लघुकथा संग्रह-2020/संतोष श्रीवास्तव
लघुकथा संग्रह : 'मुस्कुराती चोट' (वनिका पब्लिकेशन, बिजनौर वर्ष 2020) में प्रकाशित लघुकथाओं का अनुक्रम:
गिद्ध
अनाथ आश्रम में मुर्दनी छाई थी। आश्रम के सर्वेसर्वा सबके चहेते रुस्तमजी यानी अब्बू का अचानक हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया था। रुस्तमजी की सबसे लाडली रूपा सहमी हुई उनके शव के पास बैठी थी। सुबह ही तो रुस्तम जी ने रुपा से कहा था "शहर में कर्फ्यू लगा है। बिना दूध की काली चाय पीनी पड़ेगी" चाय पीते हुए ही वे कुर्सी से नीचे गिर पड़े थे... और अब रुस्तम जी के पार्थिव शरीर पर मसालों का लेप लगाकर दुखमेनाशीनी यानी अंतिम संस्कार के लिए दख्मा (टॉवर ऑफ साइलेंस )पर रख दिया गया ।
रूपा को जैनी समझा रही थी 'अब्बू महान थे। अभी थोड़ी देर में गिद्ध आएंगे और अब्बू की पार्थिव् देह से अपनी भूख शांत करेंगे ।जैसे जीवित रहते हुए वे हम सबकी भूख शांत करते थे। वे मरने के बाद भी परोपकार कर रहे हैं।"
रूपा आँखें फाड़े आकाश की सीमा नापने लगी। कहीं एक भी गिद्ध न था । ये अपशकुन कैसा ?
शहर में सांप्रदायिक दंगों की आग चरम पर थी। बेकसूर लोगों की गिनती दंगों में मारे गए लोगों में शुमार होने लगी। गिद्ध वही मंडरा रहे थे ।कई शरीरों का मांस जो मिल रहा था। दख्मा गिद्धों के भारी पंखों की आवाज से वीरान हो गया था ।औरतों के जिंदा शरीर को भी गिद्ध नोच रहे थे। और असली गिद्धों को पहचानना मुश्किल हो रहा था।
साझा संकलन संपादित
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1) सीप में समुद्र
47 लघुकथाकारों की लघुकथाओं का संकलन।
प्रकाशक अयन प्रकाशन दिल्ली। वर्ष 2018।
संपादक : संतोष श्रीवास्तव, सहयोग कांता राय
2) क्षितिज और भी हैं
पुरुष विमर्श की 42 लघुकथाकारों की लघुकथाओं का संकलन। विशेष : पुरुष लघुकथाकारों ने स्त्री विमर्श की लघुकथा लिखी है और स्त्री लघुकथाकारों ने पुरुष विमर्श की।
प्रकाशक वनिका प्रकाशन बिजनौर । वर्ष 2020 । संपादक : संतोष श्रीवास्तव, सहयोग रूपेंद्र राज।
कथाकार : संतोष श्रीवास्तवजन्मस्थान : जबलपुर ( मध्यप्रदेश)
Email: kalamkar.santosh@gmail.com
बहुत-बहुत आभार बलराम जी सभी लघुकथा कारों से इस एक ही प्लेटफार्म पर मुलाकात कराने के इस अभिनव कार्य के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं संतोष श्रीवास्तव
जवाब देंहटाएंसंतोष श्रीवास्तव जी की लघुकथाओं की लेखकीय यात्रा निरंतर चल रही है. मुस्कुराती चोट पर सभी वरिष्ठ लघुकथा समीक्षकों के साथ मुझे यह अवसर प्रदान करने के लिए धन्यवाद संतोष दी.
जवाब देंहटाएंइन सभी लघुकथा संग्रहों की विशिष्ट जानकारी के लिए धन्यवाद.आ० बलराम अग्रवाल जी🙏