अंततः / मधु जैन
कथाकार : मधु जैन
प्रकाशक :
वनिका पब्लिकेशन्स
रजि. कार्यालय : एन ए-168, गली नं 6. विष्णु गार्डन, नई दिल्ली-110018
मुख्य कार्यालय : सरल कुटीर, आर्य नगर, नई बस्ती, बिजनौर- 246701, उ.प्र.
फोन: 09412713640
Email:
contact@vanikaapublications.com,
vanikaa.publications@gmail.com
Website:
www.vanikaapublications.com
संस्करण प्रथम : 2023
कुल पृष्ठ संख्या : 144
मूल्य : दो सौ पचास रुपये $ 15 (पेपरबैक)
मुद्रक : प्रतीक प्रिंटर्स, दिल्ली
ISBN- 978-93-86436-89-4
अपनी बात
मेरा प्रथम लघुकथा संग्रह 'एक कतरा रौशनी' पर दोस्तों, पाठकों और समीक्षकों की सराहना से उत्साहवर्धन हुआ है। इसी फलस्वरूप अब आपके सम्मुख दूसरा लघुकथा संग्रह 'अंततः' है। पाठकों की सकारात्मक टिप्पणियाँ तो उत्साह बढ़ाती ही हैं पर आलोचनात्मक टिप्पणी लेखन में सुधार लाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। 'अंततः' लघुकथा संग्रह में 86 लघुकथाएँ हैं। मेरी कथाएँ समाज में फैली कुरीतियों और अंधविश्वास पर चोट करते हुए उसके समाधान को भी इंगित करती हैं। संग्रह की लघुकथाएँ आपको रोमांचित तो करेंगी ही, साथ ही सामाजिक, पारिवारिक और मानवीय संबंधों पर सोचने के लिए बाध्य भी करेंगी।
आदरणीय पुरुषोत्तम दुबे जी की हृदय से आभारी हूँ जिन्होंने अपना बहुमूल्य समय देकर इस संग्रह की भूमिका लिखी । आदरणीय कुंवर प्रेमिल जी की भी आभारी हूँ, जिन्होंने इस संग्रह पर अपने बहुमूल्य विचार रखे। अब यह संग्रह आपके हाथ में है। मुझे विश्वास है कि पहले लघुकथा संग्रह की तरह, यह भी आपको पसंद आएगा।
मेरी लघुकथाओं को पुस्तक का सुंदर रूप देने के लिए वनिका पब्लिकेशंस और आदरणीय नीरज शर्मा जी की हृदय से आभारी हूँ। मैं अपने सभी दोस्तों को 'अंतत: ' लघुकथा संग्रह सौंपती हूँ। इसमें संजोकर रखी मेरी लघुकथाओं पर अपनी बहुमूल्य टिप्पणियों से ज़रूर अवगत कराइएगा ।
मधु जैन
अनुक्रम
सिसकता दर्द
झिलमिलाते नयन
कठपुतली
पालनहार
खारी बूँदें
हिटलर काकी
अनुवांशिकी
आँचल की छाँव
अनावृत
गिरते मूल्य
टूटती लकीरें
खिचड़ी
खामोश निर्णय
तीसरी रोटी
हवा का रुख
ठंडी बयार
सवाल नाक का
वर्चस्व
चिट भी मेरी पट भी मेरी
अद्भुत विदाई
बे- ताली
रौशनी
संयोग
बदलाव की बयार
बदलते संदर्भ
ब्रांडेड
कांजी हाऊस
देह से परे
आकार से निराकार
परंपराएँ
गूगल दादी
जागरूक मतदाता
अहम्
घायल मन
चिंगारी
आस्तिक
बदलती दिशाएँ
कड़वा सच
रावण वध
रफ कापी
सस्ता सौदा
साझा दर्द
घी और जी
असली खुशी
पदोन्नति
अनुरंजित दिशाएँ
सच्ची सेवा
सलोनी
कड़वी गोली
आत्म निर्णय
आज की सिया
आनंद पथ
गर्म रोटी
लॉक डाउन
क्षरण
पेइंग गेस्ट
उधार का दुख
जिज्ञासु बंटी
ठोको ताली
मेरा सांता क्लॉज़
दूसरा पायदान
पीर परायी
बालकृष्ण
नई सोच
भीगी पलकें
माँ का पल्लू
अपना पराया
स्वाति शुक्ला जिंदा है
कंगन
दुविधा
साँझ की व्यथा
थप्पड़
गिद्ध
बीमारी अच्छी है
चुस्कियों के संग
करेले का जूस
तूफानों के आगे
जनमदिन
प्रारब्ध
कच्छप चाल
सुंदरता
मोह के धागे
तर्कशील बेताल
संबोधन
चौकीदार
अंतर्वेदना
अंतत:
शिक्षा :
बी.एससी., बी.एड
विधा :
लघुकथा, कहानी, कविता
प्रकाशित कृति :
एक कतरा रौशनी (लघुकथा संग्रह)
सम्मान :
1. त्रिवेणी परिषद द्वारा सुनीति सक्सेना स्मृति सम्मान
2. लघुकथा परिंदे द्वारा लघुकथा श्री सम्मान
3. लघुकथा शोध केन्द्र द्वारा श्री पारस स्मृति लघुकथा कृति सम्मान
4. अंतर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच द्वारा पंखुरी सक्सेना लांबा स्मृति कृति सम्मान
5. प्रसंग संस्था द्वारा कथा सृजन सम्मान कथादेश, कथा दर्पण, लघुकथा 2020 प्रतियोगिता में लघुकथा पुरस्कृत।
अनेक साझा संकलनों में लघुकथाएँ प्रकाशित, कई लघुकथा विशेषांकों में लघुकथाएँ प्रकाशित, पत्र-पत्रिकाओं में अनवरत लघुकथाएँ प्रकाशित ।
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