लघुकथा-संकलन-1981/कमल चोपड़ा (सं.)
प्रकाशन वर्ष: 1981
संपादक: कमल चोपड़ा
नरेन्द्र कोहली का आलेख:
विधा के जोखिम
प्रेम जनमेजय का आलेख:
लघुकथा : एक सम्पूर्ण अभिव्यक्ति
कमल चोपड़ा का आलेख:
नजरअंदाज़ होते अवयवों की सूक्ष्मदर्शी पकड़ और यह इकाईयां
रमेश बत्तरा
माँएं और बच्चे, नागरिक, खोया हुआ आदमी, नौकरी, हालात
पृथ्वी राज अरोड़ा
अहसास, दस पैसे, महानता, दु:ख, पढ़ाई
डॉ० सतीश दुबे
सल्तनत कायम है, भीड़ में खोया आदमी, संस्कार, संवेदना, स्वापिंग
भगीरथ
दहशत, दाल रोटी, लाइसेंस, यस सर, गंगाजल
मोहन राजेश
मातृत्व, हमसाया, राहें बंद हैं, काली लक्ष्मी, वर्जनाएं व्यवस्था और संघर्ष
महावीर प्रसाद जैन
संस्कार, श्रम, जिन्दगी, हाथ वाले, हुनर
कमलेश भारतीय
देश, जुगाली, राजनीति, किसान, अपने आदमी
मातादीन खरवार
योजना, सिर खपाई, एक चिन्ता, सफाई, धंधे का गुर
सिमर सदोष
दाम्पत्य, अपना-अपना दुःख, विष पुत्र, जेबकतरा, अग्नि परीक्षा
अन्जना अनिल
इज्जत, वह, बदला, दुनियादारी, हींग लगे न फिटकरी
अशोक कुमार खन्ना
इनाम, हमेशा, बद-बदतर, बहानेबाज, कर्त्तव्य
सुरेन्द्र मन्थन
रणनीति, प्रतीक्षा, महंगाई, सर्वश्रेष्ठ, राष्ट्रीयकरण
विक्रम सोनी
भूख किसे है, रोगी जमीन, मसीहा, रोजी रोटी, हराम की रोटी
कुलदीप जैन
हितचिंतक, अवमूल्यन, सामाजिक असामाजिक, हादसे के बीच, अघोषित पराजय, हितचिंतक
शकुन्तला किरण
धुन्धला दर्पण, कोहरा, मौखिक परीक्षा, शोप इन्सपेक्टर, कैरियर
राज कुमार गौतम
अ-यात्रा, असल बात, अ-राजनैतिक फैसला, अंतिम शर्त, दृष्टि बद्धता
कृष्ण कमलेश
अनासक्त, बदलाव, हू-बहू, शोषण, पेंशन
बलराम
बेटी की समझ, खाली पेट, मृगजल, फन्दे और फन्दे, बहू का सवाल
जगदीश कश्यप
ममता, औकात, सम्बंध, गुण्डा, न्याय के बावजूद
कमल चोपड़ा
ऊंचाईयां, पीले हाथों के लिये, इधर न उधर, बाहरी सूचना, खेल
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