धूप में छिपी छाँह / वंदनागोपाल शर्मा "शैली"

धूप में छिपी छाँह 

वंदनागोपाल शर्मा "शैली"

ISBN 978-93-93901-11-8

सर्वप्रिय प्रकाशन 1569, प्रथम मंजिल, चर्च रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली-110006

मो. 94253-58748

e-mail: sarvapriyaprakashan@gmail.com

आवरण सज्जा : कन्हैया साहू

प्रथम संस्करण : 2022

मूल्य : 100.00 रुपये

कॉपी राइट : लेखिकाधीन

DHOOP MEIN CHHIPEE-CHHAANH BY: VANDANAGOPAL SHARMA 'SHAILEE'

Published by

Sarvpriya Prakashan 1569, First Floor Church Road, Kashmiri Gate, Delhi-110006

Raipur Office Changora Bhatha, Road Behind Imrald Hotel, P.S. City -492013 Mob.: 9425358748 e-mail: sarvapriyaprakashan@gmail.com

First Edition: 2022

Price: Rs. 100.00

अनुभव

आजादी का अमृत महोत्सव में शामिल होने जा रहे हैं हम सब... और इसी उपलक्ष्य में आप सबके सामने है प्रस्तुत मेरी लघुकथाएं नये स्वरूप में ... नाम है किताब का 'धूप में छिपी छाँह' आतुर है आप सबका स्नेहाशीष पाने के लिए !!

अपने विचारों को संगठित कर किया है नया सृजन लघुकथा के रूप में ... हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहें हैं... परंतु पूर्णतः संतुष्ट भी नहीं है... यह सोचकर कि अभी तो आज़ादी शेष है।

'बच्चे व बुजुर्ग न हो हाशिए पर' बच्चा अपनी बात न कह पाएं... बार बार झेपता हैं... अपनी कक्षा में पीछे की सीट चुनता है, क्यों... क्यों... क्यों... क्योंकि वह अपनी कमजोरियां छिपाता है, और जब तक बच्चें कमजोरियां छिपाएंगे • खुलकर अपनी बात नहीं कह पाएंगे, तो आगे बढ़ने में दुविधा आयेगी !

ऐसे में अध्यापकों को भी विशेष ध्यान रखना होगा कि कक्षा में बिना भेदभाव के मित्रवत व्यवहार निभाते हुए... सभी बच्चों को साथ लेकर चलें ! जो धीरे सीखते हैं उन बच्चों के लिए समय निकालकर विशेष ध्यान देवें।

मेरी किताब में पहली रचना एक ऐसी ही बच्ची पर है, जिसे मैंने समझा और आगे बढ़ाया ! बस हम सबको इतना ही करना है। उस बच्ची का मनमस्तिष्क स्वस्थ हैं, सिर्फ़ बोलने में तुतलाती है, यदि उसे नज़रंदाज़ करेंगे तो वह ठहर जायेगी।

मैंने अपनी रचनाओं में बच्चों और बुजुर्गो का विशेष ध्यान रखा है जिन्हें अधिकतर हाशिए पर धकेल दिया जाता है, ऐसा देखा है।

बच्चें भविष्य है और बुजुर्ग हमारे अनुभव है!

पालकों से निवेदन है कि इनका बचपना न छिन जाएं यह भी विशेष ध्यान रखना होगा, साथ ही बुजुर्ग और बच्चे अच्छे दोस्त होते हैं इसलिए इन्हें कभी दूर न किया जाए।

अध्यापकों से भी विनती है कि बच्चों के विकास में पूरा सहयोग दें।

मेरी रचनाएं स्वस्थ माहौल तैयार करें बच्चों के लिए और उन्हें अच्छा नागरिक बनाएं !

इन्हीं आशाओं के साथ

वंदनागोपाल शर्मा 'शैली'

अनुक्रमणिका

१. धूप में छिपी छाँह (बुद्धि की परख)

२. नारी का श्रृंगार

३. खोटा-सिक्का

४. असमानता

५. सम्मान

६. भीतर का शोर

७. इतनी क्रूरता...?

८. नजर अंदाज

९. शुक्र है सब ठीक है...

१०. धन्यवाद

११. फर्क

१२. गर्व है...

१३. जूनियर डॉक्टर

१४. उपहार

१५. बड़की बहु

१६. स्वादिष्ट चिला

१७. दीदी

१८. भाई का प्रेम

१९. नमक की कीमत

२०. पानी की बूंदें

२१. आधा मुनाफा

२२. बड़का भैया

२३. पुण्य

२४. इत्ती सी खुशी

२५. मनमानी

२६. सहचरी

२७. मीठा घेवर

श्रीमती वंदनागोपाल शर्मा 'शैली'

पति : श्री गोपाल शर्मा

ससुर जी : राधेश्याम जी (माधूका) शर्मा

पिता : श्री लक्ष्मीचंद शर्मा

जन्मस्थान : राजनांदगांव

स्नातकोत्तर (मनोविज्ञान और हिंदी साहित्य)

शिक्षा

बाल-किशोरों के लिए परामर्श एवं निर्देशन (मनोविज्ञान)

संप्रति :पूर्व में अध्यापन कार्य किया है। वर्तमान में बाल-किशोरों के लिए परामर्श और साहित्य व सामाजिक सेवा।

कृतियाँ प्रकाश्य -

1. काव्य संग्रह' आने की आहट', 2. कहानी संकलन 'अहसास प्रेम का', 3. लघुकथा संग्रह' धूप में छिपी छांह' और कुछ साझा सम-सामयिक संकलन में रचनाएं प्रकाशित । दो किताबें प्रकाशकाधीन हैं।

रचनाकर्म

बाल भारती, ककसाड़, साहित्य अमृत, दिव्य छत्तीसगढ़, राजस्थान पत्रिका, बालवाणी, लघुकथा वृत्त, मधुरिमा, गूंजन, संगिनी, विप्र वार्ता, हम हैं राजस्थानी, आलोक पर्व, सबेरा संकेत, लघु पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन, आकाशवाणी के माध्यम से कविता व कहानियों का प्रसारण। साथ ही हिंदी का प्रचार-प्रसार।

सम्मान

राष्ट्रभाषा अलंकरण पंचमढ़ी (2016), राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा सम्मान (2015,2017), मधुकर बाल सृजन सम्मान म.प्र. (2018), राष्ट्रीय महिला काव्य सम्मान (2018),

भाटापारा ग्रेन सिटी मा. युवामंच द्वारा साहित्य प्रतिभा सम्मान (2018), छत्तीसगढ़ महतारी सम्मान (2019), महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान (2019), राजस्थानी लालसोट समाज द्वारा साहित्य सम्मान (2019), छत्तीसगढ़ी लोककला उन्नयन मंच द्वारा काव्य श्री सम्मान (2022), लघुकथा श्री सम्मान, लघुकथा शोध केंद्र भोपाल (2022), इसके अलावा दो दर्जन से अधिक...

साहित्यिक व सामाजिक सम्मान जिसमें राष्ट्रीय सम्मान भी शामिल है। विशेष रूचि अध्ययन, गायन, ज्योतिष का थोड़ा ज्ञान तथा पुरानी टूटी वस्तुओं को नया रूप देना !

दूरभाष : 9302839704

मेल : Vandanagopalsharma77@gmail.com

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