लघुकथा-संग्रह-2019/भारती वर्मा बौड़ाई (डॉ)
लेखिका- डा. भारती वर्मा बौड़ाई
प्रकाशक- अन्तरा शब्दशक्ति प्रकाशन वारासिवनी, मध्यप्रदेश
ISBN- 978-93-86666-11-6
लघुकथाएँ
१- इस बार की बारिश
२- रक्षाबंधन ऐसा भी
३- नीम दोस्त
४- नया सवेरा
५- पहला पग
६- बदला मौसम देर से
७- उड़ान
८- नयी सोच
९- अगर मैं न मानता तो...?
१०- बचपन की यारी
११- अपना पराया
१२- आत्मसम्मान
१३- अचानक
१४- अनोखा रक्षाबंधन
१५- अपने हिस्से का काम
१६- चयन
१७- सहेली
१८- सलाह
१९- पाठशाला
२०- लूडो
२१- मिटते फासले
२२- रंग
२३- असली श्राद्ध
२४- हिंदी डे
२५- आरंभ
२६- शोर
२७- विस्फोट
२८- बचत
२९- जन्मदिन
३०- नयी पहचान
'पगडंडियों पर चलते हुए' से एक लघुकथा 'असली श्राद्ध'
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बहुत दिनों से मनो-मस्तिष्क में चलने वाले विचारों के प्रवाह को आज ध्वन्या ने एक किनारा प्रदान किया था।
श्राद्ध की पूजा सम्पन्न होते ही ध्वन्या अपने पिता की पुस्तक जो उसने एक सप्ताह पूर्व प्रकाशित करवाई थी, लेकर आई और पंडित जी के सामने रखी।
"पंडित जी! पूजा करके आप इस इस पुस्तक का अपने हाथों विमोचन कर दीजिए। पिताजी की आत्मा उनके लेखन में बसती थी। आज अपनी इस पुस्तक को प्रकाशित देखकर उनकी आत्मा अवश्य संतुष्ट और तृप्त होगी।"
पूजा के बाद जब पंडित जी ने पुस्तक तस्वीर के पास रखी तो उसे जैसे पिता आशीर्वाद देते हुए कह रहे हों...मेरा असली श्राद्ध तो आज हुआ है।
डॉ. भारती वर्मा बौड़ाई
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