लघुकथा-विशेषांक-2017/कुंवर प्रेमिल (अ.सं.)

(सूर्यकांत नागर जी के सौजन्य से)

प्राची : वर्ष 8 अंक : 07 अक्टूबर 2017

सम्पादक  : राकेश भ्रमर 

अतिथि सम्पादकीय : डॉ. कुंवर प्रेमिल

इस अंक में

लघुकथा संबंधी आलेख 

लघुकथा का प्रकाशन (परिचर्चा)

आयोजक : डॉ. कुंवर प्रेमिल 

प्रारंभिक काल की लघुकथाएं (1875-1920) : डॉ. रामकुमार घोटड़

सामाजिक विद्रूपताओं पर प्रहार करती लघुकथाएं : पुरुषोत्तम दुबे

लघुकथा : कुछ स्फुट विचार : माधव नागदा

लघुकथायें

कमल चोपड़ा: 16; बलराम अग्रवाल 16; मधुदीप-18; डॉ. मधुकांत-19; राजकुमार घोटड़-20; सतीश राठी-21; सुरेन्द्र जांगिड़ उदय-22; सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा-23; डॉ. कुंवर प्रेमिल 24; माधव नागदा-26; आभा सिंह 27; आशा भाटी 28; वन्दना सहाय-30; उज्ज्वला केलकर 31; डॉ. अंजना अनिल-32; डॉ. पुष्पा जमुआर-33; सूर्यकांत नागर-34; महावीर उत्तरांचली-35; प्रदीप शशांक 36; तारिक असलम 'तस्नीम' 37; डॉ. सुरेन्द्र प्रसाद 38; डॉ. गीता गीत-39; संगीता शर्मा-40; अंकुश्री-41; डॉ. रामनिवास 'मानव'-42; राजकुमार जैन राजन-42; कीर्ति श्रीवास्तव 43; डॉ. अनुज प्रभात - 43; अतुल मोहन प्रसाद-44; रमेश मनोहरा 45; मुरलीधर वैष्णव 46; देवेन्द्र कुमार मिश्रा 47; डॉ. किशनलाल शर्मा-48; डॉ. के. बी. श्रीवास्तव 48; सुरेश तन्मय 49; श्यामसुन्दर 'सुमन' 50; दिनेशनंदन तिवारी- 50; सीमा जैन-51; नरेन्द्र श्रीवास्तव-51; शरदचन्द्र राय श्रीवास्तव 52; केसरी प्रसाद पांडेय 'वृहद'-52; रघुवीर अम्बर-52: पूर्णिमा मित्रा 53; श्याम कुमार राई 53; किशोर वागरे 53; रेणु चन्द्रा माथुर 54; अशोक अंजुम-54; रामयतन यादव-55 प्रतापसिंह सोढ़ी-55; राधेश्याम पाठक 'उत्तम'-56; नीतू सुदीप्ति 'नित्या' 56; राजेन्द्र परदेसी-57; प्रभात दुबे-- 57: डॉ. पूरन सिंह 58; आनन्द कुमार तिवारी 59; महावीर रवांल्टा-59; डॉ. सतीश दुबे 60; पारस दासोत- 60; सुरेश शर्मा-60; महेन्द्र महतो-60; डॉ. गायत्री तिवारी - 61; डॉ अमरनाथ 'अब्ज' - 61; शंकर पुणतांबेकर-61; महेन्द्रसिंह महलान-61; गुरुनाम सिंह रीहल - 62; मनोहर शर्मा माया 62; श्रीराम ठाकुर 'दादा'-62; मृदुला श्रीवास्तव-63; डॉ भावना शुक्ल 63; किशोर श्रीवास्तव 64; कृष्ण मनु-65; डॉ. सुषमा गुप्ता 65; ललित सिंह राजपुरोहित 66; नज्म सुभाष -67; नीरज नीर-68; ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश' - 68; प्रदीप कुमार 69; राजेश माहेश्वरी-69; शालिनी गोयल-70; राकेश भ्रमर-71

आलेख पत्र / आलेख

विघटन के क्षणों की मार्मिक अभिव्यक्ति : ममता कुमारी

विभूतिनारायण राय के उपन्यास : रणजीत कुमार विमल

नियमित स्तम्भ

संपादक 

डॉ कुँवर प्रेमिल 

एम आई जी 8, विजय नगर, 

जबलपुर-482002

मो.: 93018 22782

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