काली सोच / शिखा कौशिक 'नूतन'
लघुकथा-संग्रह : काली सोच
कथाकार : शिखा कौशिक 'नूतन' (डाॅ.)ISBN: 978-93-89298-35-2
मुद्रक एवं प्रकाशक :
उत्कर्ष प्रकाशन
मुख्य कार्यालयः
142, शाक्य पुरी, कंकरखेड़ा, मेरठ कैन्ट- 250001 ( उ.प्र0)
फोन: 8791681996
प्रशासनिक कार्यालयः
लोहिया गली- 4, बाबरपुर, शाहदरा,
दिल्ली- 110094
ई-मेल : uttkarshprakashan@gmail.com
वेबसाइट : utkarshprakashan.in
फोन: 9897713037
प्रथम संस्करण : 2020
मूल्य : 150
लेखिका की कलम से
• हिंदी साहित्य यदि एक सुवासित सुदर्शन उपवन के समान है तो इसकी विभिन्न विधाएँ फलते-फूलते पुष्पों की भांति हैं। हिंदी काव्य-साहित्य की भांति गद्य-साहित्य भी उपन्यास, कहानी, संस्मरण, रेखाचित्र, आत्मकथा आदि रोचक, मनमोहक विधाओं के माध्यम से पाठक वर्ग में विशिष्ट पहचान बना चुका है। किन्तु आज यदि हिंदी गद्य-साहित्य में किसी विधा ने सबसे गहरी पैठ बनायी है तो वह है- लघुकथा लघुकथा हिंदी गद्य साहित्य रूपी उपवन में मधुमक्खी की भांति सुन्दर पुष्प रूपी विषयों को चुन-चुनकर उनपर मंडराकर, चूसकर मधु रूपी आनंद की सृष्टि तो करती ही हैं। साथ ही व्यंग्य के नुकीले डंक भी चुभो देती हैं। मधुमक्खी की ही भांति छोटे से आकार वाली यह विधा बिहारी के दोहों की भांति गंभीर घाव करने में सक्षम है। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. जय प्रकाश मानस के अनुसार-'लघुता ही लघुकथा की प्रभुता है और उसमें जो कथा है वही इस लघुता की प्रभुता है। मैं एक योग्य पाठकहीन दृष्टि से लघुकथा के समूचे भूगोल को एक ही बार में देखना चाहता हूँ, यानी कि शीर्षक से लेकर उसके लेखक का नाम एक ही बार में दिख जाए। उसके लिए पन्ना पलटने की बाध्यता न रहे। ' अधिकांशतः लघुकथा के आकार के सन्दर्भ में मेरा भी यही प्रयास रहा है। विधा-विशेष का लेखन शब्दों के अनुशासन से बंधा है और मैं इससे पूर्णतः सहमत हूँ। प्रस्तुत संग्रह की कुछ लघुकथाओं को अति-लघुकथा की श्रेणी में भी रखा जा सकता है।
प्रस्तुत लघुकथा संकलन में प्रस्तुत लघुकथाएं विभिन्न घटनाओं, व्यक्तियों, परिस्थितियों से प्राप्त अनुभवों की देन हैं। आशा करती हूँ कि पाठक वर्ग का स्नेह व मार्गदर्शन पूर्व की भांति ( क्योंकि औरत कट्टर नहीं होती- प्रथम लघुकथा संग्रह ) पुनः प्राप्त होगा ।
जय हिन्द ! जय भारत !
डॉ. शिखा कौशिक 'नूतन'
अनुक्रम
प्रेम की अभिव्यक्ति
लालच की सीमा
ईमान
शाकाहारी - मांसाहारी
गर्मी की शुरूआत
बदलाव
चारों उँगलियाँ घी में
देशभक्त पत्रकार
बाप की सरकार
ईमानदारी की मिसाल
सियासती रोटियां
सच्चा हिन्दू
सियासत की समझ
कर्तव्य परायणता
धैर्यहीन
कट्टरता विरोधी
बलात्कार
झूठ की तरक्की
धैर्य
बदलता वक्त- बदलती सोच
मीडिया हाउस
मानसिक रोग
काली सोच
जिंदगी का नशा
राखी
कटखने
जिस्म
ये अश्लील है
वह अच्छी लड़की नहीं है
शर्मिदा
गरमागरम मामला
गरिमा
फरार
बोल्ड लेखिका
स्वाभिमान
नेट
कोई विकल्प नहीं
दो-दो माँ
असुरक्षा
सीली लकड़ियों का गुबार
दीवार
सत्संगति का लाभ
अंडरस्टैंडिंग
वसुधा
हमारे देशभक्त नेता
नहले पर दहला
दंड के वास्तविक अधिकारी
अन्तर
कार्यवाही
पति नहीं दोस्त
सच तो यही है
अकेला मर्द
वीभत्स विकास
दबंगई
विद्रोही स्वर
असंभव
विश्वास
भ्रष्ट खाता
सेवाभावी नेता जी
आकर्षण
मजबूत चरित्र
ज्यादा जरूरी
पहचान
माहौल का रोना
रक्षा सूत्र
क्या होगा भाईसाब ?
सहारे
अनमोल मुस्कान
पैसे की समझ
सच्चा दोस्त
बड़े आदमी की पहचान
अनुशासन की सीख
स्वतंत्र लड़की
क्या कपड़े पहने हैं ?
नीच - भाग्य
औरत की अस्मिता
मिल गया उत्तर ?
हिन्दू - एकता
काली सोच
जय जवान जय किसान
लघुकथा का वर्तमान (शोधालेख)
डॉ. शिखा कौशिक
शिक्षा : अर्थशास्त्र व हिंदी विषय में स्नातकोत्तर हिंदी में यू.जी.सी-नेट, पीएच डी. हिंदी, 2012माता : स्व. बीना कौशिक जी अधिवक्ता
पिता : स्व. कौशल प्रसाद जी अधिवक्ता
सम्प्रति : असिस्टेंट प्रोफेसर, हिंदी, डी. ए. वी. पी. जी. कॉलेज, बुढाना-मुजफ्फरनगर (उ.प्र.)
प्रकाशित रचनाएँ :
लघुकथा संग्रह : क्योंकि औरत कट्टर नहीं होती
काव्य संग्रह : खामोश खामोशी और हम, ये तो मोहब्बत नहीं, सरनेम गांधी
साझा काव्य संग्रह : 'शब्द-संवाद' में रचनाएं प्रकाशित।
अन्य : उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, द्वारा लघुकथा संग्रह 'क्योंकि औरत कट्टर नहीं होती' 2015 के लिए 'पंडित बद्री प्रसाद शिन्गलु स्मृति पुरस्कार' से सम्मानित। सृजन गाथा डॉट कॉम द्वारा मिस्र में आयोजित ग्यारहवें अन्तर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में सहभागिता व कविता के लिए प्रमोद वर्मा युवा सम्मान 2016, गुरु घासीदास सम्मान 2016 से सम्मानित । महाविद्यालय स्तर पर 'सर्वश्रेष्ठ छात्रा' के पुरस्कार से सम्मानित, एन. एस. एस. योजना के अंतर्गत श्रेष्ठ छात्रा के रूप में महाविद्यालय में पुरस्कृत, कहानी कविता व निबंध प्रतियोगिताओं में महाविद्यालय में पुरुस्कृत। सुरभि सलोनी पत्रिका में नियमित कहानियाँ, आलेख प्रकाशित । 'जनवाणी' में कहानियाँ व लघुकथाएं प्रकाशित, दैनिक जागरण के 'जागरण-जंक्शन' में रचनाएं प्रकाशित ।
सम्प्रति : स्वतंत्र लेखन
वर्तमान साहित्यिक गतिविधियाँ : कई ब्लॉग्स पर ज्येष्ठ भगिनी सुश्री शालिनी कौशिक एडवोकेट के साथ नियमित रूप से रचनाओं का प्रकाशन
ब्लॉग लिंक : भारतीय नारी - http://bhartiynari.blogspot.com मेरी
कहानियाँ : http://shikhapkaushik.blogspot.com
ई-मेल :
shikhakaushik666@hotmail.com at. 9359601963
सम्पर्क सूत्र : पुत्री श्री कौशल प्रसाद, सीता चौक, कांधला, शामली, पिन - 247775
बहुत बहुत आभार आदरणीय।
जवाब देंहटाएं