उत्कृष्ट लघुकथा विमर्श (आलोचना) / दीपक गिरकर (संपादक)

उत्कृष्ट लघुकथा विमर्श (आलोचना) 

दीपक गिरकर (संपादक)

₹400

प्रथम संस्करण 2023 

@दीपक गिरकर

ISBN 978-81-19018-74-1

Utkrasht Laghukatha Vimarsh Articals Compiled By Deepak Girkar मुद्रक थॉमसन प्रेस (इंडिया) प्रा.लि., नई दिल्ली आवरण चित्र संदीप रानिशनकर

प्रकाशक:

शिवना प्रकाशन पी. सी. लैब, सम्राट कॉम्प्लैक्स बेसमेंट बस स्टैंड, सीहोर -466001(म.प्र.) 

फोन +91-7562405545 

मोबाइल +91-9806162184 (शहरयार) 

ईमेल shivna.prakashan@gmail.com

भूमिका

आत्मीय बंधु / भगिनीगण,

श्री दीपक गिरकर जी द्वारा संपादित सद्य प्रकाश्य कृति उत्कृष्ट लघुकथा (विमर्श) अपने प्रकाशन के अंतिम चरण में है। आपसे प्राप्त सूचना से यह ज्ञात हुआ कि बहु प्रतीक्षित यह साझा लघुकथा विमर्श एवं रचना संकलन अब छप कर हम सबके हाथों में आने वाला है तो मन की प्रसन्नता कई गुना बढ़ गई।

एक लंबे समय से दीपक जी स्वयं लघुकथा लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हैं। आपके परिश्रम की यह सुंदर परिणीति अप्रतिम बन पड़ी है इसमें कोई संशय नहीं। आपके लेखन के विषय चयन और प्रस्तुतियाँ पाठकों को लुभाएंगे। इन दिनों लघुकथा लेखन में रचनाकारों की रुचि बहुत तेजी से बढ़ी है परंतु अर्थशास्त्र के सिद्धांत की तरह यहां भी बढ़ता प्रोडक्शन क्वालिटी को प्रभावित कर रहा है। ऐसे समय में इस तरह की कृतियाँ नव लेखकों के लिए थ्योरी और प्रेक्टिकल का एक साथ अभ्यास करवाने में सक्षम होगी।

स्वाभाविक रूप से इन दिनों लेखकों की मुख्य शिकायत भी यही है कि उन्हें कविता या ग़ज़ल की तरह लघुकथा के प्रशिक्षक सहज रूप से नहीं मिल पाते। आपकी यह कृति संभवतः इस शिकायत को दूर करने में सक्षम सिद्ध होगी। एक ही जगह 26 श्रेष्ठ समालोचकों के मार्गदर्शक आलेख और प्रदर्शरूप 28 लघुकथाएँ प्राप्त होना अनूठा उपहार होगा।

मैं आपके नवीन प्रकाशित ग्रंथ उत्कृष्ट लघुकथा (विमर्श) के लिए हृदय से शुभकामनाएं व्यक्त करता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह आपकी लेखनी को खूब सक्षम बनाएं ताकि आप वर्षानुवर्ष तक लघुकथा लेखन धर्म में प्रवृत्त रह सकें और करते रहें।

पुनः बधाई और शुभकामनाओं सहित...

सदैव सा

-डॉ. विकास दवे निदेशक, साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश शासन, भोपाल

संपादकीय

आज के दौर की गद्य में सबसे पठनीय विधा है लघुकथा। वर्तमान समय लघुकथाओं का है। आज लघुकथा विधा साहित्य के केंद्र में है। लघुकथा अपनी विकास यात्रा में नित्य नये सोपान चढ़ रही है। लघुकथा के विकास के लिये इस बात की जरूरत है कि नवोदित रचनाकारों को सहयोग प्रदान किया जाए। आज के समय में बहुत से रचनाकार गुणात्मक लेखन की बजाय संख्यात्मक लेखन पर जोर दे रहे हैं। नये रचनाकारों को लघुकथा में नये विषय और नई शैलियों पर काम करना होगा। कुछ विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में यह लघुकथा विधा शामिल की जा चुकी है। लघुकथा पर शोध-प्रबंध भी लिखे गए हैं और छात्रों ने एम.फिल. और पी.एच.डी. की डिग्रियां प्राप्त की हैं। यूजीसी स्तर पर लघुकथा को मान्यता मिल चुकी है। विमर्श की इस पुस्तक में शामिल सभी लेखक- लेखिकाएँ लघुकथा के सुपरिचित हस्ताक्षर हैं। सभी लेखकों की लघुकथा विधा के क्षेत्र में अपनी ठोस ज़मीन है। इन सभी का विमर्श की इस पुस्तक में स्वागत है। सभी ने मेरे आग्रह का मान रखा। लघुकथा विधा में इस तरह का काम आसान नहीं था। विमर्श की यह पुस्तक नवांकुरों, नये रचनाकारों को लघुकथा को समझने और उनको सही दिशा में मार्गदर्शन देने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। इस पुस्तक के पहले खंड में उत्कृष्ट लघुकथा कैसे लिखी जाए इस पर वरिष्ठ रचनाकारों के आलेख हैं और दूसरे खंड में वरिष्ठ लघुकथाकारों की उत्कृष्ट लघुकथाएँ हैं। इस विमर्श की पुस्तक से नये रचनाकार जहां एक ओर 26 लघुकथा के वरिष्ठ लेखकों के आलेख पढ़कर लघुकथा विधा को समझ पाएंगे वही दूसरी ओर 28 उत्कृष्ट लघुकथाएँ पढ़कर अच्छी और बेहतरीन लघुकथाएँ लिखने का प्रयत्न कर सकते हैं। सभी वरिष्ठ रचनाकारों का दिल से आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने अपने उत्कृट आलेख इस पुस्तक के लिए भेजें। आशा करता हूँ आपकी शुभकामनाएँ और स्नेह इस पुस्तक को मिलेगा। आपकी प्रतिक्रिया लघुकथा के इस विमर्श को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी। लघुकथा के सागर में विमर्श की यह पुस्तक इस लघुकथा विधा के विकास में और नये रचनाकारों के बीच यह पुस्तक निश्चित रूप से उपयोगी साबित होगी, ऐसा मुझे विश्वास है।

- दीपक गिरकर

अनुक्रम

विमर्श-खंड 1

बलराम अग्रवाल - समकालीन लघुकथा : सामान्य अनुशासन /07

भगीरथ परिहार - उत्कृष्ट लघुकथा लेखन कैसे करें? /19

बी.एल. आच्छा - लघुकथाः सृजनात्मक संभावनाएँ और शिल्प /23

ब्रजेश कानूनगो - श्रेष्ठ लघुकथा लेखन: रास्ता खुद ही बनाना होगा /27

डॉ. चंद्रा सायता - उत्कृष्ट लघुकथा के मानक /30

डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी लघुकथा का एकांगी स्वरुप और कालखंड की अवधारणा /33

दीपक गिरकर - मेरी दृष्टि में लघुकथा विधा /46

डॉ. धर्मेन्द्रकुमार एच. राठवा उत्कृष्ट लघुकथा की कसौटी /57

ज्योति जैन - लघुकथा शिल्प में संकेतों का उपयोग /65

कनक हरलालका - उत्कृष्ट लघुकथा के आयामों का चयन /68

डॉ. लता अग्रवाल 'तुलजा' लघुकथा सम्पूर्ण विधा है /70

मिन्नी मिश्रा - उत्कृष्ट लघुकथा के विधागत तत्व /77

नेतराम भारती - उत्कृष्ट लघुकथा लेखन के बिंदु /82

पवन जैन - लघुकथाः स्वानुभूत प्रयोग /85

पवन शर्मा - लघुकथा का सृजनात्मक पक्ष /89

प्रबोध कुमार गोविल - कैसे लिखी जाए लघुकथा! /92

डॉ. पुरुषोत्तम दुबे - लघुकथा लेखन का आधार वैचारिक सजगता /95

राजेन्द्र वामन काटदरे उत्कृष्ट लघुकथा : एक विवेचना /100

संध्या तिवारी - उत्कृष्ट लघुकथा के मानक / 105

सन्तोष सुपेकर - सहज, संक्षेप में की गई स्वाभाविक अभिव्यक्ति है लघुकथा /110

सतीश राठी - लघुकथा की गुणवत्ता और लेखन की प्रतिबद्धता /114

सीमा व्यास - लघुकथा में प्रभावी संवाद /120

डॉ. शील कौशिक - उत्कृष्ट लघुकथा लेखन /122

डॉ. सुरेश वशिष्ठ - अच्छी लघुकथा कैसे लिखें? /130

सूर्यकांत नागर - सार्थक लघुकथा लेखन /136 सुकेश साहनी - लघुकथा : रचना प्रक्रिया /138

खंड 2 लघुकथाएँ

सुरेश शर्मा - स्वाभिमान /144

मुरलीधर वैष्णव - पेंशनर /145

अंतरा करवड़े - त्याग / 147

सुकेश साहनी - मेंढकों के बीच /148

डॉ. सतीशराज पुष्करणा सीमा का अतिक्रमण /150

डॉ. रामनिवास मानव दूसरी औरत /151

विक्रम सोनी - मुआवजा /152

श्याम सुन्दर अग्रवाल - माँ का कमरा /153

सतीश दुबे - श्रद्धांजलि /155

अशोक भाटिया - श्राद्ध / 156

रामेश्वर काम्बोज 'हिमाँशु' सपने और सपने /158

चंद्रधर शर्मा गुलेरी - पाठशाला / 159

हरिशंकर परसाई - जाति /160

उर्मि कृष्ण - समाज का दर्पण /161

सतीश राठी - कन्सल्टेंसी /163

सूर्यकांत नागर - पिघलती बर्फ /164

भगीरथ परिहार - दोजख / 165

नर्मदा प्रसाद उपाध्याय पश्चाताप / 166

पवन शर्मा - भगवान /167

संतोष सुपेकर - सर्द जवाब /168

बलराम अग्रवाल - बिना नाल का घोड़ा /169

शंकर पुणतांबेकर - आम आदमी / 171

सुकेश साहनी - कसौटी /172

ब्रजेश कानूनगो - रंग बेरंग /174

डॉ. योगेन्द्रनाथ शुक्ल - जूनून /175

डॉ. वसुधा गाडगिल - रेत के दाने /176

चेतना भाटी - लाभ-शुभ /177

ज्योति जैन - शबरी के बेर /178

दीपक गिरकर

जन्म-तिथि- 14.07.1956

जन्म स्थान- इंदौर

संप्रति - भारतीय स्टेट बैंक से सहायक महाप्रबंधक के पद से सेवानिवृत । प्रकाशन- एनपीए एक लाइलाज बीमारी नहीं बैंकों के एनपीए पर पुस्तक का प्रकाशन (वर्ष 2019), बंटी, बबली और बाबूजी का बटुआ व्यंग्य संग्रह का प्रकाशन (वर्ष 2020), प्रेरक आलेख की पुस्तक नींव के पत्थर का प्रकाशन (वर्ष 2022) ।

विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में सामाजिक, प्रेरक, राजनैतिक, कृषि, बैंकिंग, आर्थिक आदि विषयों पर आलेख, पुस्तकों की समीक्षा, आलोचना, शोध आलेख, लघुकथा, कहानी एवं सामयिक विषयों पर व्यंग्य रचनाओं का निरंतर प्रकाशन, मेरी लघुकथाओं का उड़िया और बांग्ला भाषा में अनुवाद, शतरंज सम्राट मासिक पत्रिका और लघुकथा की क्षितिज वार्षिक पत्रिका का संपादन ।

सम्मान- क्षितिज संस्था इंदौर द्वारा विशेष उपलब्धि सम्मान वर्ष 2019, भाषा सखी द्वारा साहित्य भूषण सम्मान वर्ष 2021, प्रभासाक्षी हिंदी समाचार पोर्टल द्वारा हिंदी सेवा सम्मान वर्ष 2021

संपर्क- 28-सी, वैभव नगर, कनाडिया रोड, इंदौर - 452016

मोबाइल- 9425067036.

ईमेल- deepakgirkar2016@gmail.com


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