(अशोक जैन के सौजन्य से)
'दृष्टि' प्रवेशांक, 1 जनवरी, 1985
संपादकीय/अशोक जैन
लघुकथाएँ :
अस्तित्वहीन नहीं/मधुदीप
लोकतंत्र/मधुकांत
बराबर के लोग/विकेश निझावन
अर्थ/ राजा नरेन्द्र
माँ /प्रबोध कुमार गोविल
सावन हरे भादों हरे / हरनाम शर्मा
बड़ी मछली का आहार/ विक्रम सोनी
संपर्क (अशोक जैन) : +91 98103 74941
दुर्लभ दस्तावेजों से परिचित करा रहे आप।
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