लघुकथा-आलोचना-2014/डॉ. अशोक भाटिया
लेखक : डॉ. अशोक भाटिया
प्रकाशक : हरियाणा ग्रंथ अकादमी, पंचकूला
आईएसबीएन: 978-81-926836-3-8
वर्ष: 2014
अनुक्रम
लघु अनन्त लघुकथा अनन्ता
हिन्दी लघुकथा का विकास
हिन्दी लघुकथा: यथार्थ के आयाम (एक)
हिन्दी लघुकथा: यथार्थ के आयाम (दो)
हिन्दी लघुकथा : प्रमुख रचनाकार
समकालीन लघुकथा: शिल्प और भाषा
हिन्दी लघुकथा: कलात्मक उत्कर्ष के आयाम
समकालीन हिन्दी लघुकथा: उपलब्धियाँ और सीमाएं
अशोक भाटिया
जन्म : 1955 अम्बाला छावनी (पूर्व पंजाब)
मातृभाषा: पंजाबी ।
रिटायर्ड एसोसिएट प्रोफेसर ।
प्रकाशित पुस्तकें : अब तक 35 पुस्तकें प्रकाशित । लघुकथा रचना और आलोचना के प्रमुख हस्ताक्षर। दो कविता संग्रह, दो - लघुकथा संग्रह – 'जंगल में आदमी', 'अँधेरे में आँख़' (मराठी, - तमिल, बांग्ला में भी), 'बालकाण्ड' (बाल लघुकथाएं)। बहुचर्चित संपादित पुस्तकों में 'पैंसठ हिंदी लघुकथाएं (दो सं.), 'निर्वाचित लघुकथाएं' (चार सं.) और 'नींव के नायक' । लघुकथा - विमर्श में 'परिंदे पूछते हैं (दो सं.) और आलोचना में 'समकालीन हिंदी लघुकथा' आदि ।
सम्मान : हरियाणा साहित्य अकादमी के घोषित 'बाबू बालमुकुंद गुप्त सम्मान' (2017) सहित अमृतसर, कोलकाता, पटना, शिलॉन्ग, इंदौर, हैदराबाद, रायपुर आदि की संस्थाओं द्वारा सम्मानित ।
संपर्क : बसेरा, 1882, सेक्टर 13, करनाल - 132001 (हरियाणा) ।
फोन : 184-2201202, मो. : 9416152100 ईमेल : ashokbhatiahes@gmail.com
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