शिक्षा-जगत की लघुकथाएं / रूप देवगुण, अनिल शूर आज़ाद(सं.)

■शिक्षा-जगत की लघुकथाएं (लघुकथा-संकलन)

■संपादकद्वय : रूप देवगुण, अनिल शूर आज़ाद

■प्रकाशन वर्ष : 1993

■संकलित लघुकथाएं : तिहत्तर

खंड-1 : बिजनेस प्वाइंट-अनिल शूर आज़ाद, करकमल-अमृतलाल मदान, एक्सीडेंट-अरुण अजेय, पदोन्नति-डॉ नरेश मिश्र, इंटरव्यू-मधुकांत, स्पष्टीकरण-महावीरसिंह चौहान, सुख के सोपान-रतीलाल शाहीन, देर किस बात की- डॉ लालचंद ज्योति


खंड-2 : तूफानी हवा-अनिल शूर आज़ाद, उपदेश-अशोक लव, विषम खेती-डॉ कमल चोपड़ा, अपने आदमी-कमलेश भारतीय, छलांग-डॉ नरेन्द्रनाथ लाहा, सेवा-पूरन मुदगल, तरक्की-प्रताप सोमवंशी, असली चेहरा-प्रेम विज, गुरुदक्षिणा-मनोज कुमार शर्मा, निराश न हों-योगेंद्र मौदगिल, बंद आंखें-रमेश गौतम, व्यापारी- राजीव 'नुही', स्थिति डावांडोल-रूप देवगुण, अहसास-एलआर राघव, टेक्स्टबुक और गाइड-शंकर पुणतांबेकर, मौखिक परीक्षा- शकुंतला किरण, उत्थान के स्वप्न-शमशुदीन अजहर, चारित्रिक उत्थान के लिए-शराफ़त अली खान, कुर्सी-शराफ़त अली खान, सीढ़ी-डॉ सतीशराज पुष्करणा, शिक्षाकाल-सुकेश साहनी, कलंककथा-सुखचैनसिंह भंडारी, ऊपर वाला- डॉ सुरेंद्र मंथन


खंड-3 : गलत पकड़-पवन शर्मा, नपुंसक-पृथ्वीराज अरोड़ा, मानदंड-मधुकांत, शिष्टाचार-महेंद्रसिंह महलान, एकलव्य-राजकुमार निजात, कोहरा-शकुंतला किरण, प्रदूषण-सूर्यकांत नागर


खंड-4 : पीढ़ी दर पीढ़ी-अशोक भाटिया, सामने वाला कमरा-अशोक लव, धरती घूमती है-अशोक वर्मा, सही व्याकरण-उपेंद्र प्रसाद राय, निर्यात-डॉ उषा महेश्वरी, संशोधन-प्रदीप नील, उपेक्षित-महावीरसिंह चौहान, सम्मान-महेंद्रसिंह महलान, खेल से बाहर-मुकेश शर्मा, नौकरानी-रामकुमार आत्रेय, समझ-रामनारायण उपाध्याय, निर्णय-डॉ रामनिवास मानव, मंदिर और विद्यामंदिर-लक्ष्मीनारायण प्रधान 'लक्खू', संस्कृतिरक्षक-शंकर पुणतांबेकर, खो रहे पल-डॉ श्यामसुंदर दीप्ति, लेनदेन-साबिर हुसैन, मूल्यांकन-सिन्हा वीरेंद्र


खंड-5 : अक्ल बड़ी कि भैंस-कुंवर प्रेमिल, हमका नहीं पढ़ाना-चन्द्रभूषणसिंह चन्द्र, नपुंसक आक्रोश-पवन शर्मा, विवशता-प्रकाश सूना, पीड़ा-रूप देवगुण, डर-विवेक भटनागर


खंड-6 : प्राथमिकता-कमलेश भटट कमल, इंसान-प्रकाश सूना, दर्श-मुकेश जैन 'पारस', हड़ताल की पड़ताल-रमेशचन्द्र श्रीवास्तव, ताकत-राजकुमार कमल, मूल्यबोध-रामनारायण उपाध्याय, बेटी ही-रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु', चुप्पी-रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु', और बड़े हो-शरदकुमार मिश्र 'शरद', अमूल्य-सत्यप्रकाश भारद्वाज, फल-डॉ सुरेंद्र मंथन, चिंगारी-विक्रम सोनी।)


■भूमिका : स्वयं संपादकद्वय द्वारा

■प्रकाशक : अयन प्रकाशन, नई दिल्ली

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वसुधा करे पुकार / कपिल शास्त्री (संपादक)

लघुकथा ट्रेवल्स / प्रबोध कुमार गोविल (संपादक)

क्षितिज/सतीश राठी-दीपक गिरकर