लघुकथा-संग्रह-2020/प्राणेश कुमार

पुस्तक का नाम--खोया हुआ आदमी

लेखक का नाम -प्राणेश कुमार

जन्मतिथि--11,जनवरी, 1955

जन्म स्थान--गोला,जिला-रामगढ़(हजारीबाग), झारखंड।

प्रकाशन वर्ष--2020

ISBN--9781648285417

संकलित लघुकथाओं का शीर्षक

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भाषा 

बदलाव 

आत्मकथा 

काबिल 

प्रजातंत्र 

जानवर 

कुर्सी का अधिकारी 

शक 

वापसी 

आजादी 

फसल 

निर्णय 

तीसरा वर्ग 

नया युग 

पेट की आग 

जन्मदिन 

खोया हुआ आदमी 

अतीत 

कमाई 

कुत्ते 

दिनचर्या 

शिकायत -पत्र 

हिस्सेदारी 

दर्शक 

हड़ताल 

बाप -बेटा 

आश्रय 

गमगीन 

चरित्र 

परिवर्तन 

प्रेरणा 

टिकट 

मर्द 

फरमान 

उल्टा दिमाग 

अपराध 

राजनीति 

फेहरिस्त 

जिस्म 

प्रैक्टिस 

निशाचर 

कविताएं 

लछमीनिया 

गिरोह 

अस्तित्वहीन 

मजबूर 

विश्वासघात 

कुटिल 

शिनाख्त 

अपना खून 

कुश दाह 

ईमानदारी 

प्रसव 

बड़ा अस्पताल 

विक्षिप्त 

दु:साहसी 

अनुदान 

बेरोजगार 

वितरण 

खुद्दार 

शहादत -दिवस 

पशु 

मोह


इस संग्रह की एक लघुकथा

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उल्टा दिमाग

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एक देश का राजा पागल हो गया था या यूं कहें उसका दिमाग उल्टा सोचने लगा था। जब दिन होता तो वह रात कहता और रात को दिन। सारी प्रजा त्रस्त थी। रात भर प्रजा को जागना पड़ता और दिन भर सोना। देश के बुद्धिजीवियों ने सोचा, कुछ करना चाहिए ,राजा को सही और गलत की जानकारी देनी चाहिए। बुद्धिजीवियों का एक दल मुंह अंधेरे ही राजा के पास पहुंचा उस समय राजा सोने की तैयारी कर रहा था। उसकी मेज पर हरे- पीले अखबार और सचित्र पुस्तकें रखी थीं क्योंकि उसके उल्टे दिमाग के कारण देश को सही दिशा इन्हीं पत्रों- पुस्तकों से मिल सकती थी। बुद्धिजीवी जब उसे समझाने लगे कि दिन को दिन और रात को रात कहना चाहिए तो उसने अपने मुस्तैद सिपाहियों को बुद्धिजीवियों को गिरफ्तार करने का हुक्म दिया और सवेरे -सवेरे सोने के लिए चला गया।


प्राणेश कुमार

*जन्म तिथि ---11जनवरी,1955

*जन्मस्थान--- गोला, जिला-रामगढ़ (झारखंड)

*शिक्षा---स्नातक, तकनीकी शिक्षा में डिप्लोमा

*प्रकाशित पुस्तकें---1. एक ही परिवेश (अन्य पांच कवियों के साथ)  2.       सख्त जमीन के लिए (कविता संग्रह)  3. तुमसे मुखातिब (कविता संग्रह)   4. हंसता है सूत्रधार (कविता संग्रह) 5. ढाई आखर (कविता संग्रह) 6.   खोया हुआ आदमी (लघु कथा संग्रह)  7. जुस्तजू रोशनी की  (गजल   संग्रह)  8.निशा का अंतिम प्रहर (गीत संग्रह)

*संपादित पुस्तकें---1. आम आदमी के लिए (कविता संग्रह) 2. एक गीत   लिखने का मन (गीत संग्रह) 3. रोशनी की लकीरे (कविता संग्रह) 4   समकालीन कहानियां (कहानी संग्रह) 5. नया मिजाज (गजल संग्रह) 6   बोनेक बोल (खोरठा कविता संग्रह)

*पत्रिका संपादन---कई पत्र-पत्रिकाओं के संपादन से जुड़ाव। साहित्यिक   पत्रिका'युद्धरत आमआदमी ' का दस वर्षों से अधिक समय तक संपादन ।*अन्य---*देशभर के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में सैकड़ों रचनाएं  प्रकाशित।

 *विभिन्न साहित्यिक सामाजिक संस्थाओं से जुड़ाव। 

 *रचनाओं का अन्य भाषाओं में भी अनुवाद। 

 *राजकीय सेवा से सेवानिवृत्त ।

*संपर्क--प्रधान टोला, गोला, जिला- रामगढ़ ( झारखंड)

           पिन कोड-829110

मो.न.-8789277587, 9204442169 

email--kumarpranesh2011@gmail.com

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