकारू (2012), आजाद भारत की लघुकथाएँ (2012), गुलाम भारत की लघुकथाएँ (2014), लघुकथा पड़ाव और पड़ताल खण्ड-12 (2015), हिन्दी की प्रतिनिधि लघुकथाएँ (2016), दलित जीवन की लघुकथाएँ (2017), स्मृति-शेष लघुकथाकार (2018), लघुकथा सप्तक (2018), प्रतिनिधि हिन्दी लघुकथाकार (2019), लघुकथा सप्तक-2 (2019), किन्नर समाज की लघुकथाएँ (2019), लघुकथा सप्तक-3 (2019), लघुकथा सप्तक-4 (2019), लघुकथा सप्तक-5 (2020), दलित सन्दर्भ की लघुकथाएँ (2020), लघुकथा सप्तक-6 (2020), आधुनिक हिन्दी लघुकथा का पूर्वार्द्ध-काल (1971-1990) (2020), लघुकथा सप्तक-7 (2021), हिन्दीत्तर लघुकथाएँ (2021), बीसवीं सदी का हिन्दी लघुकथा इतिहास (2021), विभाजन त्रासदी की लघुकथाएँ (2021), राजस्थान का हिन्दी लघुकथा साहित्य (2023)

अन्य प्रकाशित पुस्तकें : कहानी संग्रह-3, व्यंग्य संकलन-3, बाल साहित्य-3, विविध साहित्य-10, राजस्थानी भाषा में-8

अन्य भाषा में अनुवादित पुस्तकें: 1. डॉ. रामकुमार घोटड़ दी लघुकथावां (पंजाबी-2016) अनुवादः जगदीश राय कुलरियां।

2. डॉ. रामकुमार घोटडेर लघुकथा (बंगाली-2023) अनुवादः बेबी कारफार्मा।

3. डॉ. रामकुमार घोटड 'स 80 शोर्ट स्टोरीज (अंग्रेजी-2023) अनुवादः अशोक कुमार मंगलेश।

सम्मान एवं पुरस्कार- डॉ. अम्बेडकर फैलोशिप (1987), डॉ. परमेश्वर गोयल लघुकथा शिखर सम्मान (2006) एवं राजस्थान साहित्य अकादमी विशिष्ट साहित्यकार सम्मान (2023) सहित राष्ट्रीय स्तर की दर्जन भर विभिन्न साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कृत।

विशेष - डॉ. घोटड़ के लघुकथा साहित्य पर एक शोधार्थी द्वारा पीएच. डी. एवं चार शोधार्थियों द्वारा एम. फिल. शोध किया गया। हिन्दी की प्रतिनिधि लघुकथाएँ (1875-2015) लघुकथा-संकलन, उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय, जलगाँव के स्नातक कक्षा के पाठ्यक्रम में स्वीकृत।

सम्पर्क सूत्र - निराला अस्पताल सादुलपुर (राजगढ़), जिला- चूरू (राज.)-331023 

मो.- 9414086800

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