लावा-1987/विक्रम सोनी (संपादक)
संपादक : विक्रम सोनी
प्रथम संस्करण : जनवरी 1987
आई.एस.बी.एन. : नहीं
प्रकाशक : महत्व प्रकाशन, 102, जगजीवनराम नगर, इंदौर-452008, म.प्र.
अनुक्रमणिका :
भूमिका :
अशोक भाटिया
लघुकथायें:
कमलेश भाारतीय
डॉ, सुरेन्द्र मंथन
हमदर्द वीर नौशहरवी
पांथी ननकानवीे
सुलक्खन मीत
कर्मवीर सिंह
विजय
शरन मक्कड़
जगदीश अरमानी
महताब उद्दीन
डॉ. रामसिंह ‘आजाद’
अजीत सेनी
मोहन शर्मा
मोहन सिंह प्रीत
भूपिन्दर सिंह
गुलवन्त मलौदवी
अशोक भाटिया
श्यामसुन्दर अग्रवाल
दर्शनसिंह ‘आश्ट’
यश खन्ना ‘नीर’
भूपिन्दर सिंह ‘आश्ट’
प्रेम विज
बलराम अग्रवाल
महावीर प्रसाद जैन
भीखी प्रसाद ‘‘वीरेन्द्र’
संजीव
नीरज दइया
राधेश्याम शर्मा ‘श्याम’
नन्दकुमार सिंह
अशोक लव
पवन शर्मा
मुकेश शर्मा
पारस दासोत
देवी प्रकाश
कमल चौपड़ा
सिन्हा ‘विरेन्द्र’
विक्रम सोनी
नीलम
सुरेश शर्मा
सतीशराज पुष्करणा
डॉ. सतीश दुबे
कुलदीप जैन
सतीश राठी
रमाशंकर श्रीवास्तव
राजेन्द्र मोहन त्रिवेदी ‘बन्धु’
लेख
भगीरथ
संकलन से एक प्रतिनिधि लघुकथा :
आधा आदमी / जगदीश अरमानी
-तुम्हें यहां नौकरी मिल सकती है।
-सच! वाह-वाह! बहुत-बहुत धन्यवाद।
-परन्तु एक शर्त पर।
-बताएं शीघ्र, कौन-सी शर्त?
-तुम्हें तनख्वाह आधी ही मिलेगी।
-हें! ... ... क्यों?
-तुम्हारा एक हाथ और एक पाँव नहीं है। काम तो तुम आधे आदमी जितना ही करोगे।
-... ... ... ... ....!
-क्यों, बोलो स्वीकार है?
-एक शर्त पर!
-वह कैसी?
-कृपा करके पहले आप मेरा आधा पेट काट दें।
विक्रम सोनी
जन्म तिथि : 25.05.1943
जन्म स्थान : तत्कालीन कोरिया स्टेट (वर्तमान में छत्तीसगढ) का ग्राम बैकुंठपुऱ।
देहावसान : 04 जनवरी 2016।
शिक्षा : हिन्दी में स्नातकोत्तर एवं यान्त्रिकी में उपाधि।
योगदान : 1964 से म.प्र. सरकार की शासकीय सेवा में रहे। 1981 से लघुकथा की समर्पित और महत्वपूर्ण लघु पत्रिका- आघात/लघुआघात के प्रकाशन एवं संपादन के माध्यम से लघुकथा की विकास यात्रा में अतुलनीय योगदान किया। लघुकथा के साथ कविता, कहानी एवं समीक्षा लेखन में कई दशक तक सक्रिय रहे। जीवन के अंतिम वर्षों में शारीरिक अस्वस्थता के कारण साहित्य में सक्रिय नहीं रह सके। कई लघुकथा संकलनों- छोटे-छोटे सबूत, पत्थर से पत्थर तक, मानचित्र एवं लावा का संपादन किया। ‘उदाहरण’ सोनी जी का एकमात्र उपलब्ध लघुकथा संग्रह है। आपके कुछ कविता संग्रह/संकलन भी प्रकाशित हुए थे।
सम्मान व पुरस्कार : लघुकथा लेखन-संपादन के लिए अखिन भारतीय स्तर पर 1983 में प्रज्ञा पुरस्कार तथा म.प्र. प्रगतिशील लेखक संघ द्वारा 1985 में स्व. भवानी प्रसाद स्मृति पुरस्कार।
परिवार का पता : बी-4, तृप्ति विहार, इन्दौर रोड, उज्जैन, म.प्र.
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