मधुदीप केंद्रित विशेषांक-2023 / उमेश महादोषी (संपादक)
पत्रिका : अविराम साहित्यिकी (जनवरी-मार्च। 2023) संपादक : डाॅ. उमेश महादोषी ।। माइक पर / उमेश महादोषी ।। ■ मधुदीप जी दैहिक रूप में आज हमारे बीच नहीं हैं किन्तु क्या हममें से कोई कह सकता है कि मधुदीप जी आज हमारे बीच नहीं हैं? निश्चित रूप से नहीं! एक सुगन्ध है, जिसमें वे हैं। एक भावना है, जिसमें वे हैं और भावना का प्रेरक जो यथार्थ है, उसमें भी वे हैं। वास्तविकता तो यह है कि यथार्थ ने ही उन्हें जीवन देकर भावना के उन्नयन और सुगन्ध के विस्तार में समाहित किया। यदि ऐसा नहीं होता तो इक्कीसवीं सदी में किसी ने उनका नाम नहीं सुना होता। सेतु हेतु और परिणाम के पड़ावों से गुजरती यात्रा के साक्षी बिरले ही बन पाते हैं। मधुदीप जी के सन्दर्भ में लघुकथा श्रृंखला पड़ाव और पड़ताल उतना महत्वपूर्ण नहीं है, महत्त्वपूर्ण दिशा प्रकाशन, दिशा सम्मान भी नहीं हैं, महत्वपूर्ण 'नमिता सिंह के माध्यम से लघुकथा के पात्रों की सक्रियता एवं साहस का रेखांकन भी नहीं है, 'लघुकथा के समीक्षा - बिन्दु के माध्यम से लघुकथा को विभिन्न कोणों से समझने का आधार भी महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण यह भी नहीं है क