लघुकथा : नारी सशक्तिकरण / सुनीता प्रकाश (संपादक)
लघुकथा-संकलन
लघुकथा : नारी सशक्तिकरण
संपादक-सुनीता प्रकाश
ISBN: 978-93-91484-57-6
प्रथम संस्करण : 2024
मूल्य : 280.00 रुपये
आवरण पृष्ठ : डॉ. सुमन एस. खरे
प्रकाशक :
अपना प्रकाशन
54/ए, सेक्टर-सी बंजारी, कोलार रोड
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संपादक की कलम से ...
• सुनीता प्रकाश
लघुकथा समाज के यथार्थ का ही चित्रण है। लघुकथा का अस्तित्व प्राचीन काल से कहानी के साथ ही प्रारंभ हुआ था, जो निरंतर अन्तरधारा के रूप में कहानी के साथ बहती आयी है। लघुकथा लंबी कहानियों के मध्य लघुकथा के रूप में प्रतिष्ठित कहानीकारों के द्वारा रची जाती रही है। हरिशंकर परसाई की 'जाति', माखन लाल चतुर्वेदी की 'बिल्ली और बुख़ार', रामवृक्ष बेनपुरी की 'पनिहारिन' आदि प्रमुख लघुकथाएँ हैं जो लघुकथा के कलेवर में हैं। माधवराव सप्रे जी की लघुकथा 'एक टोकरी भर मिट्टी' को कहानी विधा में लघु कहानी के रूप में भी चिन्हित किया गया है।
बीसवीं शताब्दी में शरद जोशी, विष्णु प्रभाकर, रामनारायण उपाध्याय, प्रेमचंद, रावी जैसे रचनाकारों ने नये प्रयोग के साथ लघुकथा लिखी, साथ में समकालीन रूढ़िवादी रचनाकारों का विरोध भी झेला। सत्तर के दशक तक आते-आते लघुकथा स्थापित हो चुकी थी। बीसवीं सदी के अंतिम तीन दशक लघुकथा के संघर्ष के साक्षी रहें हैं एवं इक्कीसवी सदी के पहले दो दशक लघुकथा के विस्तार की दास्ताँ हैं।
वर्तमान समय लघुकथा का स्वर्णिम काल हैं। अनेक समर्पित लघुकथाकर इस विधा के लिये तन मन धन से कार्य कर रहें हैं। इसी कड़ी में श्रीमती कान्ता रॉय का नाम भी हैं जिनका अस्तित्व लघुकथा से पृथक नहीं किया जा सकता। वे लघुकथा विधा के विकास के लिए आकाश को नापने की उर्जा रखती हैं। कान्ता रॉय लेखन, आयोजन-संयोजन, संपादन, मासिक अख़बार का प्रकाशन आदि तमाम रूपों में लघुकथा विधा की समृद्धि के लिए प्राणप्रण से जुटी हैं।
उन्होंने लघुकथा शोध केंद्र समिति, भोपाल की स्थापना की, लघुकथा वृत्त नामक मासिक अखबार के प्रकाशन की शुरुआत की। इसके लिए उन्होंने एक संपादक मंडल की स्थापना की, जिसमें मुझे भी स्थान मिला। मुझे नारी विमर्श की श्रेष्ठ लघुकथाओं को पाठकों के सम्मुख लाने की जिम्मेदारी दी गयी। मैंने प्रतिष्ठित लघुकथाकारों की नारी विमर्श की लघुकथाओं को उनकी पुस्तकों से लिया, लघुकथा के परिंदे, फेसबुक समूह के परिंदों की नारी विमर्श लघुकथाओं को लिया। जहाँ भी मुझे अच्छी लघुकथाएँ मिली, बतौर संपादक अपना दायित्व समझ कर उन्हें पाठकों के सम्मुख लाने का प्रयास किया। इस संकलित समुक कथाओं में उन्हीं लघुकथाओं की प्रमुखता हैं जो 'लघुकथा वृत्त' में मैंने लाम्राशन हेतु चुने थे। ये सभी लघुकथाएँ नारी मन की उहापोह से जन्मीं हैं। इन्हें आपके समक्ष पेश करते हुए यह जरूर कहना चाहूँगी संपादन कला की समझ लेखकों को जिम्मेदार बनाता है। मैंने अपनी जिम्मेदारी निभाने की भरपूर कोशिश की है।
आशा हैं, पाठक इस संग्रह को अपना भरपूर स्नेह देंगे। आपकी प्रतिक्रिया का इंतज़ार रहेगा। शुभकामनाओं सहित...
मो.-9425013043
ईमेल : Sunitatanvi@gmail.com
अनुक्रमणिका
संपादक की कलम से / सुनीता प्रकाश
नारी मन के अनसुलझे सवालों का जवाब तलाशती लघुकथाएँ / कान्ता रॉय
1. अशोक भाटिया : बेतरीब ज़िन्दगी
2. सुरेश सौरभ : एक वेश्या की...
3. रूपम झा : अच्छी
4. दीपक मशाल : छमिया
5. कविता वर्मा : कासे कहूँ
6. सरस्वती माथुर : जमा पूँजी
7. नृपेन्द्र सिंह : नारी-चन्दन से चिंगारी
8. अन्तरा करवड़े : ममता
9. सुकेश साहिनी : दूसरा चेहरा
10. चित्रा मुदगल : बोहनी
11. धनेन्द्र 'प्रभावी' : कहाँ, मिलेगी माँ
12. सुदर्शन रत्नाकर : औरत का दर्द
13. कल्पना मिश्रा : माँ
14. आरती रॉय : पश्चाताप
15. सुधा भार्गव : माँ
16. कान्ता रॉय : प्रकाश के मुहाने पर
17. प्रियंवदा : चढ़ने की राह
18. सत्या शर्मा 'कीर्ति : चुन्नी
19. मंजू मिश्रा : नारी निकेतन
20. महिमा श्रीवास्तव वर्माः सुलगते आँसू
21. चित्रा राणा राघव : समय की देन
22. अर्चना राय : महिला सशक्तिकरण
23. संध्या तिवारी : ग्रे शेड
24. निरंजन धुलेकर : पॉवर
25. वीरेन्द्र भाटिया : स्त्री चरित्र और शास्त्र
26. हर्षा श्री : अपराजिता
27. ज्योत्स्ना शर्मा : किन्नर
28. कुसुम पारीक : वामा-ग्रंथी
29. ऋचा उपाध्याय : अब बेटियां रोती नहीं
30. मुज्जफर इकबाल सिद्दीकीः फ़र्ज़
31. नीरजा कृष्णा : बेटियाँ तो...
32. रामेश्वर काम्बोज 'हिमाँशु': जाला
33. लीना श्रीवास्तव : गृह-प्रवेश
34. सुषमा गुप्ता : जिन्दा का बोझ
35. मधुलिका सक्सेना : बलिष्ठ हाथ
36. मालती बसंत : भाग्यशाली
37. गणेश जी 'बागी' : ममता
38. पद्मा शर्मा : नज़र
39. गोवर्धन यादव : औरत
40. बबिता गुप्ता : गठरी
41. वीणा विज 'उदित' : कर्तव्य बोध
42. पुष्प कुमारी 'पुष्प' : झूठा
43. मधु जैन : खामोश निर्णय
44. कमलेश भारतीय : सबसे खूबसूरत...
45. मधुलिका सिन्हा : हक
46. ज्योति व्यास : दोहरा व्यक्तित्व
47. शकुंतला मित्तल : परवरिश
48. रेखा मित्तल : चौका
49. प्रीति आनंद अस्थाना : पिघलेगा दर्द
50. संगीता बंसल : माँ को चिट्ठी
51. ओजेंद्र तिवारी : छोटी बेटी
52. मृदुला मिश्रा : अनपढ़
53. सुनीता प्रकाश : घर
54. हरदीप सबरवाल : पशु और इंसान
55. भगवती सक्सेना गौड़: पत्नी
56. मिन्नी मिश्रा : बेटी विवाह
57. सुनीता मिश्रा : डेढ़ पसली
58. शिवानी खन्ना : खर्राटे
59. नेत्रराम भारती : चरणदास त्रिपाठी
60. राजकुमार निजात : नई माँ
61. मेघा मैथिल : निर्णय
62. अरविन्द दीक्षित : एक अहिल्या और...
63. नम्रता सिंह 'सोना' : रक्षक
64. राजश्री शर्मा : रोटी
65. पंकज सिंह : निर्णय
66. रेखा सक्सेना : पहला प्यार
67. ज्योतिर्मयी पन्त : विकल्प
68. संजय आरजू 'बड़ौतवी': बेटी की पढाई
69. गोकुल सोनी : चीटर
70. जया आर्य : जख्म का दर्द
71. वर्षा ढोबले : महत्त्व
72. घनश्याम मैथिल 'अमृत': सीता रेखा
73. मृदुल त्यागी : जागरूकता
74. उज्ज्वला केलकर : आसमान साफ हो गया
75. उपमा शर्मा : स्त्रीत्व
76. मनोरमा पन्त : मेरा घर
77. गिरिजेश सक्सेना : अनजानी माँ
78. सतीशचन्द्र श्रीवास्तवः गुजारा
79. संतोष श्रीवास्तव : सीधी रेखा
80. नीना सिंह सोलंकी : कृतज्ञ
81. सरिता बघेला : कुलटा
82. विजय जोशी : विकलांगता बाधा...
83. गोविन्द शर्मा : हज
84. मौसमी परिहार : कद
श्रीमती सुनीता प्रकाश
पिता : श्री (स्व.) बृजेन्द्र कुमार
माता : श्रीमती (स्व.) मनोरमा कुमार
पति : डॉ. सौरभ प्रकाश
जन्म तिथि : 20 नवम्बर 1962
जन्म : कानपुर, उत्तर प्रदेश
शिक्षा : एम. ए., अर्थ शास्त्र, लघुकथा लेखन कौशल, सर्टिफाईड
सम्मान : लघुकथा श्री, विक्रम सोनी लघुकथा कृति सम्मान
सम्प्रति : रिजर्व बैंक आफ इंडिया में अधिकारी पद से सेवानिवृत्त
कोषाध्यक्ष : लघुकथा शोध केंद्र समिति
विधाएँ : कविता, बाल कहानियाँ, लघुकथा विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं और साँझा संकलन में प्रकाशित तथा लघुकथा के मासिक अखबार 'लघुकथा वृत्त' की सह-संपादक
प्रकाशनः
बिखरी चीनी (लघुकथा संग्रह),
सम्पादनः लघुकथाएँ-नारी सशक्तिकरण (लघुकथा संकलन)
संपर्क : ई/14 शालीमार गार्डन, कोलार रोड, भोपाल-462042
मो. : 9425013043
ईमेल : sunitatanvi@gmail.com
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